पुणे:  कारगिल युद्ध में लड़े पूर्व सैनिक के परिवार ने दावा किया है कि शनिवार रात हिंदुत्ववादी संगठन के लोग उनके घर में घुस आए और नागरिकता साबित करने को कहा। उन्होंने पीड़ित परिवार के कथित तौर पर आधार कार्ड भी जांचे। परिवार ने आरोप लगाया कि हिंदुत्ववादी संगठन के लोगों ने उन्हें बांग्लादेशी बताया।

सेना में सेवा दे चुके हैं बड़े भाई
घटना महाराष्ट्र के पुणे के चंदननगर इलाके की है। हकीमुद्दीन शेख भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं और उन्होंने कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था। हकीमुद्दीन शेख फिलहाल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में अपने परिवार के साथ रहते हैं। वहीं हकीमुद्दीन के दो भाई अपने परिवारों के साथ पुणे में रहते हैं। पुणे में रहने वाले भाई इरशाद शेख ने बताया कि ‘शनिवार की मध्य रात्रि जब वे अपने घर पर थे, तभी कुछ लोगों ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। जब दरवाजा खोला गया कई सारे लोग उनके घर में घुस गए। उन लोगों ने हमसे आधार कार्ड दिखाने को कहा। जब हमने आधार कार्ड दिखा दिए तो उन्होंने आधार कार्ड को फर्जी बता दिया।’

बांग्लादेशी होने का लगाया आरोप
इरशाद शेख ने बताया कि हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि हम बीते कई दशकों से पुणे में रह रहे हैं। इरशाद ने ये भी बताया कि उनके बड़े भाई सेना में सेवा दे चुके हैं और उनके दो चाचा भी सेना में सेवा दे चुके हैं। इरशाद ने दावा किया कि उन लोगों ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें बांग्लादेशी बताने लगे। इरशाद शेख का दावा है कि उन लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए और उन्हें और उनके परिजनों को पुलिस स्टेशन चलने को कहा। उनके साथ मौजूद दो लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। दोनों ने सादे कपड़े पहने हुए थे।

By Editor