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हेल्थ

सर्दी के मौसम में हल्दी का सेवन करने से होने वाले फायदे के बारे में नहीं जानते होंगे आप

आप सभी जानते हैं कि हल्दीआपके लिए एक चमत्कारिक औषधि के रूप में काम करती है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों  में हल्दी का सेवन कैसे और क्यों करना चाहिए और यह आपको कौन सी बीमारियों से दूर रख सकती है।

हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जिसमें एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह सभी नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर  के रूप में काम करता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि हल्दी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह कैंसर और अल्जाइमर को रोक सकता है। इतना ही नहीं हल्दी को अपने डाइट में शामिल करने से हार्ट हेल्थ में भी सुधार हो सकता है।

हल्दी का सेवन करने से सामान्य सर्दी साइनस, दर्दनाक जोड़ों, अपच, और सर्दी और खांसी से राहत मिलती है। ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम और फ्लू होना आम बात है। इनसे निजात पाने के लिए आप हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। हल्दी बैक्टीरिया के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है और गले की खराश से राहत दिलाती है.

मधुमेह नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक हर्बल उपचार हैं ये सब्जी, एक बार जरुर देखें

आमतौर पर सभी जानते हैं कि करेला सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है, लेकिन कड़वा होने के कारण कम ही लोग इसे पसंद करते हैं। इसके अलावा, करेले मधुमेह नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक हर्बल उपचार भी प्रदान करता है। कारमेल में इंसुलिन को नियंत्रित करने वाले मधुमेह जैसे पोषक तत्व होते हैं।

इन्हें पॉलीपेप्टाइड पी या पी इंसुलिन के रूप में जाना जाता है। ये तत्व स्वाभाविक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करते हैं। खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए कार्ला का जूस बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, कार्ला का रस शरीर के इंसुलिन को सक्रिय करता है। इससे लगातार ब्लड शुगर कांपता है।

ताकि चीनी वसा में परिवर्तित न हो और शरीर में जमा न हो। इस तरह से कार्ला का जूस भी बढ़ते वजन को रोकता है। प्रत्येक दिन आपके द्वारा लिए जाने वाले करेला के रस की मात्रा डॉक्टर द्वारा बताई जानी चाहिए, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की खुराक अलग होती है। कैरला को साफ करें और उसमें सफेद अवशेषों को हटा दें।

नींबू और नमक को छोटे टुकड़ों में जोड़ा जा सकता है, कड़वाहट को दूर करने के लिए, आधे घंटे के लिए पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद रस को मिक्सर में बनाया जा सकता है।अगर पाचन संबंधी कोई समस्या है तो करेले का जूस उसमें भी फायदा करता है।

साथ ही यह दिमागी विकास में भी मदद करता है और उसे सेहतमंद रखता है।करेले में ऐंटी-माइक्रोबियल और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो खून को साफ करने में मदद करती हैं। इस वजह से एक्ने और पिंपल जैसी स्किन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

कैंसर के साथ साथ अस्थमा के इलाज में बेहद मददगार हैं करेले का जूस, देखिए इसके फायदे

करेला का नाम सुनते ही लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन खाने में करेला जितना कड़वा लगता है, आपकी हेल्‍थ के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। खासतौर पर इसे डायबिटीज का काल माना जाता है।

करेला का जूस पीने से आप अपनी डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं। इतना ही नहीं यह आपकी स्किन प्रॉब्‍लम्‍स को दूर करने से लेकर बालों और हेल्‍थ के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

कैंसर से बचाता है

करेले का जूस कैंसर कोशिकाओं की क्षमता को सीमित करता है और इस प्रकार कोशिकाओं के ऊर्जा स्रोत को कम करता है और साथ ही उसे मार देता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि करेला का जूस स्तन कैंसर का इलाज कर सकता है.

अस्थमा के इलाज में मदद करता है

नियमित रूप से करेला का रस पीने से पुरानी खांसी को दूर करने में मदद मिलती है. करेला का रस अस्थमा और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है.

