Sunday , May 19 2024

व्यापार मन्डल के जिलाध्यक्ष अनन्त अग्रवाल ने कहा कि शासन स्तर से पीडितों को राहत व न्याय मिले व उनकीव्यापार मन्डल के जिलाध्यक्ष अनन्त अग्रवाल ने कहा कि शासन स्तर से पीडितों को राहत व न्याय मिले व उनकी सुनवाई हो के लिये तहसील दिवस, थाना दिवस निर्धारित किये गये तथा संम्बिधान में हर जिले में जिलाधिकारी व बरिष्ठ पुलिश अधीक्षक को अधिकार दिये कि नीचे स्तर से न्याय न मिले या नीचे स्तर पर अधिकारी न सुने तो उक्त अधिकारी पीडित की शिकायत पर चांच कराकर न्याय दे। लेकिन पीडितों को आसानी से न्याय या समस्या का निस्तारण नही हो रहा इसी लिये माननीय न्यायालय में केसों की संख्या बढ रही है। बहुत सी समस्याओं का जिले स्तर पर जिलाधिकारी या बरिष्ठ पुलिश अधीक्षक स्तर से समस्याओं का निस्तारण हो सकता है।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि इन सब व्यवस्थाओं के बाबजूद भी पीडितों की शिकायतें कम नही हो रही पीडित अपनी, समस्या के, समाधान के लिये नीचे से ऊपर तक अधिकारियों के चक्कर काटता है और समस्या का समाधान नही हो पा रहा।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि शासन स्तर से जनप्रतिनिधियों को अधिकार दिये गये हैं कि वह भी समय समय पर जनसुनवाई कैम्प लगाकर पीडितों की मौके पर ही समस्या का समाधान कराने का प्रयास करने आज माननीय सांसद जी व्दारा कचहरी में जनसुनवाई कैम्प लगाकर पीडितों की समस्याओं को सुना और बहुत पीडितों को मौके पर ही राहत व न्याय दिलाने का कार्य किया। सराहनीय कदम रहा।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि जब समाजिक या व्यापारिक संगठन के लोग किसी समस्या के समाधान के लिये जिलाधिकारी के कार्यलय उनसे भेंट कर लिखित शिकायती पत्र देते हैं तो श्रीमान जी पूरी बात सुने बगैर ही शिकायती पत्र पर अपनी भाषा में कुछ लिखकर कहते हैं ठीक है हम देखते है। पीडित असमंजस में रहता है कि हमारे शिकायती पत्र पर क्या आदेश किया। वह कुछ दिन बाद फिर उसी समस्या को लेकर फिर मिलता है और फिर वही जबाब मिलता है कि ठीक है देखते है। इसी लिये पीडितों की संख्या बढ रही है। व्यापार मन्डल की मांग है कि जिलाधिकारी स्तर पर पीडित की शिकायत का दो बार मिलने पर निस्तारण होना चाहिऐ। सुनवाई हो के लिये तहसील दिवस, थाना दिवस निर्धारित किये गये तथा संम्बिधान में हर जिले में जिलाधिकारी व बरिष्ठ पुलिश अधीक्षक को अधिकार दिये कि नीचे स्तर से न्याय न मिले या नीचे स्तर पर अधिकारी न सुने तो उक्त अधिकारी पीडित की शिकायत पर चांच कराकर न्याय दे। लेकिन पीडितों को आसानी से न्याय या समस्या का निस्तारण नही हो रहा इसी लिये माननीय न्यायालय में केसों की संख्या बढ रही है। बहुत सी समस्याओं का जिले स्तर पर जिलाधिकारी या बरिष्ठ पुलिश अधीक्षक स्तर से समस्याओं का निस्तारण हो सकता है।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि इन सब व्यवस्थाओं के बाबजूद भी पीडितों की शिकायतें कम नही हो रही पीडित अपनी, समस्या के, समाधान के लिये नीचे से ऊपर तक अधिकारियों के चक्कर काटता है और समस्या का समाधान नही हो पा रहा।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि शासन स्तर से जनप्रतिनिधियों को अधिकार दिये गये हैं कि वह भी समय समय पर जनसुनवाई कैम्प लगाकर पीडितों की मौके पर ही समस्या का समाधान कराने का प्रयास करने आज माननीय सांसद जी व्दारा कचहरी में जनसुनवाई कैम्प लगाकर पीडितों की समस्याओं को सुना और बहुत पीडितों को मौके पर ही राहत व न्याय दिलाने का कार्य किया। सराहनीय कदम रहा।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि जब समाजिक या व्यापारिक संगठन के लोग किसी समस्या के समाधान के लिये जिलाधिकारी के कार्यलय उनसे भेंट कर लिखित शिकायती पत्र देते हैं तो श्रीमान जी पूरी बात सुने बगैर ही शिकायती पत्र पर अपनी भाषा में कुछ लिखकर कहते हैं ठीक है हम देखते है। पीडित असमंजस में रहता है कि हमारे शिकायती पत्र पर क्या आदेश किया। वह कुछ दिन बाद फिर उसी समस्या को लेकर फिर मिलता है और फिर वही जबाब मिलता है कि ठीक है देखते है। इसी लिये पीडितों की संख्या बढ रही है। व्यापार मन्डल की मांग है कि जिलाधिकारी स्तर पर पीडित की शिकायत का दो बार मिलने पर निस्तारण होना चाहिऐ।