Wednesday , October 23 2024

विदेश

संविधान संशोधन पर प्रस्ताव को लेकर शहबाज शरीफ कैबिनेट की बैठक, राजनीतिक दलों के समर्थन को लेकर चर्चा

पाकिस्तान में सरकार द्वारा लाए जाने वाले संविधान संशोधन प्रस्ताव को लेकर शहबाज शरीफ सरकार ने रविवार को कैबिनेट बैठक बुला ली। बीते कुछ महीनों में प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम राय बनाने की कोशिश में जुटी पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार को कोई खास सफलता नहीं मिली। खासकर इमरान खान की पार्टी पीटीआई संविधान संशोधन प्रस्ताव का जबरदस्त विरोध कर रही है। वहीं, शहबाज की पार्टी की सहयोगी मानी जाने वाली मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) भी इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुई है।

बताया गया है कि जेयूआई-एफ के प्रमुख रहमान के साथ इस्लामाबाद में उनके आवास पर कई बैठकों के बाद भी इस प्रस्ताव को लेकर सहमति नहीं बन पाई। यह तब हुआ है, जब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट के सत्र देरी से शुरू हुए।

चौंकाने वाली बात यह है कि मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी इस संविधान संशोधन प्रस्ताव पर इमरान खान की पार्टी की सम्मति भी चाहती है और इसे लेकर पीटीआई से बातचीत जारी है। शनिवार को पीटीआई का नेतृत्व फजलुर रहमान से मिला। उन्होंने बताया कि इमरान की पार्टी रविवार तक इस मुद्दे पर फैसला कर सकती है।

दूसरी तरफ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भरोसा जताया कि फजलुर रहमान पीटीआई को इन संविधान संशोधनों के समर्थन में लाने में कामयाब होंगे। बिलावल ने कहा है कि पीटीआई ने सरकार के प्रस्ताव पर जो चिंताएं जाहिर की थीं, उन पर विचार किया गया और संविधान संशोधन से हटा दिया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोमवार को रहमान खुद ही इस प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में पेश करेंगे।

संविधान संशोधन पर पीटीआई का क्या है रुख?
मामले पर पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि उन्हें पता चला है कि पार्टी के दो सीनेटर जरका तैमूर और फैसल सलीम पार्टी की नीति के खिलाफ जाकर वोट करेंगे। हालांकि, इमरान खान के स्पष्ट निर्देशों के बिना संविधान संशोधनों पर चर्चा में प्रगति नहीं कर पाई है।

पीएम ओली ने किया China का समर्थन, कहा- नेपाल में नहीं होने दी जाएंगी चीन विरोधी गतिविधियां

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन का समर्थन किया है। उन्होंने एक चीन नीति को लेकर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि नेपाल में किसी भी तरह की चीन विरोधी गतिविधियां नहीं होने दी जाएंगीं। काठमांडू के बलुवतार स्थित आवास पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय समिति के सदस्य चेन जीनिंग के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बैठक की।

ओली ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि नेपाल के क्षेत्र में किसी भी तरह की चीन विरोधी गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान ओली ने नेपाल के आर्थिक विकास के लिए चीन से निरंतर समर्थन की उम्मीद भी जताई। पीएम के सचिवालय के मुताबिक बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के बीच सहयोग बढ़ाने के बारे में भी बातचीत हुई।

पीएम ओली ने सरकार से सरकार, लोगों से लोगों और ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं की जरूरत बताई। इसके साथ ही चीन में गरीबी को कम करने और समग्र विकास में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व की प्रशंसा की और नेपाल में भी ऐसी प्रगति की उम्मीद जताई।

चार पत्नियों और प्रेमिकाओं की कमाई पर जिंदा शख्स, 54 बच्चे पैदा करने की चढ़ी सनक, 10 का बन चुका है पिता

जापान से एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। यहां के उत्तरी प्रांत होक्काइडो के रहने वाले 36 वर्षीय रयुता वतनाबे को पिछले 10 सालों से कोई नौकरी नहीं मिली है। हालांकि, उनकी आकांक्षाएं भी अलग हैं। वह सिर्फ शादी और घर संभालना चाहते हैं। इतना ही नहीं, यहां तक कि वह 50 से अधिक बच्चों का पिता बनना चाहता है।

