बंगलूरू: कर्नाटक सरकार ने दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल क्षेत्र में कथित तौर पर पिछले दो दशक से हो रही हत्याओं, यौन हमलों और महिलाओं की गुमशुदगी के गंभीर आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। यह आदेश 19 जुलाई को जारी किया गया था, जिसे रविवार को मीडिया के साथ साझा किया गया। एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा विभाग) प्रणव मोहंती करेंगे। टीम में एम. एन. अनुचेत (अतिरिक्त पुलिस आयुक्त – भर्ती), सौम्या लता (उप पुलिस आयुक्त – सीएआर मुख्यालय) और जितेंद्र कुमार दायमा (पुलिस अधीक्षक – आंतरिक सुरक्षा विभाग) भी शामिल हैं।

कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने उठाया मामला
यह कदम कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी के पत्र के बाद उठाया गया है। उन्होंने कोर्ट में दिए गए एक व्यक्ति के बयान का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि धर्मस्थल इलाके में सैकड़ों शव दफनाए गए हैं। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स को भी गंभीरता से लिया है, जिनमें एक मानव खोपड़ी मिलने और एक लापता मेडिकल छात्रा के परिवार की ओर से दिए गए बयानों का जिक्र किया गया था। आयोग ने कहा कि ये सारी रिपोर्ट और कोर्ट में दी गई गवाही यह दिखाती हैं कि बीते 20 वर्षों से महिलाओं और छात्राओं के साथ शोषण, असामान्य मौतें और गुमशुदगी की एक गंभीर और लगातार चलती आ रही घटनाओं की श्रृंखला है।

धर्मस्थल थाने में दर्ज किया गया मामला
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 211(ए) के तहत धर्मस्थल थाने में मामला दर्ज किया गया है। एसआईटी को न केवल मौजूदा मामले की, बल्कि राज्यभर के अन्य थानों में दर्ज या भविष्य में दर्ज होने वाले सभी संबंधित मामलों की जांच का अधिकार दिया गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) इन मामलों को एसआईटी को सौंपेंगे और उन्हें जरूरी कर्मचारी भी उपलब्ध कराएंगे। एसआईटी दक्षिण कन्नड़ जिला पुलिस कार्यालय के संसाधनों का उपयोग करते हुए काम करेगी और अपनी प्रगति रिपोर्ट डीजीपी को नियमित रूप से देगी। जांच की पूरी रिपोर्ट सरकार को डीजीपी के माध्यम से जल्द से जल्द सौंपी जाएगी।

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