इंफाल:जातीय हिंसा का सामना कर रहे पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अब हालात सुधरने लगे हैं। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सुरक्षा बल लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। शनिवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर राज्यपाल अजय भल्ला ने कहा कि सरकार, सशस्त्र बलों और नागरिक समाज संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लौट रही है।

उन्होंने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा में कई लोगों की जान चली गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। सरकार ने संकट को हल करने और शांति एवं विश्वास बहाल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य पुलिस और सशस्त्र बलों की संयुक्त टीमों के संयुक्त अभियानों में पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार, सशस्त्र बलों और नागरिक समाज संगठनों के संयुक्त प्रयासों से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लौट रही है। हाल के महीनों में बड़ी कार्रवाई के दौरान साइबर-सुविधायुक्त योजनाओं और मिलिशिया समूहों की फंडिंग करने सहित जबरन वसूली में शामिल कई उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। मणिपुर पुलिस ने शिकायतों को सुव्यवस्थित करने और नागरिकों को गैरकानूनी मांगों से बचाने के लिए राज्य पुलिस, सीएपीएफ, असम राइफल्स और सेना को एक साथ लाते हुए जबरन वसूली विरोधी सेल और गोपनीय हेल्पलाइन शुरू की है।

राज्यपाल ने आगे कहा कि सामुदायिक संपर्क के साथ-साथ यह संयुक्त प्रयास सशस्त्र नेटवर्कों को लगातार ध्वस्त कर रहे हैं। जबरन वसूली पर अंकुश लगा रहे हैं और नागरिक व्यवस्था बहाल कर रहे हैं। इसके अलावा विस्थापित लोगों को आशा और कौशल वापस दिलाने के लिए कई पहल की जा रही हैं। आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के स्वैच्छिक पुनर्वास और समावेशी सुरक्षा गारंटी के लिए मैतेई, कुकी-ज़ो और नागा समुदायों के नागरिक समाज संगठनों के साथ बातचीत चल रही है।

कारगिल युद्ध की विरासत हमें एकता, लचीलापन, देशभक्ति बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है: राज्यपाल
राज्यपाल अजय भल्ला ने कहा कि कारगिल युद्ध की विरासत लोगों को एकता, लचीलापन और देशभक्ति के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि कारगिल के बर्फीले पहाड़ों की विषम परिस्थितियों में लड़ी गई लड़ाइयां हमारे सैनिकों के दृढ़ संकल्प, साहस और नि:स्वार्थ बलिदान को दर्शाती हैं। हर साल यह दिन राष्ट्र को उन लोगों की याद दिलाता है जो विपरीत परिस्थितियों में निडरता से डटे रहे।

भल्ला ने कहा कि कारगिल विजय दिवस यह बताता है कि उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। स्मृति और सम्मान के माध्यम से हम उनकी वीरता की कहानियों को भावी पीढ़ी तक पहुंचाते हैं। मणिपुर के सात सैनिकों ने कारगिल युद्ध में हमारी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भारत सदैव अपनी अखंडता की रक्षा करेगा। साथ ही युद्ध या आतंकवाद के किसी भी कृत्य के खिलाफ लड़ेगा।

राज्यपाल ने कहा कि देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के साथ एकजुटता में खड़े होते हुए मैं भारत के उन बहादुर सैनिकों को भी सलाम करना चाहता हूं जिन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है।

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