बरसात का मौसम अधिकतर लोगों को पसंद होता है। इस मौसम में घूमने की योजना बन जाए तो मौसम का मजा दोगुना हो जाता है। खासकर अगर घूमने के लिए प्रकृति के करीब किसी हरे-भरे स्थान का चयन किया गया हो। मानसून में चारों ओर हरियाली और ठंडी हवा का मौसम सफर के लिए बेहद रोमांटिक और ताजगी महसूस करा सकता है। खासकर जब आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, तो वीकेंड ट्रिप्स का मन जल्दी बन जाता है। लेकिन ये मत भूलिए कि बारिश सिर्फ सुहानी ही नहीं, कई बार परेशानी का कारण भी बन जाती है। खासतौर पर कुछ जगहें ऐसी हैं जहां मानसून में जाना खतरे से खाली नहीं होता। लैंडस्लाइड, कीचड़, ट्रैफिक और अनियोजित सुविधाएं आपकी ट्रिप का मजा बिगाड़ सकती हैं। अगर आप दिल्ली एनसीआर के रहने वाले हैं और इस मानसून मे ट्रिप पर जाने की योजना बना रहे हैं तो ये जान लीजिए कि राजधानी के आसपास किन जगहों पर बारिश के मौसम में जाना नहीं चाहिए।

कसौली

हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत हिल स्टेशन कसौली सर्दियों और गर्मियों के मौसम में पर्यटकों के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शामिल होता है लेकिन मानसून में यहां जाना व्यर्थ हो सकता है। बरसात के मौसम में कसौली में फिसलन भरे रास्ते और लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है। मानसून में कसौली जैसे हिल स्टेशन भले ही हरियाली से लबालब होते हैं, लेकिन बारिश के साथ फिसलन, कीचड़ और लैंडस्लाइड की समस्या भी आती है। खराब नेटवर्क और बंद रास्तों की वजह से यह जगह आपके ट्रिप का मजा किरकिरा कर सकती है।

कुचेसर या नीमराना

दिल्ली से लगभग ढाई घंटे के रास्ते पर कुचेसर का किला है और करीब 122 किमी दूर नीमराना स्थित है। ये दोनों ही स्थान शाही लुत्फ उठाने के लिए बेहतरीन स्थल है। यहां आप रिसाॅर्ट ट्रिप का आनंद ले सकते हैं। हालांकि बारिश में रिसॉर्ट ट्रिप का मजा खराब हो सकता है। कुचेसर या नीमराना जैसे रिसॉर्ट्स मानसून में खराब सर्विस और इनडोर बंद गतिविधियों की वजह से बोरिंग हो सकते हैं। खुले में घूमना मुश्किल और पूल में एंजॉय करना रिस्की हो सकता है।

मुरथल

दिल्लीवालों की फेवरेट जगह मुरथल, जहां लजीज पराठा सर्व किया जाता है। मानसून में पराठा खाने का मन दिल्ली वालों को मुरथल आने के लिए उत्साहित कर सकता है। लेकिन वीकेंड पर यहां इतनी भीड़ और ट्रैफिक हो जाता है कि आपका आधा दिन सिर्फ जाम में निकल सकता है। स्वाद के चक्कर में फंसकर भीड़ और ट्रैफिक से परेशान हो सकते हैं।

टाइगर फॉल, चकराता

उत्तराखंड के चकराता से 20 किमी दूर टाइगर फाॅल्स है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और 312 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए झरने के लिए जाना जाता है। हालांकि भारी बारिश में झरने खतरनाक हो सकते हैं। मानसून में वाटरफॉल ट्रिप्स रोमांचक लगती हैं, लेकिन भारी बारिश में टाइगर फॉल जैसे स्पॉट्स बहुत ही रिस्की हो जाते हैं। पानी का बहाव बढ़ सकता है और फिसलन से चोट लगने का खतरा बना रहता है।

By Editor