Friday , March 29 2024

बिज़नेस

भारत के नक्शेकदम पर संयुक्त राष्ट्र, एआई के गलत इस्तेमाल को रोकने वाले प्रस्ताव को अपनाया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से “सुरक्षित, सुरक्षित और भरोसेमंद” आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम को बढ़ावा देने पर एक एतिहासिक प्रस्ताव अपनाया है, जिससे सभी के लिए सतत विकास को भी लाभ होगा। अमेरिका द्वारा प्रस्तावित और 120 सदस्य देशों के बीच भारत द्वारा सह-प्रायोजित गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव को गुरुवार को बिना मतदान के सर्वसम्मति से अपनाया गया।

यह पहला मौका है जब महासभा ने एआई के विकास को रेगुलेट करने के किसी प्रस्ताव को अपनाया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने इसे “एआई के लिए स्पष्ट अंतरराष्ट्रीय मानदंड स्थापित करने और सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद एआई सिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक एतिहासिक कदम” करार दिया।

व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में हैरिस ने कहा, “यह प्रस्ताव एआई पर आगे बढ़ने का एक रास्ता स्थापित करता है, जहां हर देश वादे को पूरा कर सकता है और एआई के जोखिमों का प्रबंधन भी कर सकता है।” असेंबली ने सभी राज्यों, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज, अनुसंधान संगठनों और मीडिया से एआई के सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद उपयोग से संबंधित नियामक और शासन दृष्टिकोण और ढांचे को विकसित करने और समर्थन करने का भी आग्रह किया।

आपको याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मार्च को ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एआई तकनीक से जुड़े नए युग में दुनिया मानती है कि एआई में भारत का पलड़ा भारी रहेगा और यह सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि एआई भारत में युवा निवेशकों और वैश्विक निवेशकों के लिए अनगिनत नए अवसर लेकर आया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, भारत एआई मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन, ये सभी अभियान भारत के युवाओं के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगे।

बंगाल सरकार के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात

ईडी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और टीएमसी नेता चंद्रनाथ सिन्हा के ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की टीम ने बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर में यह कार्रवाई की। ईडी के अधिकारी अर्द्धसैनिक बल के जवानों के साथ छापेमारी करने पहुंचे। जवानों ने चंद्रनाथ सिन्हा के ठिकानों की घेराबंदी की और ईडी के अधिकारी अंदर जांच कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी की छापेमारी बंगाल के करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाला मामले में हुई है। ईडी ने इस मामले में बंगाल में पांच जगहों पर छापेमारी की, जिनमें चंद्रनाथ सिन्हा का घर भी शामिल है। चंद्रनाथ सिन्हा, बंगाल की टीएमसी सरकार में एमएसएमई और कपड़ा मंत्री हैं।

पैसे लेकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करने के आरोप
आरोप है कि बंगाल में पैसे लेकर सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की गईं। आरोपों के बाद सीबीआई ने इसका जांच की तो इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग होने का खुलासा हुआ। इसके बाद ईडी इस मामले की जांच से जुड़ गई। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत टीएमसी के तीन विधायकों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। स्कूल भर्ती घोटाले में ही टीएमसी सांसद और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से पूछताछ हुई थी। बोलपुर में छापेमारी के दौरान चंद्रनाथ सिन्हा अपने घर पर मौजूद नहीं थे।

टीएमसी के शीर्ष नेता अनुब्रत मंडल भी बोलपुर के निवासी हैं और वे गौ तस्करी के मामले में जेल में बंद हैं। अनुब्रत मंडल बीते करीब दो वर्षों से तिहाड़ जेल में बंद हैं। साथ ही अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल, सहयोगी सहगल हुसैन और सीए मनीष कोठारी भी जेल में बंद हैं। इस मामले में भी ईडी ने चंद्रनाथ सिन्हा को नोटिस जारी किया था। ईडी ने कोलकाता, उत्तर 24 परगना, बीरभूम में पांच ठिकानों पर आज छापेमारी की। जांच एजेंसी ने एक उद्योगपति और एक टैक्स कंसल्टेंट के आवास पर भी छापा मारा।

बैंकों में साइबर खतरे से निपटने की पूरी तैयारी; अधिक पैसे खर्च कर साइबर सुरक्षा को मजबूत बना रहे

तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के बीच साइबर सुरक्षा बड़ा सवाल बनकर सामने आया है। ताजा घटनाक्रम में बैंकों में साइबर सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है। बैंकों में साइबर खतरों के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाने के लिए अधिक पैसे खर्च किए जा रहे हैं। बैंकों के खर्चों पर अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी- मूडीज की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय संस्थानों में साइबर सुरक्षा की अहमियत पर ध्यान दिया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के दौरान 240 बैंकों में होने वाले खर्चों का आकलन किया गया।

मूडीज ने साइबर सुरक्षा पर खर्च होने वाली रकम के आकलन पर विस्तार से रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक दुनियाभर के बैंकों ने खुलासा किया है कि कंपनियां आकार या क्रेडिट ताकत की परवाह किए बिना साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने पर निवेश बढ़ा रही हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान साइबर अपराधियों के प्रमुख निशाने पर हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्राहकों के करोड़ों रुपये बैंकों के भरोसे पर खातों में जमा रहते हैं।

लक्षद्वीप की जनता को राहत, इन द्वीपों में पेट्रोल-डीजल के दामों में 15.3 रुपये की कटौती

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने लक्षद्वीप के द्वीपों में पेट्रोल और डीजल दामों में 15.3 रुपये की प्रति लीटर तक की कटौती की है। आईओसी ने उस लागत को हटाया है, जो दूरदराज के द्वीपों में ईंधन के परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च की वसूली के लिए लगाया गया था।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आईओसी से मिली जानकारी के हवाले से ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया। जिसमें कहा गया, “अंदरोत और कलपेनी द्वीपों में पेट्रोल और डीजल के दामों में 15.3 रुपये प्रति लीटर और कवरत्ती और मिनिकॉय द्वीपों में 5.2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है।”

कवरत्ती और मिनिकॉय में पेट्रोल की कीमत 105.94 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 100.75 रुपये प्रति लीटर और अंदरोत और कलपेनी में 116.13 रुपये से घटाकर 100.75 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह कवरत्ती और मिनिकॉय में डीजल की कीमत 110.91 रुपये से घटकर 95.71 रुपये प्रति लीटर और अंदरोत व कलपेनी में 111.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 95.71 रुपये प्रति लीटर हो गई है। नई दरें आज से प्रभावी हो गई हैं।

मंत्रालय ने कहा, “लक्षद्वीप में आईओसी चार द्वीपों कवरत्ती, मिनिकॉय, अंदरोत और कलपेनी को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति कर रही है। आईओसी के कवरत्ती और मिनिकॉय में डिपो हैं और इन डिपो में पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति कोच्चि (केरल) स्थित आईओसी डिपो से की जाती है। इसमें आगे कहा गया, कवरत्ती और मिनिकॉय में खुदरा आउटलेट को हमारे डिपो से पाइपलाइन के जरिए सीधे आपूर्ति की जाती है। अन्य द्वीपों अंदरोत और कलपेनी को कवरत्ती डिपो से आपूर्ति की जाती है।”

आंध्र प्रदेश और केरल में सबसे महंगा है पेट्रोल, जानिए भाजपा शासित राज्यों का क्या है हाल

सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने पिछले सप्ताह ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। इससे पहले करीब दो साल से वाहन ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

इस कटौती से लोगों को कुछ राहत मिली है, लेकिन वैट की ऊंची दरों की वजह से कई राज्यों में अब भी वाहन ईंधन 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक है। देश में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल में पेट्रोल-डीजल सबसे महंगा है। वहीं जिन राज्यों में पेट्रोल डीजल की कीमतें सबसे कम हैं, उनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। तेल कंपनियों के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। स्थानीय बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) की दरों में अंतर की वजह से विभिन्न राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर है।

आंध्र प्रदेश और केरल में सबसे महंगा है पेट्रोल
वाई एस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी सरकार के शासन वाले आंध्र प्रदेश में पेट्रोल सबसे महंगा 109.87 रुपये प्रति लीटर है। इसके बाद लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) शासित केरल का नंबर आता है। वहां एक लीटर पेट्रोल 107.54 रुपये में बिक रहा है। कांग्रेस शासित तेलंगाना में पेट्रोल की कीमत 107.39 रुपये प्रति लीटर है। डीजल कीमतों की बात की जाए, तो आंध्र प्रदेश के अमरावती में यह ईंधन 97.6 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इसके बाद केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में यह 96.41 रुपये प्रति लीटर, हैदराबाद में 95.63 रुपये और रायपुर में 93.31 रुपये प्रति लीटर है।

भाजपा शासित राज्यों में ऐसी है स्थिति
बीजेपी शासित राज्य भी पीछे नहीं हैं, भोपाल में पेट्रोल की कीमत 106.45 रुपये प्रति लीटर, पटना में 105.16 रुपये (यहां भाजपा जदयू सरकार के साथ गठबंधन में है), जयपुर में 104.86 रुपये और मुंबई में 104.19 रुपये प्रति लीटर है। ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमत 103.93 रुपये प्रति लीटर है।

आंकड़ों के अनुसार, जिन अन्य राज्यों में पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक है उनमें ओडिशा (भुवनेश्वर में 101.04 रुपये प्रति लीटर), तमिलनाडु (चेन्नई में 100.73 रुपये) और छत्तीसगढ़ (रायपुर में 100.37 रुपये) शामिल हैं। भाजपा शासित महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बिहार में डीजल का दाम 92 से 93 रुपये प्रति लीटर है। ओडिशा और झारखंड में भी डीजल का दाम इतना ही है।

भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात 254% बढ़ा, अप्रैल-दिसंबर, 2023 में 3.53 अरब डॉलर का व्यापार

भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने यानी अप्रैल-दिसंबर अवधि में 253.70 फीसदी बढ़कर 3.53 अरब डॉलर पहुंच गया। भारत इसके साथ ही चीन और वियतनाम के बाद अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बन गया है। हालांकि, इस दौरान चीन और वियतनाम से निर्यात में गिरावट आई है। भारत 2022-23 की समान अवधि में भारत ने अमेरिका को सिर्फ 99.8 करोड़ डॉलर के स्मार्टफोन बेचे थे।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान स्मार्टफोन निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 7.76 फीसदी पर पहुंच गई। 2022-23 की समान अवधि में यह दो फीसदी थी। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान चीन का अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात 38.26 अरब डॉलर से घटकर 35.1 अरब डॉलर रह गया। वियतनाम से निर्यात भी 9.36 अरब डॉलर से गिरकर 5.47 अरब डॉलर रह गया।

विनिर्माण और पीएलआई ने बढ़ाई रफ्तार
एक अधिकारी ने बताया कि भारत स्मार्टफोन के लिए एक प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है। स्मार्टफोन विनिर्माण में वृद्धि से निर्यात में इजाफा हुआ है। इसके अलावा, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा और अमेरिकी कंपनी एपल के भारत में आईफोन विनिर्माण शुरू करने से भी निर्यात बढ़ाने में मदद मिली है।

शीर्ष-5 आपूर्तिकर्ताओं के निर्यात में गिरावट
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में शीर्ष-5 आपूर्तिकर्ताओं से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात घटकर 45.1 अरब डॉलर रह गया। 2022-23 की समान अवधि में इन देशों ने अमेरिका को 49.1 अरब डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात किया था। शीर्ष-5 आपूर्तिकर्ताओं में भारत, चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और हांगकांग शामिल हैं। दक्षिण कोरिया से अमेरिका को निर्यात 85.8 करोड़ डॉलर से घटकर 43.2 करोड़ डॉलर रह गया। हांगकांग से निर्यात 13.2 करोड़ से कम होकर 11.2 करोड़ डॉलर पर आ गया।

