कोलकाता:कोलकाता के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोलकाता पुलिस ने पीड़िता की पहचान उजागर करने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है। पुलिस ने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं लॉ कॉलेज से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी तीनों छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है।
पुलिस ने एडवाइजरी में कहा है कि जानकारी में आया है कि कुछ लोग गोपनीय दस्तावेजों के प्रसार या अन्य तरीकों से पीड़िता की पहचान उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं। यह कानून का गंभीर उल्लंघन है।
दस्तावेजों, फोटो या सोशल मीडिया सामग्री सहित किसी भी सामग्री को साझा करना कानूनी प्रावधानों के तहत दंडनीय है। ऐसे कृत्यों में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी कोई भी जानकारी साझा करने से बचें, जिससे पीड़ित की पहचान हो सके। कोलकाता पुलिस ने कहा कि पीड़ितों की गरिमा और निजता का सम्मान करना कानूनी दायित्व और नैतिक अनिवार्यता है।
आरोपियों का डीएनए सैंपल लिया गया
पुलिस ने बताया कि दुष्कर्म के आरोपियों के डीएनए सैंपल लिए गए। तीनों आरोपियों को मनोजीत मिश्रा, प्रतिम मुखर्जी और जैब अहमद को सोमवार को कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां फोरेंसिक जांच के लिए उनके नमूने एकत्र किए गए।
लॉ कॉलेज ने आरोपियों को किया निष्कासित
दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज ने सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों को संस्थान से निष्कासित कर दिया है। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, सह-आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को कॉलेज से निष्कासित किया गया है। तृणमूल कांग्रेस के विधायक अशोक कुमार देब की अध्यक्षता में कॉलेज की शासी निकाय की बैठक के बाद कॉलेज ने छात्रों को निष्कासित करने की घोषणा की। देब ने कहा कि मनोजीत मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। दो अन्य छात्रों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया जाएगा। कॉलेज परिसर की सुरक्षा के लिए नियुक्त सुरक्षा एजेंसी को भी कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा।