नई दिल्ली:  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), बंगलूरू के क्षेत्रीय कार्यालय ने 25 और 26 जून को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत बेंगलुरु में निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीट ब्लॉकिंग घोटाले से संबंधित 17 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी की कार्यवाही में बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, आकाश इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, न्यू होराइजन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के कार्यालय परिसरों और इन संस्थानों से जुड़े व्यक्तियों पर की गई। शैक्षिक परामर्श सेवाओं में लगी कुछ संस्थाओं और घोटाले से जुड़े कुछ निजी एजेंटों के परिसरों पर भी तलाशी ली गई। निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के इस सीट ब्लॉकिंग घोटाले में एजेंटों व दूसरे लोगों ने ऐसे छात्रों के लिए सीटें ब्लॉक कराई, जिन्हें दाखिला ही नहीं लेना था। बाद में उन सीटों को अपने लाभ के मुताबिक भरा।

ईडी के तलाशी अभियान के दौरान धन शोधन गतिविधियों से संबंधित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य डिजिटल डिवाइस पाए गए। उन्हें जब्त कर लिया गया है। तलाशी की कार्यवाही में निजी संस्थानों में लोकप्रिय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर सीट ब्लॉकिंग और नकदी/धन के उपयोग के संबंध में सबूत सामने आए हैं। एजेंटों, शैक्षिक परामर्श सेवा संस्थाओं का एक व्यापक नेटवर्क है, जिसका उपयोग भारत भर से छात्रों को इन संस्थानों में प्रवेश के लिए लाने के लिए किया जाता है। प्रबंधन कोटा सीटों पर प्रवेश ज्यादातर नकदी/धन जैसे बाहरी विचारों के आधार पर अपारदर्शी तरीके से किया जाता है।

एकत्र किए गए सबूतों के अलावा, तलाशी की कार्यवाही के दौरान 1.37 करोड़ रुपये (लगभग) की नकदी के रूप में अपराध की आय भी मिली है। इसे भी जब्त कर लिया गया। इससे पहले, ईडी ने केईए (कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण) द्वारा बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, आकाश इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, न्यू होराइजन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी/बीएनएसएस की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। आरोप है कि इन कॉलेजों ने अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके केईए के साथ पंजीकृत छात्रों के लॉग-इन क्रेडेंशियल प्राप्त किए और उन छात्रों के नाम पर अपने कॉलेज में सीटें चुनकर सीटें ब्लॉक कर दीं, जो वास्तव में प्रवेश लेने वाले नहीं थे।

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