बंगलूरू : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने रविवार को कहा कि कृष्णराज सागर (केआरएस) बांध के पास प्रस्तावित ‘कावेरी आरती’ को लेकर हाईकोर्ट की ओर से भेजे गए नोटिस पर सरकार कानून के अनुसार जवाब देगी। यह बयान उन्होंने उस याचिका के संदर्भ में दिया जिसमें इस कार्यक्रम को पर्यावरणीय और सुरक्षा कारणों से चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार और अन्य पक्षों को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
किसी की पूजा में कोई बाधा नहीं होगी- शिवकुमार
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, ‘जो भी हो, हम कानून के मुताबिक जवाब देंगे। किसी की पूजा में कोई बाधा नहीं होगी। कुछ लोगों की चिंताएं हैं और सरकार जो जरूरी होगा, वो करेगी। हम वहां हर दिन पूजा करते हैं।’ इस याचिका में जल संसाधन विभाग की तरफ से ‘गंगा आरती’ की तर्ज पर कावेरी आरती के आयोजन को चुनौती दी गई है। बताया गया है कि इसके लिए राज्य सरकार ने 92.30 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
दशहरे से पहले कार्यक्रम को शुरू करने की योजना
सरकार की योजना है कि यह कार्यक्रम दशहरे से पहले शुरू किया जाए, और इसके लिए करीब 10,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था, पार्किंग, और अन्य सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। इस बीच जब भाजपा नेता और विपक्ष के नेता आर. अशोक के उस बयान पर शिवकुमार से सवाल पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगस्त तक कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलेगा, तो शिवकुमार ने हंसते हुए कहा, ‘क्या अशोक ज्योतिषी बन गए हैं? अगर हां, तो मुझे भी समय दिलवा दीजिए, मुझे भी कुछ सवाल पूछने हैं।’
कावेरी आरती का क्या है उद्देश्य?
बता दें कि, कावेरी आरती का उद्देश्य कावेरी नदी के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देना है, जैसा कि वाराणसी में गंगा आरती के माध्यम से होता है। लेकिन पर्यावरणविद और कुछ स्थानीय लोग इससे प्राकृतिक पर्यावरण पर पड़ने वाले असर और जनसुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट के निर्देश और सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।