Wednesday , December 4 2024

बिज़नेस

गोल्ड लोन सात माह में 50 फीसदी बढ़ा, पर्सनल लोन सहित कुल कर्ज में वृद्धि दर 9% से नीचे

सोने की कीमतों में हालिया तेजी ने उधार लेने वालों के लिए मौका दे दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों यानी अप्रैल से अक्तूबर के दौरान गहनों के एवज में दिए जाने वाले कर्ज में 50.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह तेज वृद्धि तब हुई है, जब हर दूसरे पर्सनल लोन सेगमेंट में उधारी की दर 9 फीसदी से भी कम रही है।

सालाना आधार पर 56% की बढ़ोतरी

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 18 अक्तूबर तक सोने के एवज में दिया गया कुल कर्ज 1,54,282 करोड़ रुपये था। मार्च, 2024 के अंत में यह 1,02,562 करोड़ रुपये था। सालाना आधार पर इसमें 56% की बढ़ोतरी हुई है। अक्तूबर, 2023 में केवल 13 फीसदी की बढ़त थी। बैंकरों का कहना है कि गोल्ड लोन में बढ़ोतरी के कई कारण हो सकते हैं।

सोने की कीमत प्रति दस ग्राम 80 हजार रुपये के करीब तक पहुंची

इनमें गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के नियमों में बदलाव और असुरक्षित ऋणों की तुलना में सुरक्षित ऋणों को प्राथमिकता देना शामिल है। कुछ विश्लेषक गोल्ड लोन की बढ़ती मांग को वित्तीय संकट का संकेत भी मानते हैं। मालूम हो कि हाल में सोने की कीमत प्रति दस ग्राम 80 हजार रुपये के करीब पहुंच चुकी है।

कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 16.5 रुपये की बढ़ोतरी, लगातार पांचवें महीने बढ़े दाम

महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव खत्म होते ही लोगों को महंगाई की मार लगी है। तेल कंपनियों ने वाणिज्यिक (कमर्शियल) एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव कर दिया है। इसके मद्देनजर 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में 16.50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बढ़ी हुई कीमतें आज यानी रविवार से ही लागू हो गई हैं।

दिल्ली में अब इतने रुपये में मिलेगा कमर्शियल सिलेंडर

बढ़ी कीमतों के बाद राजधानी दिल्ली में आज से 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर खुदरा बिक्री मूल्य 1,818.50 रुपये में मिलेगा। 5 किलोग्राम वाले एफटीएल सिलेंडर की कीमतों में भी चार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

वाणिज्यिक एलपीजी की कीमतों में लगातार चौथी मासिक वृद्धि

तेल कंपनियों ने वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत भी 16.50 रुपये बढ़ाकर 1,818.50 रुपये प्रति 19 किलोग्राम सिलेंडर कर दी। यह वाणिज्यिक एलपीजी की कीमतों में लगातार पांचवी मासिक वृद्धि है। इससे पहले बीते महीने भी 19 किलो के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की दरों में 62 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। एक अक्टूबर को 48.5 रुपये की बढ़ोतरी से इसकी कीमत 1,740 रुपये हो गई थी। इससे पहले कीमत में एक अगस्त को 6.5 रुपये प्रति सिलेंडर और एक सितंबर को 39 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी।

वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और छोटे व्यवसायों पर होगा असर

शादियों के सीजन में इस मूल्य वृद्धि का असर उन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और छोटे व्यवसायों पर असर पड़ सकता है। जो एलपीजी पर बहुत अधिक निर्भर हैं। कमर्शियल एलपीजी की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे परिवारों को कुछ राहत मिली है।

निर्मला सीतारमण ने बांटे 1,388 करोड़ लोन, वित्त मंत्री का दावा- तीसरे स्थान पर होगी भारतीय अर्थव्यवस्था

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का राज मैदान में सांसद गोपाल जी ठाकुर और विभिन्न बैंकों के अधिकारियों मिथिला की परंपरा अनुसार स्वागत किया गया। इस दौरान उन्हें मखाना का माला भी पहनाया गया। वित्त मंत्री आज दरभंगा के ऐतिहासिक राज मैदान में एसएलबीसी द्वारा आयोजित आउटरीच कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए करीब 49,137 बेरोजगार युवाओं के बीच 1,388 करोड़ का वितरण किया। साथ ही उन्होंने ग्रामीण बैंकों को दूसरे व्यावसायिक बैंकों की तरह विकासित करने के निर्देश दिए। ग्रामीण बैंकों को दिसंबर तक ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई की डिजिटल सेवाएं शुरू करने और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाया देने का निर्देश दिया।

इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री के साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, राज्यसभा सांसद ड़. धर्मशीला गुप्ता, नगर विधायक संजय सरावगी के अलावा सभी अग्रणी बैंकों के सीएमडी, जोनल मैनेजर सहित तमाम बैंकों अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि बिहार के दरभंगा में ऐसा पहली बार इतना बड़ा ऋण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें खुद देश की वित्त मंत्री अपने हाथों से इतने युवाओं को रोजगार करने हेतु ऋण का वितरण कीं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी हमारे देश की अर्थव्यवस्था पांचवे स्थान पर है। लेकिन अगले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर रहेगी। इसके लिए जो भी संसाधन जुटाने की जरूरत है, उसे हर संभव पूरा किया जा रहा है। इस क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार की योजनाओं को देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है और उन्हें आर्थिक रूप से सामर्थवान बनाना है। वहीं, विभिन्न संस्थाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर ही भारत को 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने में मददगार साबित होगा। उसके बाद ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत का सपना साकार हो पाएगा।

‘दिसंबर तक ग्राहकों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ें’, वित्त मंत्री ने आरआरबी से की अपील

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी ) से ग्रामीण ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई जैसी डिजिटल सेवाओं से जोड़ने की अपील की है। मंत्री ने बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आठ आरआरबी के साथ शुक्रवार को पटना में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान डिजिटल समावेशन के महत्व पर जोर दिया।

बैठक में सीतारमण ने आरआरबी को डिजिटल सेवाओं के लिए ग्राहकों को शामिल करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने इसके लिए दिसंबर 2024 तक इस कार्य को पूरा करने की समय सीमा तय की। उन्होंने आरआरबी को अपने प्रायोजक बैंकों के समर्थन से अपने ग्राहकों के बीच डिजिटल सेवाएं अपनाने को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा , “आरआरबी को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई जैसी डिजिटल सेवाओं से ग्राहकों को जोड़ने को प्राथमिकता देनी चाहिए उन्होंने व्यवसाय विकास को बढ़ावा देने के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से कृषि और सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से जुड़ी गतिविधियों के लिए।”

सीतारमण ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ऋण प्रवाह बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से नाबार्ड और सिडबी के साथ मिलकर एसएचजी को उद्यम के रूप में विकसित करने में मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) कार्यक्रम की क्षमता की ओर इशारा किया और वित्तीय संस्थानों को एसएचजी को प्रशिक्षण और विपणन सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।

भारत में बागवानी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए एडीबी के साथ 10 करोड़ डॉलर का ऋण समझौता, मिलेगा यह फायदा

भारत और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने देश में बागवानी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 9.8 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि यह समझौता वित्तपोषण रोग मुक्त रोपण सामग्री प्रणालियों की स्थापना, फसल की पैदावार, गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने में सहायता करेगा।

मंत्रालय ने कहा, “भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने आज बागवानी फसल किसानों की प्रमाणित रोग मुक्त रोपण सामग्री तक पहुंच में सुधार करने के लिए 9.8 करोड़ डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए, जिससे उनकी फसलों की पैदावार, गुणवत्ता और जलवायु प्रभावों के प्रति लचीलापन बढ़ेगा।”

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी के भारत निवासी मिशन के प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ ने “भारत के स्वच्छ पौध कार्यक्रम का निर्माण” के हिस्से के रूप में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर बोलते हुए मुखर्जी ने किसानों की उत्पादकता में सुधार के लिए पौधों के स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ADB फंडिंग से पौधों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा जो किसानों की उत्पादकता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।” येओ बताया कि यह परियोजना भारत सरकार के आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम (CPP) से जुड़ा है, और पौध स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार पर केंद्रित है।

‘हकीकत PM मोदी के फैलाए हुए प्रचार से बहुत अलग’, धीमी आर्थिक वृद्धि को लेकर कांग्रेस का सरकार पर हमला

कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। विपक्षी पार्टी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक विकास घटकर दर 5.4 फीसदी तक रह गई है, जो पिछले दो वर्षों के निचले स्तर पर है। पार्टी ने कहा कि इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थकों ने प्रचार किया था, वह हकीकत से बहुत अलग है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आर्थिक विकास रिकॉर्ड (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह के कार्यकाल से कहीं अधिक खराब है, भले ही पहले के आर्थिक विकास के आंकड़ों को बार-बार बदलने की कोशिश की गई हो। रमेश ने कहा, जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही है, जो सबसे नकारात्मक अनुमान से कम है। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके समर्थको ने जो प्रचार किया था, वह हकीकत से बहुत अलग है।

