रोशन लाल नागरथ, जिन्हें रोशन नाम से जाना जाता था। रोशन महान संगीतकारों में शुमार थे और वो एक दिग्गज संगीत निर्देशक के रूप में प्रसिद्ध थे। उन्होंने कम समय में ही म्यूजिक की दुनिया में बड़ा नाम कमाया। उस दौर में फिल्मी दुनिया में पहचान बनाना रोशन साहब के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने संघर्ष किया और कई जगह काम की तलाश की फिर म्यूजिक में उन्हें सफलता मिली। आज रोशन साहब तो नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मनोरंजन जगत को एक महान विरासत दी, जिनकी पीढ़ियों की जादूगरी इस दौर में भी कायम है। फिल्म निर्देशक राकेश रोशन, संगीत की दुनिया के बादशाह राजेश रोशन और अभिनेता ऋतिक रोशन जैसे दिग्गज उन्हीं के आशीर्वाद का परिणाम हैं। आज सोमवार को रोशन साहब की 108वीं जयंती को सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस खास अवसर पर जानेंगे उनके बारे में।
बचपन से ही संगीत के प्रति था जुनून
रोशन साहब का जन्म 14 जुलाई 1917 को पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उनका पूरा नाम रोशन लाल नागरथ था। वे बचपन से ही संगीत के प्रति समर्पित थे। संगीत प्रेमी होने के कारण, उन्होंने पंडित एस.एन. रतनजंकर से शुरुआती प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद रोशन साहब ने मैहर के प्रसिद्ध सरोद वादक अलाउद्दीन खान के मार्गदर्शन में वाद्य यंत्र सीखा और वो उसमें पारंगत हो गए। इस हुनर के कारण उन्हें 1940 में दिल्ली स्थित ऑल इंडिया रेडियो में ख्वाजा खुर्शीद अनवर के सहायक के रूप में काम करने का मौका मिला। हालांकि, उन्होंने 1948 में ये नौकरी छोड़ दी थी।
संघर्षों के बाद मिली सफलता
1948 का वो साल जब रोशन मुंबई आ पहुंचे और अपने सपनों की जद्दोजहद में लग गए। मुंबई में उनका संघर्ष कई महीनों चलता रहा, फिर एक दिन उनकी मुलाकात प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक किदार शर्मा से हुई। उन्होंने रोशन साहब को 1949 में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘नेकी और बदी’ में संगीत रचना का काम दिया, जो फ्लॉप रही। इसके बाद भी किदार शर्मा ने उन्हें अपनी अगली फिल्म ‘बावरे नैन’ में एक और मौका दिया। इस फिल्म का संगीत ‘खयालों में किसी के’ बहुत मशहूर हुआ, जिसने रोशन साहब को खास उपलब्धि दिलाई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1950-60 के दशक में कई यादगार फिल्मों में संगीत दिए, जिनमें से अनेक फिल्मों को उनके संगीत के कारण ही सफलता मिली।
इन फिल्मों के गीतों से जाने जाते हैं रोशन
रोशन साहब ने कई फिल्मों में म्यूजिक दिया, जिन्हें आज भी गुनगुनाया जाता है। कुछ गानें इस प्रकार हैं- ‘एरी मैं तो प्रेम दीवानी’, ‘सारी सारी रात तेरी याद सताए’, ‘लागा चुनरी में दाग’ आदि। इन गानों के जरिए रोशन संगीत निर्देशक के रूप में लोगों के दिलों में बस गए।
व्यक्तिगत जीवन
रोशन ने 1948 में इरा मोइत्रा से विवाह किया और उनके दो बेटे हुए राकेश और राजेश रोशन। आज राकेश रोशन अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के रूप में प्रसिद्ध हैं और राजेश रोशन संगीत निर्देशक के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा बात करें तो राकेश रोशन के बेटे ऋतिक रोशन की तो वो भी वर्तमान समय के दिग्गज अभिनेताओं में शुमार हैं, जो रोशन के पोते हैं। यह दिखाता है कि रोशन साहब के त्याग, परिश्रम और समर्पण ने उनकी पीढ़ियों को कितना प्रभावशाली बनाने का काम किया। 16 नवंबर 1967 को 50 वर्ष की आयु में रोशन लाल नागरथ का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।