त्वचा में निखार लाता है

करेला शरीर में खून को शुद्ध करने में मदद करता है. यह त्वचा से रेखाओं को हटाने में भी मदद कर सकता है. इस प्रकार, करेला का रस त्वचा को साफ करने के खास होता है.

विटामिन डी के अधिक सेवन से प्रतिभागियों के शरीर में कम होती हैं वसा की मात्रा

विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर के समुचित कार्य के लिए जरूरी है. विटामिन डी मांसपेशियों, प्रतिरक्षा प्रणाली और कोशिका वृद्धि के लिए जरूरी है; सूजन को कम करने के अलावा, विटामिन डी रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करता है और हृदय की रक्षा  करने के लिए जाना जाता है.

क्या कहती है स्टडी? एक हेल्थ इंस्टीयूट के अनुसार वजन कम करने और विटामिन-डी के बीच संबंधों पर रिसर्च की गयी. एक अन्य रिसर्च के अनुसार विटामिन डी के अधिक सेवन से प्रतिभागियों के शरीर में वसा की प्रतिशत में कमी आ गयी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि क्योंकि विटामिन डी शरीर में वसा के भंडारण और उत्पादन को प्रभावित करती है. यह आपके शरीर में अन्य हार्मोन जैसे टेस्टोस्टेरोन और न्यूरोट्रांसमीटर (सेरोटोनिन) को भी प्रभावित करता है, जो आपके वजन को घटाने में सहायक होता है.

इसके अलावा शोध में पाया गया है कि महिलाओं में पेट की चर्बी विटामिन डी के कम स्तर से जुड़ी हुई थीं, जिससे उनके पेट की चर्बी पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा. पुरुषों में विटामिन डी का स्तर उनके लिवर और पेट के फैट के साथ बेहद जुड़ा हुआ था. रिसर्च पेट की चर्बी बढ़ने और विटामिन डी की कमी से पेट के हिस्से में फैट जमा हो जाती है, या पेट का फैट विटामिन डी के स्तर में कमी ला सकता है?

रात के समय सोने से पहले एक हफ्ते तक करें ये काम दुबलेपन से मिलेगा निजात

मोटापा कम करना जितना मुश्किल काम है, उसी तरह वजन बढ़ाना भी कठिन है. दुबले, पतले और कमजोर शख्स के लिए वजन बढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं. विशेषज्ञों के मुताबिक वजन बढ़ाने या वजन में कमी लाने के लिए जीवन शैली, आहार और व्यायाम से मदद मिलती है और दोनों स्थितियों में सप्लीमेंट्स, दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है.

रात के समय सोने से पहले 3-4 केले खाये और उसके साथ एक गिलास दूध का सेवन करें यह वज़न बढ़ने बहुत मदद करता है.
दूध में शहद मिलाकर उसका नियमित सेवन करें इससे आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहती है.
वज़न बढ़ने के लिए आप खरबूजा भी खा सकते हैं, हालाँकि यह मौसमी फल है, लेकिन वज़न बढ़ने का एक अच्छा उपाय है.
वज़न बढ़ाने के लिए आप पीनट बटर ले और उसे ब्रेड के साथ लगाकर खाये यह वज़न बढ़ाने का एक अच्छा उपाय है.अगर आप अंडे खाते हैं तो आप अंडे का सेवन भी कर सकते हैं क्योँकि अंडे में प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है.

उनका कहना है कि मोटापा या शरीर की चर्बी का हटाना चंद दिनों का काम नहीं. जैसे मोटापा आहिस्ता आहिस्ता आता है, उसी तरह दुबले-पतले को मोटा होने में भी वक्त लगता है. सेहतमंद तरीके से संपूर्ण स्वास्थ्य को खतरे में डाले बिना वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बेहतरी लाना और डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है.

हाड़ कंपाने वाली सर्दी में आखिर किस तरह आप खुदको रख सकते हैं गर्म, देखिए यहाँ

दिल्‍ली समेत अब कई राज्‍यों में हाड़ कंपाने वाली सर्दी शुरू हो चुकी है। इस मौसम में गर्म कपड़े और हीटर भले ही आपको बाहर से गर्म रखने का काम भली-भांती कर रहे हों, लेकिन शरीर को अंदर से गर्म रखने के लिए खान-पान का भी बेहद महत्‍व है। कड़ाके की सर्दी में न सिर्फ सर्दी, खांसी और जुखाम जैसी समस्‍याएं पैदा होती हैं, बल्‍कि इम्‍यूनिटी कमजोर हो जाने की वजह से अन्‍य और बीमारियां भी लग जाती हैं।

चिक्की सर्दियों के दौरान लोकप्रिय है. चिक्की तिल के बीज से बनी होती है जो सर्दियों के दौरान शरीर को गर्म और आरामदायक रखने के लिए अच्छी होती है. ये बीज आयरन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों और मांसपेशियों के मजबूती के लिए जरूरी है.

जड़ वाली सब्जियां शरीर को गर्म रखती हैं क्योंकि उनका पाचन धीमा होता है जिससे ज्यादा गर्मी पैदा होती है. मूली, शलजम और शकरकंद जैसी जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों का सेवन करें. इसका सूप बनाकर या सलाद के रूप में भी सेवन किया जा सकता है.

देसी घी सबसे आसानी से पचने वाला वसा है, जो शरीर को आवश्यक गर्माहट देता है. यह पाचन में सहायता करता है, कब्ज से बचाता है, प्रतिरक्षा बढ़ाता है और शरीर को सर्दी और फ्लू से बचाता है. अपनी दाल और सब्जी में घी की कुछ बूंदें मिला सकते हैं या घी में पका भोजन भी कर सकते हैं.

पनीर का अत्यधिक सेवन करना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हो सकता हैं जानलेवा, देखिए कैसे

पनीर का सेवन करना हर किसी को अच्छा लगता है क्योंकि इसका टेस्ट बहुत अच्छा होता है. इसलिए ज्यादातर लोग पनीर का सेवन करना पसंद करते हैं. लेकिन जब बात आती है कि क्या पनीर खाना सेहत के लिए लाभदायक है . अधिकतर लोगों के मन में यह बात आती है कि पनीर मैं फैट और कैलरी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इसका सेवन से परहेज करना चाहिए.

लेकिन बिल्कुल गलत है क्योंकि हेल्दी फूड में ढेर सारे न्यूट्रीएंट्स होते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.पनीर में मौजूद प्रोटीन की मात्रा शाकाहारियों के लिए बहुत अच्छी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शाकाहारियों को दैनिक प्रोटीन की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति पनीर से हो जाती है।

पनीर में पाया जाने वाला कैल्शियम और फॉस्फोरस गर्भवती महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी लाभदायक है।पनीर में उपलब्ध प्रचुर मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड हड्डियों को न केवल मजबूत बनाता है बल्कि अर्थराइटिस की रोकथाम में भी सहायक है।

मूड को कंट्रोल करने में मदद करता है डाइट में इन तीन चीजों का सेवन

हर परिवार अपनी प्रतिदिन की जिंदगी में एडजस्ट करने की प्रयास कर रहा है.मूड बेकार है तो ओट्स को दूध, शहद व किशमिश के साथ खाने से अपने आप अच्छा हो जाता है. ओट्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने की क्षमता होती है, जिससे रक्त प्रवाह सुधरता है. इसमें उपस्थित मिनिरल, सेलेनियम भी थायरॉयड ग्लैंड मूड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

अंडा
अंडे में उपस्थित लेसिथिन मूड को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें उपस्थित कोलीन पोषक तत्व से भरपूर होता है, जिसके सेवन से मूड अच्छा होता है. शरीर को आराम भी महसूस होता है. विटामिन बी 12 से भरपूर होने से डिप्रेशन भी नहीं होता है.

