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एक दिन की परीक्षा के लिए अभियान में ढाई लाख अभ्यर्थी शामिल, सोमवार को आयोग के घेराव का निर्णय

प्रयागराज: पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षा एक दिन में कराए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अभियान चलाया गया, जिसमें तकरीबन ढाई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। एक्स पर यह अभियान देश में नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा। शाम को मम्फोर्डगंज में हुुई सभा में अभ्यर्थियों ने 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के घेराव का निर्णय लिया।

अभ्यर्थी एक ही मांग पर अड़े हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए। एक्स पर ‘हैशटैग यूपीपीएससी आरओ/एआरओ वनशिफ्ट’ नाम से चलाए गए अभियान को 2.40 लाख अभ्यर्थियों ने अपना समर्थन दिया। हालांकि, इतने व्यापक विरोधा के बावजूद आयोग ने शाम को दोनों ही परीक्षाएं दो दिन कराए जाने का निर्णय ले लिया।

आयोग के इस निर्णय के बाद अभ्यर्थियों की मम्फोर्डगंज स्थित शिवाजी पार्क में सभा हुई, जिसमें तय हुआ कि आयोग के निर्णय का लगातार विरोध किया जाएगा और 11 जनवरी को आयोग का घेराव होगा, जिसमें ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल होंगे। सभा में शामिल प्रतियोगी छात्र पंकज पांडेय, राजन तिवारी, प्रशांत, आशीष, राघवेंद्र, धीरज, आशुतोष आदि ने कहा कि आयोग के इस निर्णय से विधिक समस्या उत्पन्न होगी।

आयोग इस व्यवस्था के पारदर्शी होने के भले ही तमाम दावे करे लेकिन अभ्यर्थी इससे संतुष्ट नहीं हैं। इससे अभ्यर्थियों को सिर्फ नुकसान होगा और योग्य अभ्यर्थी भी छंटकर बाहर हो जाएंगे। अभ्यर्थियों ने कहा कि आयोग जब तक अपना निर्णय वापस नहीं लेता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो इसे निर्णय के खिलाफ अभ्यर्थी न्यायालय की शरण में जाएंगे।

वैज्ञानिक अधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा भी स्थगित

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 17 नवंबर को प्रस्तावित वैज्ञानिक अधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा भी स्थगित कर दी। इस परीक्षा के माध्यम से उत्तर प्रदेश विधि विज्ञान प्रयोगशाला के पांच डोमनों जीव विज्ञान क्षेत्र/प्रक्षेत्र, कंप्यूटर क्षेत्र/प्रक्षेत्र, फोरेंसिक क्षेत्र/प्रक्षेत्र, भौतिक शास्त्र क्षेत्र/प्रक्षेत्र, रसायन शास्त्र क्षेत्र/प्रक्षेत्र और आचार विज्ञान क्षेत्र/प्रक्षेत्र के तहत कुल 41 पदों पर भर्ती होनी है। आयोग के उप सचिव डीपी पाल के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेव आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) अधिनियम 1985 में संशोधन के मद्देनजर यह परीक्षा स्थगित की गई है। आयोग की ओर से जारी होने वाले अगले परीक्षा कैलेंडर में इसे पुन: निर्धारित किया जाएगा।