उन्होंने कहा, जीडीपी विकास दर घटकर 5.4 फीसदी हो गई है और निजी निवेश वृद्धि भी 5.4 फीसदी पर स्थिर है। पीएलआई योजना और मेक इन इंडिया जैसे दावे करने के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि केवल 2.2 फीसदी रही। निर्यात 2.8 फीसदी घटा है और आयात में -2.9 फीसदी की कमी आई है। रमेश ने यह भी कहा कि पीएम मोदी का आर्थिक रिकॉर्ड मनमोहन सिंह के कार्यकाल से बहुत खराब है, भले ही पहले के आंकड़ों को फिर से बदलने की कोशिश की गई हो। उन्होंने इस नए भारत की कड़वी सच्चाई बताई।

निर्मला सीतारमण ने बांटे 1,388 करोड़ लोन, वित्त मंत्री का दावा- तीसरे स्थान पर होगी भारतीय अर्थव्यवस्था

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का राज मैदान में सांसद गोपाल जी ठाकुर और विभिन्न बैंकों के अधिकारियों मिथिला की परंपरा अनुसार स्वागत किया गया। इस दौरान उन्हें मखाना का माला भी पहनाया गया। वित्त मंत्री आज दरभंगा के ऐतिहासिक राज मैदान में एसएलबीसी द्वारा आयोजित आउटरीच कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए करीब 49,137 बेरोजगार युवाओं के बीच 1,388 करोड़ का वितरण किया।

इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री के साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, राज्यसभा सांसद ड़. धर्मशीला गुप्ता, नगर विधायक संजय सरावगी के अलावा सभी अग्रणी बैंकों के सीएमडी, जोनल मैनेजर सहित तमाम बैंकों अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि बिहार के दरभंगा में ऐसा पहली बार इतना बड़ा ऋण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें खुद देश की वित्त मंत्री अपने हाथों से इतने युवाओं को रोजगार करने हेतु ऋण का वितरण कीं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी हमारे देश की अर्थव्यवस्था पांचवे स्थान पर है। लेकिन अगले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर रहेगी। इसके लिए जो भी संसाधन जुटाने की जरूरत है, उसे हर संभव पूरा किया जा रहा है। इस क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार की योजनाओं को देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है और उन्हें आर्थिक रूप से सामर्थवान बनाना है। वहीं, विभिन्न संस्थाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर ही भारत को 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने में मददगार साबित होगा। उसके बाद ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत का सपना साकार हो पाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं गरीब, महिला, किसान और युवाओं की सेवा करके विकसित भारत बनाने की दिशा में बेहतर कदम होगा। बैंकों के अधिकारियों द्वारा प्रयास किया गया है, इसके लिए बैंकों के सभी अधिकारियों को एक शब्द में कहना चाहती हूं पिछले लगातार चार महीने में गांव-गांव जाकर हर परिवार के योग्य लाभार्थी को लाभ दिलाने का काम किया है। आगे उन्होंने कहा कि इन सब चीजों के अलावा मिथलांचल में मखाना प्रसिद्ध है। मत्स्य पालन योजना प्रधानमंत्री के आइडिया से चालू किया गया है। मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत बैंकों के माध्यम से मछुआरों को भी लाभ दिया जा रहा है। मखाना एवं मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों भी किसान क्रेडिट कार्ड खेतों में काम करने वाले किसानों के साथ-साथ पशुपालक, मछुआरा, बकरी पालन आदि को भी लाभ दिया जा रहा है।

मस्क का दावा- जेफ बेजोस को उम्मीद थी की ट्रंप चुनाव हारेंगे; अमेजन संस्थापक बोले- 100 फीसदी सच नहीं

जेफ बेजोस और अरबपति एलन मस्क के बीच तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल, मस्क ने सोशल मीडिया पर बेजोस पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने लोगों को टेस्ला और स्पेसएक्स के अपने शेयर इसलिए बेचने की सलाह दी थी क्योंकि उन्हें डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी चुनाव हारने की उम्मीद थी। हालांकि, कुछ ही घंटे बाद अमेजन के संस्थापक ने इस दावे का खंडन कर दिया था।

इस बयान पर विवाद

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने गुरुवार को बताया कि उन्हें हाल ही में पता चला कि मार-ए-लागो में जेफ बेजोस सभी से कह रहे थे कि ट्रंप निश्चित तौर पर हार जाएंगे। इसलिए अपने टेस्ला और स्पेसएक्स स्टॉक को बेच देना चाहिए। इस पर द वाशिंगटन पोस्ट और एयरोस्पेस दिग्गज ब्लू ओरिजिन के भी मालिक ने दावे को सिरे से नकार दिया। अरबपति ने कहा, ‘नहीं, यह 100 फीसदी सच नहीं है।’

