नई दिल्ली:प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है। केंद्र सरकार अब इसे देशभर में लागू करने जा रही है। सरकार इस योजना को दो चरणों में आजमाया जा चुकी है। दोनों चरण सफल होने के बाद इसे पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। मंत्रिमंडल के पास प्रस्ताव भेजने की तैयारियां शुरु हो गई है। पिछले साल अक्तूबर में लाई गई इस योजना का मकसद अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान करना है।
केंद्र सरकार ने इस स्कीम के पहले चरण में 745 जिले शामिल किए थे। इसके लिए पिछले साल अक्तूबर में आवेदन मंगाए थे। इस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ऊर्जा, विनिर्माण तथा एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों की 280 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया था। पहले चरण के तहत कुल इंटर्नशिप में 68.82 फीसदी हिस्सेदारी शीर्ष 10 राज्यों की रही। लगभग 14 फीसदी इंटर्नशिप तो उत्तर प्रदेश में ही कराई गईं।
जबकि, दूसरे चरण के लिए इस साल 1 जनवरी से 22 अप्रैल तक आवेदन लिए गए। इस चरण में 735 जिले ही शामिल किए गए मगर 327 कंपनियां शामिल हुईं है। दूसरे चरण में इन 10 राज्यों की हिस्सेदारी बढ़कर 74 फीसदी हो गई। इसमें आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा 12.47 फीसदी इंटर्नशिप आईं और मध्य प्रदेश में आंकड़ा 10.95 फीसदी रहा।
स्त्रोत: संसद का लिखित जवाब
दूसरे चरण में इंटर्नशिप करने वालों में सबसे बड़ी संख्या स्नातकों की रही। इसके बाद आईटीआई, डिप्लोमा और 10वीं-12वीं पास अभ्यर्थियों ने इंटर्नशिप की। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का मकसद शैक्षिक और व्यावसायिक दोनों तरह से प्रशिक्षित युवाओं को एक बराबर अवसर मुहैया कराना है। दूसरे चरण में आईटी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों की कंपनियों ने हिस्सा लिया। इससे साबित होता है कि देश में हर क्षेत्र की कंपनियां इसमें जमकर भागीदारी कर रही हैं।