चार पत्नियां और दो प्रेमिकाएं
वतनवे की फिलहाल चार पत्नियां और दो प्रेमिकाएं है। इन्हीं लोगों की आय से पूरा घर चलता है। यह बराबर-बराबर खर्चा बांटते हैं।सबसे बड़ी बात यह है कि उसका मकसद 54 बच्चों का पिता बनना है। उसका मानना है कि वह इस तरह शादी के भगवान का खिताब हासिल कर सकेंगे।

पहले से ही 10 बच्चे
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वतनाबे पिछले 10 सालों से काम नहीं कर रहे हैं और अपनी पत्नियों और प्रेमिकाओं की कमाई पर निर्भर हैं। उनके पास पहले से ही 10 बच्चे हैं। वह अपने दो बच्चों और तीन पत्नियों के साथ रहते हैं। उन्होंने गृहस्थ का काम संभाल लिया है, जिसमें घर के काम, खाना बनाना और बच्चों की देखभाल करना शामिल है।

मुझे बस महिलाओं से प्यार है: वतनाबे
उनका घरेलू खर्च हर महीने लगभग पांच लाख रुपये है, जिसे उनकी पत्नियां और प्रेमिकाएं मिलकर संभालती हैं। वतनाबे की चौथी पत्नी भी हैं, जो साल की हैं, लेकन वे उससे अलग हो गए हैं। इसके अलावा वह अपनी दो प्रेमिकाओं से सोशल मीडिया के जरिए मिले। जापानी टीवी शो पर वतनाबे ने कहा, ‘मुझे बस महिलाओं से प्यार है। जब तक हम सभी एक-दूसरे से समान रूप से प्यार करते हैं, तब तक कोई समस्या नहीं होगी।’

वतनाबे का कहना है कि उनका उद्देश्य जापान में सबसे अधिक बच्चों का पिता बनने का रिकॉर्ड तोड़ना है। टोकुगावा इएनारी नामक एक शोगुन ने अपने शासन के दौरान 27 रानी और 53 बच्चों को जन्म दिया था। वतनाबे का कहना है, ‘मैं 54 बच्चों को जन्म देना चाहता हूं ताकि मेरा नाम इतिहास में दर्ज हो सके। मैं अभी भी नई पत्नियों की तलाश में हूं।’

पति से झगड़े के बाद महिला ने अपने बच्चों को 23वीं मंजिल पर खिड़की के बाहर एसी पर बिठाया, दमकल ने बचाया

सेंट्रल चीन में पति से झगड़ा करने के बाद एक महिला ने उसे परेशान करने के लिए अपने दो छोटे बच्चों को 23वीं मंजिल के अपार्टमेंट के बाहर एयर कंडीशन पर बिठा दिया। यह घटना 10 अक्तूबर की है। हेनान प्रांत के लुओयांग में जब पड़ोसियों ने बच्चों के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनी तो वे अपने घरों से बाहर गए। उनमें से कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बनाना शुरू किया। बच्चों ने सेफ्टी गियर नहीं पहन रखा था। इस दौरान महिला अपने पति को बच्चों के पास जाने नहीं दे रही थी।

लड़की रो रही थी, जबकि उसका भाई शांत बैठा था। हालांकि, यह अभी तक पता नहीं पाया कि दंपती के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ था। पास के एक निवासी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। घटना की जानकारी पाकर फायर फाइटिंग की टीम मौके पर पहुंचकर बच्चों को बचा लिया। स्थानीय महिला एवं बाल संघ के एक अधिकारी ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महिला को सजा मिलेगी या नहीं। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को 55 मिलियन लोगों ने देखा।

‘बांग्लादेश में अगले साल हो सकते आम चुनाव’, अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ नजरुल का बयान

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ नजरुल ने शनिवार को कहा कि देश में अगले आम चुनाव 2025 में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव जल्दी भी हो सकते हैं, लेकिन इसके कई महत्वपूर्ण कामों को पूरा करना होगा। नजरुल ने बताया कि चुनाव के लिए सुधार और राजनीतिक समझौतों की जरूरत है। इसके इलावा, खोज समिति, चुनाव आयोग का गठन और मतदाता सूची तैयार करना भी जरूरी है। अगर ये सभी का समय पर पूरे होते हैं, तो चुनाव अगले साल भी हो सकते हैं।