ट्रंप को दी थी राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बधाई

गौरतलब है, जेफ बेजोस का छह नवंबर के बाद यह पहला ट्वीट है, जब उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने के लिए माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर अपनी चार महीने की चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, ‘हमारे 45वें और अब 47वें राष्ट्रपति को असाधारण राजनीतिक वापसी और निर्णायक जीत पर बहुत-बहुत बधाई। हम सभी ट्रंप को अमेरिका का नेतृत्व करने और एकजुट करने में सफलता की कामना करते हैं।’

इस वजह से भी सुर्खियों में रह चुके हैं

इससे पहले, बेजोस उस समय सुर्खियों में छा गे थे, जब उन्होंने एलान किया था कि वाशिंगटन पोस्ट राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन नहीं किया करेगा। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने कमला हैरिस का समर्थन करने की योजना बनाई थी। जबकि बेजोस का कहना था कि मीडिया में विश्वास बहाल करने में मदद करने के लिए कार्रवाई आवश्यक थी।

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग का बड़ा कदम, रिश्वत मामले में गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर तलब

अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी व उनके भतीजे सागर अदाणी को अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने समन जारी किया है। एसईसी ने उन्हें आकर्षक सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 265 मिलियन डाॅलर (2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने के आरोप पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। अदाणी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म आवास और उनके भतीजे सागर के उसी शहर स्थित बोदकदेव आवास पर समन भेजकर 21 दिनों के मांगा गया गया है।

न्यूयॉर्क ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से 21 नवंबर को भेजा गया नोटिस
न्यूयॉर्क ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की आरे से से 21 नवंबर को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “इस समन की आप तक तामील के 21 दिनों के भीतर (जिस दिन आपको यह समन मिला, उसे छोड़कर)…आपको वादी (एसईसी) को संलग्न शिकायत का उत्तर या संघीय सिविल प्रक्रिया नियम 12 के अंतर्गत एक प्रस्ताव तामील कराना होगा।” इसमें कहा गया है, “यदि आप जवाब देने में विफल रहते हैं, तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए आपके खिलाफ डिफॉल्ट रूप से निर्णय दर्ज किया जाएगा। आपको अपना जवाब या प्रस्ताव भी अदालत में दाखिल करना होगा।”

265 मिलियन डाॅलर की रिश्वत देने पर कथित रूप से सहमति देने का आरोप
बुधवार को न्यूयॉर्क की एक अदालत में खोले गए अभियोग पत्र के अनुसार, गौतम अदाणी, 62, और उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य प्रतिवादियों, जो समूह की अक्षय ऊर्जा इकाई अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में निदेशक हैं, ने आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए लगभग 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकार के अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डालर की रिश्वत देने पर कथित रूप से सहमति व्यक्त दी, जिससे कंपनी को 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर का लाभ मिलने की उम्मीद थी।

अमेरिका में लगे आरोपों के बाद अदाणी समूह की कंपनी का बड़ा कदम; 60 करोड़ डॉलर की बॉन्ड पेशकश रद्द

अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा अनुबंध रिश्वत मामले में गौतम अदाणी और अन्य पर आरोप लगाए हैं। उसके बाद अदाणी समूह ने शेयर बाजारों के समक्ष अपना पक्ष रखा।अरबपति गौतम अदाणी के समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया कि उसने 60 करोड़ डॉलर का बांड रद्द कर दिया है। कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पर अमेरिका में कथित रिश्वतखोरी के एक मामले में आरोप लगाने के बाद यह कदम उठाया गया।

अमेरिकी अभियोजकों की ओर से गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की रिश्वत देने की योजना में भाग लेने का आरोप लगाने से कुछ घंटे पहले ही फर्म ने अमेरिकी निवेश-ग्रेड बाजार में 20 साल का ग्रीन बांड बेचा था। इस इश्यू को तीन गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन आरोपों के बाद इसे रद्द कर दिया गया है।

समूह ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अदाणी और सागर अडानी के खिलाफ क्रमशः न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के संयुक्त राज्य अमेरिका के जिला न्यायालय में एक आपराधिक अभियोग जारी किया है और एक दीवानी शिकायत दर्ज की है।”

अडानी ग्रीन एनर्जी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इस तरह के आपराधिक अभियोग में शामिल किया है। इन घटनाक्रमों देखकर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित अमेरिकी डॉलर मूल्यवर्ग के बॉन्ड की पेशकश को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है।”

कंपनी ने एक महीने पहले भी इसी तरह की पेशकश बेचने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ निवेशकों द्वारा मूल्य निर्धारण पर आपत्ति जताए जाने के बाद सौदे को स्थगित कर दिया गया था। पिछले साल, बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़ी इस कंपनी ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के गंभीर आरोपों के बाद अपनी प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक प्रस्ताव (एफपीओ) को रद्द कर दिया था।