कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और भाजपा विधाय शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार अवैध घुसपैठियों को बड़े पैमाने पर निवास प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें मतदाता बनाने में मदद कर रही है। जिनमें रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी शामिल हैं। उन्होंने कई संवेदनशील सीमावर्ती जिलों में नए मतदाता पंजीकरण में असामान्य वृद्धि को लेकर भी आरोप लगाए हैं।
ममता सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में एक परेशान करने वाला रुझान सामने आया है। पिछले सप्ताह औसतन 70000 से अधिक फॉर्म-6 आवेदन जमा किए गए हैं, जो सामान्य 20,000-25,000 से काफी अधिक है। खासकर कूचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, नादिया और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों में ये बढ़ोतरी देखने को मिली है।
उन्होंने आगे लिखा कि यह उछाल और इसके साथ-साथ पश्चिम बंगाल प्रशासन द्वारा निवास प्रमाण पत्र जारी करने की खबरें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि राज्य सरकार रोहिंग्या मुसलमानों और अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वैध मतदाता बनाने के लिए अनैतिक और अवैध प्रयास कर रही है, ताकि मतदाता सूची में हेरफेर किया जा सके।
चुनाव आयोग को लिखा पत्र
अधिकारी ने एक 26 जुलाई को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भेजा गया पत्र भी संलग्न किया है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि 25 जुलाई या उसके बाद जारी किए गए किसी भी निवास प्रमाण पत्र को मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान अमान्य माना जाए, अगर ऐसी प्रक्रिया राज्य में लागू की जाती है।
उन्होंने कहा, हमारे लोकतंत्र की अखंडता की रक्षा की जानी चाहिए और वोट बैंक की राजनीति के निहित स्वार्थों के लिए इसे कमजोर नहीं होने दिया जा सकता। जिला चुनाव अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, और उनकी निष्ठा देश के प्रति और देश के हितों की रक्षा के प्रति है।