नजरुल ने कहा कि चुनाव बहुत ही नीतिगत फैसले होते हैं और इसका समय मुख्य सलाहकार (मोहम्मद यूनुस) के नेतृत्व में किया जाएगा। उन्होंने कहा, मुख्य सलाहकार के पास ही चुनाव का एलान करने का अधिकार है।

छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए थे हिंसक प्रदर्शन
बांग्लादेश अभी राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने पांच अगस्त को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़ दिया था। तब से वह भारत में रह रही हैं। इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व छात्रों ने किया था। छात्र सरकारी नौकरियों में एक खास वर्ग के लोगों को ही आरक्षण की प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे थे। बाद में इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया था।

हसीना के सत्ता से हटने के बाद अंतरिम सरकार का गठन
हसीना के सत्ता से हटने के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जिसमें हिंसक घटनाएं और अव्यवस्था की खबरें सामने आईं, खासकर हिंदुओं जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा हुई। इन प्रदर्शनों और झड़पों में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई है। आठ अगस्त को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। इस अंतरिम सरकार नेदश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सेना की शक्तियों का विस्तार किया है।

नेपाल में मानव जनित जलवायु परिवर्तन से तीव्र हुईं बारिशें, बाढ़ जैसी आपदाओं का कारण बनीं

नेपाल में सितंबर के अंत में भारी बारिश के बीच बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 240 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। अब एक रिपोर्ट में इस भारी बारिश और आपदाओं की तीव्रता को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि नेपाल में मानव जनित जलवायु परिवर्तन के कारण सामान्य से 10 प्रतिशत ज्यादा तीव्रता से बारिश हुई।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग संस्था वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ने नेपाल में शहरों के निचले, नदी किनारे वाले क्षेत्रों में विकास गतिविधियों को सीमित करने और बार-बार उभरने वाली बाढ़ आपदाओं से बचने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली और तुरंत कार्रवाई की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है। संगठन ने अपनी हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा कि नेपाल में तीन दिनों तक हुई भारी बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार है।

नेपाल में 26 सितंबर से तीन दिनों तक हुई जबरदस्त बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति बन गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘मध्य और पूर्वी नेपाल में बारिश के रिकॉर्ड टूट गए, कुछ मौसम केंद्रों ने 28 सितंबर को 320 मिलीमीटर से अधिक बरसात दर्ज की थी। नेपाल में इस दौरान बाढ़ और भूस्खलन से 244 लोगों की जान चली गई थी।

नेपाल के इन हालात पर संगठन ने चेतावनी दी, ‘‘जब तक विश्व जीवाश्म ईंधन के स्थान पर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग नहीं करेगा, तब तक वर्षा की मात्रा में और भी अधिक बढ़ोतरी होगी, जिससे और ज्यादा विनाशकारी बाढ़ का खतरा बना रहेगा।’’ हाल ही में काठमांडू में हुई भारी बारिश के कारण 50 से ज्यादा लोग मारे गए और अरबों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा।

बांग्लादेश के न्यायाधिकरण ने शेख हसीना के खिलाफ वारंट जारी किया, 18 नवंबर तक गिरफ्तारी के दिए आदेश

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने गुरुवार को देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 45 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जिन लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उनमें आवामी लीग के कई शीर्ष नेता शामिल हैं। इन पर हाल ही में हुए छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ कथित तौर पर अपराध का आरोप है।

जस्टिस मोहम्मद गोलम मुर्तजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ दायर गिरफ्तारी की मांग वाली दो याचिकाओं को लेकर यह आदेश जारी किया। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने यह जानकारी दी। न्यायाधिकरण ने अफसरों को शेख हसीना समेत सभी 46 लोगों को 18 नवंबर तक गिरफ्तार करने और पेश करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में जबरदस्त हिंसा हुई थी। शेख हसीना सरकार पर इस हिंसा के दौरान छात्र आंदोलन को दबाने की कोशिशों के आरोप लगे थे। इस आंदोलन में हिंसा के चलते सैकड़ों लोगों की जान भी गई थी। हालांकि, प्रदर्शनों के बढ़ने के बाद हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और वे भारत रवाना हो गई थीं। मौजूदा समय में शेख हसीना भारत में ही हैं।

शेख हसीना को लेकर क्या रहा है अंतरिम सरकार का रुख?
शेख हसीना के भारत रवाना होने के बाद बांग्लादेश में नोबेल विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इस सरकार ने छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने और हत्या के आरोपियों के खिलाफ अदालत में मामले चलाने का दावा किया था।

लाहौर में दुष्कर्म की वारदात को लेकर भड़की हिंसा; एक सुरक्षाकर्मी की मौत, कई स्कूलों में की गई आगजनी

पाकिस्तान के लाहौर में कथित दुष्कर्म की घटना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कई शहरों में सार्वजनिक और निजी संस्थानों में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की कई घटनाएं सामने आईं। वहीं पाकिस्तान के पंजाब के गुजरात जिले में एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी गई और संबंधित निजी कॉलेज के कई परिसरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर कानून प्रवर्तन एजेंटों के साथ झड़प और पंजाब ग्रुप ऑफ कॉलेज की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। जबकि गार्ड की मौत के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया। जानकारी के मुताबिक लाहौर में, छात्र पंजाब कॉलेज के कैंपस 11 में एकत्र हुए, इस दौरान उन्होंने पार्किंग क्षेत्र में आग लगाई, खिड़कियां तोड़ दीं और बड़े स्तर पर कॉलेज को नुकसान पहुंचाया।

एक स्थानीय समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर में बुर्की रोड पर भी विरोध प्रदर्शन हुए, जहां छात्रों ने यातायात को बाधित कर दिया और कथित तौर पर घटना को छिपाने के लिए कॉलेज प्रशासन से जवाबदेही की मांग की। प्रदर्शनकारियों को जुटाने में सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया गया, क्योंकि अराजकता के वीडियो काफी ज्यादा प्रसारित किया गया। वहीं इस्लामी जमीयत तलबा (आईजेटी), रेड वर्कर्स फ्रंट और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स कलेक्टिव समेत कई छात्र संगठनों ने भी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की।

बता दें कि गुजरात में, हिंसा बढ़ने के बाद पीजीसी छात्रों के परिसर में टकराव के दौरान एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई और कई छात्र घायल हो गए। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय और बाहरी छात्रों से मिलकर बने आक्रामक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने विरोध रैली शुरू की और शुरू में रहमान शहीद रोड पर लड़कियों के परिसर पर हमला किया, जिससे काफी नुकसान हुआ। इसके बाद प्रदर्शनकारी छात्रों के परिसर और कुंजाह में पंजाब कॉलेज में चले गए, जहां 50 वर्षीय सुरक्षा गार्ड अजहर हुसैन की हत्या कर दी गई।

अमेरिकी छात्रा के लिए भगवान बने कतर एयरवेज के सीईओ; मुसीबत में की ऐसी मदद कि अब हो रही हर ओर तारीफ

कभी-कभी जब आप मुसीबत में फंसे हों और कोई ऐसा व्यक्ति आपकी मदद कर दे जिसे आप जानते भी न हों तो वो भगवान से कम नहीं होता। ऐसा ही कुछ अमेरिका की एक छात्रा के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुआ। यहां 20 साल की छात्रा जूलिया जारोस्लावस्की बैंकॉक से यूएस लौटते समय मुसीबतों में फंस गई। दरअसल, जूलिया को भरोसा था कि बैंकॉक से शिकागो लौटते समय आसानी से उसे फ्लाइट मिल जाएगी। लेकिन कतर से दोहा की उड़ान को लेकर बोर्डिंग के आखिर में उसे पता चला कि उड़ान में सीटें नहीं है। जिसके बाद वह परेशानी में पड़ गई। आखिर में वहां उसकी मदद कतर एयरवेज के एक सीईओ ने की।

