तिरुवनंतपुरम:  तकनीकी खामी के कारण पिछले तीन हफ्ते से तिरुअवंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर खड़े ब्रिटिश नौसेना के लड़ाकू विमान एफ-35बी की मरम्मत करने के लिए 25 इंजीनियरों की एक टीम पहुंची है। ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स की इस टीम के पहुंचने के बाद लड़ाकू जेट को एअर इंडिया के हैंगर में ले जाया गया है।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स के एयरबस ए400एम एटलस इंजीनियरों को उतारने के बाद वापस चला गया है। इंजीनियरों की टीम यह देखेगी कि क्या विमान को ठीक करके वापस ले जाया जा सकता है या उसके पार्ट अलग-अलग करके ले जाना पड़ेगा।

एफ-35बी लड़ाकू विमान की जांच के लिए भारत आई इंजीनियरिंग टीम
ब्रिटेन से एक इंजीनियरिंग टीम ब्रिटिश रॉयल नेवी एफ-35बी लाइटनिंग लड़ाकू विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए भारत आई है। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने हवाई अड्डे पर इंजीनियरिंग टीम के आगमन की पुष्टि की। प्रवक्ता ने बयान में बताया कि ब्रिटेन की इंजीनियरिंग टीम को एफ-35बी विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात किया गया है।

इससे पहले सामने आया था कि रॉयल नेवी के F-35B विमान को केरल से C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान के जरिए ब्रिटेन वापस ले जाने पर विचार किया जा रहा है। अब तक फील्ड रिपेयर की सभी कोशिशें असफल रही हैं। F-35B विमान ने करीब एक महीने पहले तिरुवनंतपुरम में बिना किसी पूर्व सूचना के लैंडिंग की थी।

F-35 में उन्नत स्टील्थ कोटिंग और रडार अवरोधक हैं। यह आधुनिक हवाई युद्ध के लिए एन्क्रिप्टेड सॉफ्टवेयर और सेंसर के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा फ्यूजन का उपयोग करता है। लड़ाकू जेट परमाणु हथियार ले जा सकता है। F-35 तक विदेशी पहुंच इस विमान को उड़ाने वाले देशों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।

By Editor