नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि उन्हें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की असल वजह की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच का है, इसलिए वही बताएं कि वास्तव में क्या हुआ।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा सरकार का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि जब भी विपक्ष ने मुद्दे उठाने की कोशिश की, चाहे वह किसानों या गरीबों से संबंधित हो या विदेश नीति से जुड़ा हो, उन्होंने कभी भी विपक्ष को ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या धनखड़ को किसानों के पक्ष में बोलने के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, खरगे ने कहा, ‘‘मुझे ये सब जानकारी नहीं है। वह (धनखड़) हमेशा सरकार के पक्ष में रहे। उन्हें बताना चाहिए कि क्या हुआ था।
धनखड़ को बताना चाहिए कि क्या हुआ- खरगे
खरगे ने कहा कि जब हमने किसानों, गरीबों, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों या विदेश नीति से संबंधित कई मुद्दे उठाए तो उन्होंने (राज्यसभा में सभापति के तौर पर) हमें कभी मौका नहीं दिया। जब हमने गरीबों, महिलाओं, दलितों और वंचितों पर अत्याचार तथा हिंदू-मुस्लिम टकराव जैसे मुद्दों पर नोटिस देकर मुद्दे उठाने की कोशिश की, तो उन्होंने हमें मौका नहीं दिया। यह (धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे का कारण) उनके और मोदी के बीच का मामला है। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इसके साथ ही खरगे ने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष को बदले जाने के सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं कह सकते, समय आने पर बात करेंगे। वर्तमान में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार विस्तारित कार्यकाल के लिये कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष पद पर हैं। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर उन्हें बदलने की आवाज उठ रही है, क्योंकि वह दो प्रमुख पदों पर हैं।