लगा था आराम से शिकागो पहुंच जाऊंगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकागो की 20 वर्षीय छात्रा जूलिया जारोस्लावस्की ने ईमेल के जरिए बताया कि थाईलैंड से अमेरिका लौटने के दौरान दोहा, कतर के लिए उड़ान भरने के बाद, उसे उसी दिन शिकागो के लिए स्टैंडबाय उड़ान भरने की उम्मीद थी। शुरू में जब उन्होंने एयरलाइन कर्मचारियों के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि उसे घर जाने के लिए उड़ान भरने में कोई समस्या नहीं आएगी। क्योंकि उस वक्त तक दोहा से शिकागो की उड़ान में बहुत सारी सीटें उपलब्ध थीं। लेकिन आखिर में बोर्डिंग के आखिर में एयरलाइन कर्मियों ने उसे बताया कि उड़ान की सारी सीटें भर चुकी हैं। इसके अलावा, बाकी किसी भी उड़ान में सीटें खाली नहीं हैं।

कॉफी शॉप में मिले कतर एयरवेज के सीईओ
जूलिया ने बताया कि वह बुरी तरह से थक चुकी थी, ये सुनते ही उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। इतना ही नहीं उसकी आंखों से आंसू निकल आए। जिसके बाद उसने बेहतर कनेक्शन वाली वैकल्पिक उड़ानों की खोज शुरू की लेकिन पाया कि आने वाले दिनों में दोहा से शिकागो की उड़ानें पूरी तरह से बुक थीं। ऐसे में बुरी तरह से परेशान जूलिया को एक रात एयरपोर्ट पर ही बितानी पड़ी। इसी दौरान भूख लगने पर वह एयरपोर्ट पर एक कॉफी की दुकान में गई। वहां उसने खाने के लिए ऑर्डर दिया। इस दौरान उसके चेहरे को देखने से पता लग रहा था कि वह परेशान है, उसकी आंखे डबडबाई हुईं थी। खाने के दौरान वह एक ऐसे व्यक्ति से एक सीट दूर बैठी जो उसकी ओर मुंह करके ही बैठा था। जूलिया को परेशान देख उसने जूलिया से परेशानी का कारण पूछा।

श्रीलंका में दोबारा खोले जाएंगे पुराने हाई-प्रोफाइल मामले, दिसानायके सरकार ने जारी किया फरमान

श्रीलंका की नई सरकार अब कुछ पुराने हाई-प्रोफाइल मामलों को लेकर सख्त होती हुई दिख रही है। दिसानायके सरकार ने पुलिस को एक बार फिर इन मामलों की जांच करने के आदेश दिए है। इन मामलों में सबसे प्रमुख रूप से 2019 ईस्टर संडे आतंकी हमले और 2005 में तमिल अल्पसंख्यक समुदाय के पत्रकार की हत्या शामिल है। बता दें कि पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर ने पिछले मामलों की फिर से जांच करने का वादा किया था।

पुलिस प्रवक्ता ने दी जानकारी
श्रीलंकाई सरकार के इस आदेश के बाद पुलिस प्रवक्ता निहाल थलदुवा ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय ने कार्यवाहक पुलिस प्रमुख से कहा है कि इन मामलों की फिर से जांच की जानी चाहिए। जिन मामलों की फिर से जांच की जानी है, उनमें 2015 में सेंट्रल बैंक बॉन्ड जारी करने में कथित घोटाला शामिल है, जिसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की सरकार को दोषी ठहराया गया था, और 2019 ईस्टर संडे आतंकी हमले जिसमें 11 भारतीयों सहित 270 से अधिक लोग मारे गए थे।

इन मामलों के मिलेगी प्राथमिकता
इसके साथ ही पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कैथोलिक चर्च ने उन हमलों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जिनका आरोप है कि पिछली सरकारों ने राजनीतिक रूप से प्रेरित कवर-अप किया था। जिन अन्य मामलों की जांच की जानी है। इसमें 2005 में तमिल अल्पसंख्यक समुदाय के पत्रकार डी शिवराम की हत्या और 2006 में एक तमिल अल्पसंख्यक शिक्षाविद का अपहरण और लापता होना शामिल है, जो उस समय पूर्वी विश्वविद्यालय का प्रमुख था। उत्तरी राजधानी जाफना में 2011 में दो राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं का लापता होना भी सूची में है।