मैनपुरी की करहल सीट पर विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो गया है। सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस सीट से पर्चा भरा। अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पर्चा दाखिल करने के लिए अखिलेश सैफई से विजय रथ पर सवार होकर करहल पहुंचे थे। नामांकन से पहले अखिलेश ने लिखा कि ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा। आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें… नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी।

इस बीच भाजपा ने करहल में बड़ा दांव खेल दिया है। भाजपा ने यहां मोदी सरकार में मंत्री और आगरा से सांसद डॉक्टर एसपी सिंह बघेल को उतार दिया है। डॉक्टर बघेल ने भी सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

राजनीति से पहले एसपी बघेल यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। वो मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में भी रहे, मुलायम के PSO रहे। मुलायम सिंह यादव ने एसपी बघेल से खुश होकर उन्हें 1998 में जलेसर सीट से मैदान में उतारा, बघेल चुनाव जीत गए। उसके बाद 2 बार सांसद बने, हालांकि फिर वो बसपा में चले गए। मायावती ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया, राज्यसभा भी भेजा। 2014 में वो अक्षय यादव के सामने फिरोजाबाद से चुनाव लड़े लेकिन हार गए।

एसपी सिंह ने भी नामांकन दाखिल किया।
एसपी सिंह ने भी नामांकन दाखिल किया।

2017 में भा गई भाजपा

2017 में बीजेपी ने बघेल को टूंडला से टिकट दिया, बघेल चुनाव जीत गए। जिसके बाद उन्हें यूपी सरकार में मंत्री बनाया गया। 2019 में बघेल को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में आगरा से प्रत्याशी बनाया। बघेल आगरा से चुनाव जीते और मौजूदा वक्त में मोदी सरकार में मंत्री हैं।

1957 से अब तक सिर्फ एक बार भाजपा जीती है यहां

करहल विधानसभा सीट का इतिहास बताता है कि 1957 से अब तक यहां सिर्फ एक बार 2002 में भाजपा जीती है। 1980 में यह सीट एक बार कांग्रेस के खाते में भी गई है। 1957 के पहले चुनाव में यहां प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जीती थी। उस समय यहां दो सीटें हुआ करती थीं। 1985 से 2002 तक यहां बाबू राम यादव विधायक रहे। खास बात ये है कि वे 1985 से 1989 तक लोक दल से, 1989 से 1991 तक जनता दल से, 1991 से 1992 तक जनता दल (सेक्युलर) से और फिर 1993 से 2002 तक समाजवादी पार्टी से विधायक रहे।

इस सीट पर हैं 38 फीसदी यादव वोट

करहल सीट पर यादव वोटर्स करीब 38 फीसदी हैं, वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 6 फीसदी है। इस सीट पर 7 फीसदी ब्राह्मण, 9 फीसदी ठाकुर और 17 फीसदी SC मतदाता हैं। खास बात है कि इस सीट पर शाक्य वोटर्स की संख्या 13 फीसदी के करीब है।

By Editor