अभिनेता राजकुमार राव साल 2017 की फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ को लेकर एक कानूनी विवाद में घिरे हैं। सोमवार 28 जुलाई को आठ साल पुराने एक मामले में राजकुमार राव को पंजाब के जालंधर कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। उन्हें सशर्त जमानत मिल गई है। मगर, इस केस में आज बुधवार 30 जुलाई को सुनवाई हुई है। इस दौरान खुद राजकुमार तो उपस्थित नहीं रहे, मगर उनके वकील ने इस मामले की जानकारी शेयर की है।
एक वर्ग में भड़का था गुस्सा
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक साल 2017 में ‘बहन होगी तेरी’ के प्रमोशन के दौरान एक विवादित पोस्टर को लेकर बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव के खिलाफ अदालत में सुनवाई हुई। राजकुमार के वकील दर्शन सिंह दयाल ने बताया कि जालंधर में हुई सुनवाई में अभिनेता उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने राजकुमार राव के इस मामले की जानकारी साझा करते हुए आगे बताया कि 2017 में फिल्म में भगवान शिव के एक पोस्टर को लेकर लोगों के एक वर्ग में गुस्सा भड़क गया था।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस
इस दौरान अभिनेता राजकुमार राव, श्रुति हासन, निर्माता-निर्देशक के खिलाफ केस दर्ज किया गया। दर्शन दयाल ने आगे बताया कि धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को भड़काने के इरादे से किया गया कार्य), धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जिसके कारण अभिनेता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए। एक्टर ने इस मामले में 28 जुलाई को जालंधर की एक अदालत में सरेंडर किया। अदालत में पेश होने के बाद उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई।
कलात्मक प्रस्तुति की दी दलील
एडवोकेट दर्शन सिंह दयाल ने कहा, ‘अभिनेता की अनुपस्थिति में अदालत में चालान पेश किया गया था। चूंकि समन में पता दिल्ली का था, इसलिए उन्हें अदालत में पेश होने की जानकारी नहीं दी गई थी। दरअसल, अभिनेता मुंबई में रह रहे हैं। दूसरी तरफ श्रुति हासन को अदालत ने निर्दोष पाते हुए मामले में बरी कर दिया। फिल्म के निर्देशक अजय के पन्नालाल आज अदालत पहुंचे, जिनकी याचिका अदालत में दायर की गई है’। याचिका में कहा गया है कि अभिनेता ने सिर्फ एक फिल्मी किरदार निभाया है, जिसमें उनके किरदार ने एक जागरण मंडली में भगवान शिव की भूमिका निभाई है और यह पूरी तरह से कलात्मक प्रस्तुति है।
राजकुमार राव ने दिया यह तर्क
अधिवक्ता दर्शन सिंह दयाल ने कहा कि किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। राजकुमार राव ने तर्क दिया कि फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाणपत्र मिला है, जिससे पता चलता है कि फिल्म का कंटेंट कानूनी रूप से आपत्तिजनक नहीं है। दर्शन के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत सुरक्षित है।