नारायणमूर्ति ने चार महीने के पोते को गिफ्ट किए ₹240 करोड़ के शेयर, अब कंपनी में बची इतनी हिस्सेदारी

इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने अपने चार महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को 240 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर उपहार में दिए हैं। एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी में एकाग्र रोहन मूर्ति की 15,00,000 शेयर या 0.04 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

पोते को शेयर दान में देने के बाद इन्फोसिस में नारायणमूर्ति की हिस्सेदारी 0.40 प्रतिशत से घटकर 0.36 प्रतिशत रह गई। उनके पास अब कंपनी के करीब 1.51 करोड़ शेयर हैं। फाइलिंग के अनुसार, यह लेनदेन ‘ऑफ-मार्केट’ तरीके से किया गया। नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति नवंबर में दादा-दादी बने जब उनके बेटे रोहन मूर्ति और पत्नी अपर्णा कृष्णन को एक बेटा हुआ। नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की दो बेटियों के नाना-नानी भी हैं।

नारायण मूर्ति का इंफोसिस में सफर
नारायण मूर्ति ने साल 1981 में इंफोसिस की स्थापना की थी। कंपनी को मार्च 1999 में नैस्डैक में सूचीबद्ध किया गया था और उस समय जारी एक बयान में, नारायण मूर्ति ने कहा था कि नैस्डैक लिस्टिंग से कंपनी को बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम उपलब्ध प्रतिभा को अपने साथ जोड़ने में मदद मिलेगी।

केंद्र की हिस्सेदारी घटाने की योजना, 75 फीसदी से नीचे लाएंगे पांच सरकारी बैंक

बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) व यूको बैंक सहित पांच सरकारी बैंक केंद्र का हिस्सा घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने की योजना बना रहे हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों के अनुपालन के लिए बैंक यह योजना बना रहे हैं।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने गुरुवार को कहा, 12 सरकारी बैंकों (पीएसबी) में से चार 31 मार्च, 2023 तक सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का अनुपालन कर चुके हैं। चालू वित्त वर्ष में तीन और पीएसबी न्यूनतम 25 फीसदी एमपीएस का अनुपालन पूरा कर चुके हैं। शेष पांच सरकारी बैंकों ने एमपीएस मानदंड पूरी करने की योजना बनाई है।

पीएसबी के पास अगस्त 2024 तक का समय
जोशी ने कहा, नियामक सेबी ने सरकारी बैंकों को विशेष छूट दी है। उनके पास 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के नियम को पूरा करने के लिए अगस्त, 2024 तक का समय है। बाजार की स्थिति के आधार पर इनमें से प्रत्येक बैंक शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेंगे।

पेटीएम और पीपीबीएल से जुड़ी कौन-कौन सी सेवाएं कल से मिलती रहेंगी, कौन सी बंद होंगी

आज 15 मार्च है। यानी कल से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की ओर से की गई कार्रवाई के तहत लगी बंदिशें लागू हो जाएंगी। ऐसे में लोंगों के बीच इस बात को लेकर बड़ा असमंजस है कि 16 मार्च 2024 पेटीएम की कौन सी सुविधाएं मिलती रहेंगी और कौन सी सुविधाओं पर पाबंदी लग जाएगी। आइए इसे समझते हैं।

पेटीएम पेमेंट बैंक पर हुई नियामकीय कार्रवाई के बीच यह समझना जरूरी है कि पेटीएम पेमेंट बैंक और पेटीएम दो अलग-अलग इकाई हैं। पेटीएम वन97 कम्यूनिकेशन लिमिटेड का ब्रांड नेम है जो यूपीआई भुगतान से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराता है। वहीं पेटीम पेमेंट्स बैंक कंपनी के प्रवर्तकों की निवेश वाली भुगतान बैकिंग इकाई है। आरबीआई की ओर से की गई कार्रवाई के बाद कल से यानी 16 मार्च से पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़ी सेवाएं प्रभावित होंगी जबकि पेटीएम की अधिकांश सेवाएं पहले की तरह मिलती रहेंगी। आइए जानते हैं 16 मार्च से पेटीएम से जुड़ी कौन-कौन सी सेवाएं मिलती रहेंगी।