मछली
मूड अच्छा करने के लिए मछली का सेवन बहुत फायदेमंद है. इसमें विटामिन डी व ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाते हैं.

कॉफी
कैफीन के सेवन से अच्छा महसूस होता है. कैफीन भरी एक कप कॉफी के साथ दिन की आरंभ मूड पर प्रभाव डालती है. हालांकि, इसका सेवन नियंत्रित रूप से करें नहीं तो लत जल्दी लग जाती है. ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.

मेहँदी के पत्ते के सेवन से स्वास्थ्य को होने वाले फायदे के बारे में क्या जानते हैं आप ?

मेहंदी एक ऐसा कुदरती पौधा है, जिसके पत्‍तों, फूलों, बीजों एवं छालों में औषधीय गुण समाए होते हैं। त्‍योहारों और उत्‍सवों के पहले दिन सुहागिन स्‍त्रियों के लिये हथेलियों पर मेहंदी का श्रृंगार, सुंदरता एवं सौम्‍यता का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन काल से हथेलियों पर मेहंदी लगाने की प्रथा रही है। आयुर्वेदिक ग्रथ्‍ज्ञों में इसके रोग-निवारक गुणों की महिमा का वर्णन मिलता है।

मेहंदी लगाना आज के समय में किसे नहीं पसंद। हर लड़का व हर लड़किन मेहँदी लगाते हैं कोई हाथों में तो कोई बालों में। ऐसे में मेहँदी लड़कियों की सबसे जरूरी वस्तु है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं मेहँदी के पत्ते के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य को फायदा के बारे में। आइए जानते हैं।

जिन लोगों को स्किन से जुडी कोई समस्या होती है उन्हें इससे आराम पाने के लिए मेंहदी के पेड़ की छाल को अच्छे से पीसकर थोड़े से पानी में डालकर उबाल लेना चाहिए व अब इस काढ़े का सेवन रोज प्रातः काल खाली पेट में करना चाहिए। इससे उन्हें फायदा मिलता है।

जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है तो उन्हें रोज रात को सोते वक़्त थोड़े से पानी में मेहंदी के कुछ पत्तों को डालकर छोड़ देना चाहिए व अब प्रातः काल उठने पर इस पानी को छानकर पी लेना चाहिए। इससे फायदा होगा।

 

भोजन में बच्चों को खिलाए ये सभी चीज़े जिससे उनकी लंबाई होगी प्रभावित

हम सभी जानते हैं। हाइट बढ़ने एक निश्चित उम्र तक बढ़ती है। वहीं, आनुवांशिक कारणों के साथ कई ऐसी बातें हैं जिससे किसी व्यक्ति की लंबाई कितनी बढ़ेगी, इसका पता चलता है। कई पहलुओं के साथ डाइट भी एक खास वजह है। जिससे किसी बच्चे की लंबाई प्रभावित होती है।

बैरीज- ब्लूबैरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी या रास्पबैरी भी कई प्रकार के न्यूट्रिशन से लैस होती हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी कोशिकाओं को बेहतर करता है और टिशू रिपेयर करने का काम करता है। विटामिन-सी कॉलेजन के सिंथेसिस को भी बढ़ाता है.

अंडा- अंडा न्यूट्रिशन का पावरहाउस है। इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। 874 बच्चों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित रूप से अंडा खाने वाले बच्चों की हाइट बढ़ती है।

साल्मन फिश- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर साल्मन फिश भी सेहत के लिए बड़ी फायदेमंद है। ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सेहत को फायदा पहुंचाने वाला एक फैट है, जो शरीर की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए भी अच्छा माना जाता है।

शकरकंद- विटामिन-ए से युक्त शकरकंद हड्डियों की सेहत को सुधारकर लंबाई बढ़ाने में मदद करती है। इसमें सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल दोनों प्रकार के तत्व होते हैं, जो आपकी डायजेस्टिव हेल्थ को प्रमोट करते औंर आंतों के लिए अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं।