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मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद कोरोला काल में मृतक आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के परिजनों को नहीं मिली आर्थिक सहायता

जसवंतनगर/इटावा। मुख्यमंत्री आदेश के बावजूद कोरोना काल में मृत आंगनवाडी कार्यकत्री के परिजनों को अभी तक सहायता राशि नहीं मिल सकी है। परिजन चार माह से अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
सैफई ब्लॉक के गींजा गांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री ममता देवी को कोरोना संक्रमित होने के कारण सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया था जहां 5 मई को उपचार के दौरान मौत हो गई थी। छ: दिन बाद 21 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सैफई दौरे के दरम्यान मृतका के घर परिजनों को सांत्वना देने के बाद जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को मृतका के परिजनों को शीघ्र सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे किंतु चार माह बीत जाने के बावजूद परिजनों के हाथ खाली हैं और सरकारी मदद के नाम पर अब तक सिर्फ आश्वासन मिला है।
मृतका आंगनवाडी कार्यकत्री के पति राजेश बाबू ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वयं उनके घर आए थे उसके बाद कुछ दिनों तक तो अधिकारी उनके घर के चक्कर लगाते रहे और आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन कुछ दिनों बाद अधिकारियों की तरफ से कोई भी सूचना मिलना बंद हो गई। वे स्वयं जिला कार्यक्रम अधिकारी से मिले तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके खाते में यह अनुग्रह राशि शीघ्र ही पहुंचा दी जाएगी। इसके बाद लगातार जिला मुख्यालय के चक्कर लगाए लेकिन आज घटना के चार महीने बीत जाने के बावजूद भी अनुग्रह राशि खाते में नहीं आ पाई है। इसी कारण परिजनों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
राजेश बाबू ने बताया उनके तीन बच्चे जिनमें बड़ी बेटी लक्ष्मी उम्र 21 वर्ष आकाश 17 वर्ष एवं आदित्य 15 वर्ष के हैं। सभी बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश को दरकिनार कर दिया तो आम व्यक्ति के साथ क्या होता होगा यह समझ लेना काफी होगा!
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सैफई के सीयूजी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन काफी प्रयास के बावजूद कॉल नहीं लगी।