क्या बिलों के भुगतान और रिचार्ज की सुविधा मिलती रहेगी?
पेटीएम को एनपीसीआई की ओर से गुरुवार को टीपीएपी का दर्जा यानी थर्ड पार्टी एप्लिलेशन प्रोवाइडर का दर्जा मिलने के बाद इससे जुड़ी यूपीआई भुगतान की सेवाएं 15 मार्च के बाद भी जारी रहेंगी। ये सेवाएं पहले की तरह ही काम करती रहेंगी। ऐसे में पेटीएम का इस्तेमाल करते हुए आप पहले की तरह अपने फोन से रिचार्च करवा सकेंगे या अपने बिलों का भुगतान कर सकेंगे।

पेटीएम क्यूआर और साउंडबॉक्स का क्या होगा?
पेटीएम के क्यूआर और साउंडबॉक्स से जुड़ी सेवाएं भी पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बंदिशें लागू होने के बाद भी जारी रहेंगी। अंतर केवल इतना होगा कि पेटीएम और उसके ग्राहक इसके लिए पेटीएम पेमेंट बैंक के वॉलेट का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपने खातों को किसी अन्य बैंक में स्थानांतरित करना पड़ेगा।

क्या पीपीबीएल की ओर से जारी फास्टैग और एनसीएमसी कार्ड का भी सकेंगे इस्तेमाल?
नहीं, 15 मार्च 2024 के बाद ग्राहक पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ओर से जारी फास्टैग और एनसीएमसी कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसके रिचार्ज कराने पर पूर्व में ही रोक लग चुकी है। बचे हुए बैलेंस को 15 मार्च तक इस्तेमाल कर लेने की छूट दी गई थी। ऐसे में कल से यानी 16 मार्च 2024 से फास्टैग और एनसीएमसी कार्ड्स का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।

क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक के वॉलेट से भुगतान हो सकेगा?
नहीं, आरबीआई की बंदिशें लागू होने के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के वॉलेट से किसी भी तरह का भुगतान संभव नहीं होगा। हालांकि आप पेटीएम एप के जरिए यूपीआई भुगतान कर सकेंगे। गुरुवार को एनपीसीआई ने पेटीएम को थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर के रूप में सेवाएं मुहैया कराने के लिए अधिकृत कर दिया है।

शुक्रवार को भी बाजार का फूला दम; सेंसेक्स 454 अंक टूटा, निफ्टी 22 हजार के करीब पहुंचा

चालू हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में एक बार फिर बिकवाली करने वालों का जोर दिखा। शुक्रवार को सेंसेक्स 453.85 (0.62%) अंकों की गिरावट के साथ 72,643.43 पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 123.31 (0.56%) अंक टूटकर 22,023.35 के स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ।

शुक्रवार के कारोबारी सेशन के दौरान अपोलो टायर्स और बायोकॉन में छह-छह प्रतिशत दर्ज की गई। इस हफ्ते प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अक्तूबर 2023 के बाद यह बाजार के लिहाज से सबसे खराब हफ्ता रहा है।वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख और विदेशी कोषों की निकासी के बीच एक दिन की राहत के बाद शुक्रवार को प्रमुख शेयर सूचकांक में करीब एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लार्सन एंड टुब्रो, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और भारतीय स्टेट बैंक में सबसे अधिक बिकवाली दिखी। भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंडसइंड बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और हांगकांग गिरावट के साथ बंद हुए जबकि शंघाई हरे निशान पर बंद हुआ। यूरोपीय बाजार मामूली बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे। गुरुवार को अमेरिकी बाजार लाल निशान पर बंद हुए। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शेयर बाजार से 1,356.29 करोड़ रुपये निकाले। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 0.51 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 0.25 प्रतिशत चढ़ा।