Saturday , July 27 2024

मथुरा निजीस्वार्थ वश व्यापार मंडल की आड़ में भीड़ जुटाकर सामाजिक पैसा इकट्ठा कर उसका दुरुपयोग करना है मानसिकता-अरुण अग्रवाल

 

मथुरा से अजय ठाकुर

भारतीय व्यापार मण्डल के प्रांतीय अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उन्होंने सूबे के मुखिया को बताया कि हमारी जानकारी के अनुसार प्रदेश में तथा लगभग सभी जनपदों में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सार्वजनिक प्रदर्शन, आगामी रामलीला प्रदर्शन आदि पर भी प्रतिबंध है। लोग कोरोना के संकट की वजह से स्वयं बच रहे हैं तथा सरकारी आदेश के अनुसार 100 व्यक्तियों से अधिक का कोई कार्यक्रम प्रतिबंधित है। परंतु मथुरा जनपद के वृंदावन में श्री कृष्णा आश्रम में कुछ लोगों द्वारा व्यापारी सम्मेलन और निर्वाचन के नाम पर कई हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा करने का आह्वान और प्रोपेगेंडा किया जा रहा है, जोकि जनहित में उचित नहीं है तथा जनहित में कोई भी खतरा उत्पन्न हो सकता है।
देश में कोरोना का संकट पुनः बढ़ रहा है, तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, देश और प्रदेश की सरकार कोरोना संकट से बचाव के लिए लगातार उपाय भी कर रही है और चेतावनी भी दे रही है, परंतु कुछ स्वार्थी तत्व केवल अपने निजी स्वार्थों के लिए व्यापार मंडल के बहाने से सामाजिक पैसा इकट्ठा करके उसका उपयोग दुरुपयोग करने के लिए प्रदेश के व्यापारियों के नाम पर छोटू भैया और सरकार को गाली देने वालों को इकट्ठा कर रहे हैं। प्रदेश में अभी भी 100 लोगों से अधिक को इकट्ठा करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है, परंतु हजारों लोगों को इकट्ठा करने की घोषणा की जा रही है। इस समय डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप भी कई जिलों में बढ़ रहा है, ऐसे में वृंदावन में स्थित कृष्णा आश्रम में हजारों लोगों का एकत्रित होना खतरे से खाली नहीं है। कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है या कोरोना और डेंगू का प्रकोप बढ़ सकता है। मथुरा जिला प्रशासन मौन है कोई अनुमति भी नहीं ली गई है परंतु फिर भी जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। अतः तुरंत कार्रवाई करके इसे रोका जाए, हमारी समाज में माननीय मुख्यमंत्री जी से यह अनुरोध है कल यानि 5 सितंबर से ही भीड़ का जमावड़ा शुरू हो चुका है, कार्यक्रम 7 और 8 सितंबर का घोषित है, तत्काल इस जमावड़े पर रोक लगाई जाए। उनके साथ मथुरा से प्रबुद्ध नागरिक जन् एवम स्वास्थ्य व्यवस्था हितैषी नागरिक गणों ने भी इस व्यापारी सम्मेलन और निर्वाचन के विरोध के स्वर उठाए जा रहे हैं।