गणेश चतुर्थी के 10 दिन बार अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना होती है तो वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है। वैसे इस दिन त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु की विशेष पूजा का महत्व है। अनंत चतुर्दशी को अनंत व्रत भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व भगवान हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी का पर्व 17 सितंबर को मनाया जा रहा है।

भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है। जब-जब धरती पर अधर्म, असत्य, अन्याय और पाप बढ़ता है, भगवान विष्णु धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। त्रेता युग में भगवान राम और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के रूप में उन्होंने अवतार लिया था।

अनंत चतुर्दशी के मौके पर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहते हैं तो भारत में उनके प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। आइए जानते हैं श्री हरि के दर्शन के लिए प्राचीन और प्रसिद्ध भगवान विष्णु के मंदिरों के बारे में।

आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर

भगवान विष्णु तिरुपति बालाजी में भगवान वेंकटेश्वर के नाम से विराजमान हैं। यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित है, जो कि भगवान विष्णु के प्रमुख मंदिरों में से एक है। तिरुपति बाला जी के दर्शन के लिए देश दुनिया से श्रद्धालु आते हैं। इस कारण यहां ठहरने और यात्रा के लिए पहले से ही व्यवस्था कर लेनी चाहिए।

ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर पुरी

ओडिशा राज्य में पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। उन्हें वहां भगवान जगन्नाथ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भारत के चार धामों में से एक है। रथ यात्रा के दौरान भगवान साल में एक बार अपने गर्भगृह से बाहर आकर शहर के भ्रमण पर निकलते हैं।

तमिलनाडु का श्री राजगोपाल स्वामी मंदिर

भगवान विष्णु के अधिकतर मंदिर दक्षिण भारत में स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक तमिलनाडु राज्य में है। तमिलनाडु के श्रीरंगम में राजा गोपाल स्वामी मंदिर है, जो भगवान विष्णु का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर अपने आकार और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है और इसे भारत का सबसे बड़ा तिरुपति भी माना जाता है। यहां भगवान विष्णु के रूप रंग नाथ की पूजा की जाती है, और यहां सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

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