इस्राइली सेना ने गाजा में उनकी नाकाबंदी तोड़ने की कोशिश कर रहे एक जहाज को रोक लिया है। इस जहाज का संचालन करने वाले सामाजिक संगठन फ्रीडम फ्लोटिला ने रविवार को बताया कि इस्राइल ने जहाज पर मौजूद 21 अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को भी हिरासत में लिया है। साथ ही जहाज पर लदा हुआ बच्चों का खाना, भोजन और दवाइयां सहित सभी सामान जब्त कर लिया। संगठन ने कहा कि इस्राइली सेना ने शनिवार आधी रात से ठीक पहले गाजा से लगभग 40 समुद्री मील दूर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में जहाज को जबरन रोका, जिससे जहाज के कैमरे और संचार उपकरण कट गए। संगठन ने एक बयान में कहा, ‘सारा माल गैर-सैन्य था और इस्राइल की अवैध नाकाबंदी के चलते भुखमरी और चिकित्सा संकट से जूझ रही आबादी की मदद करने के लिए था।’

इस्राइली सेना ने वजह नहीं बताई
इस्राइली सेना ने तत्काल इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की।इस्राइल के विदेश मंत्रालय ने रविवार तड़के X पर साझा पोस्ट में बताया कि नौसेना ने जहाज को रोक लिया है और उसे किनारे पर लाया जा रहा है। हाल के महीनों में दूसरी बार है, जब इस्राइली सेना ने गाजा में सहायता पहुंचाने की कोशिश को रोक दिया। यह मदद ऐसे समय रोकी गई है, जब गाजा में भुखमरी के हालात हैं और खाद्य विशेषज्ञ अकाल के खतरे की चेतावनी दे रहे हैं। जून में जब इस्राइली सेना ने जहाज मैडलीन को जब्त किया था। उस पर मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत 12 कार्यकर्ता सवार थे।

गाजा में भुखमरी के हालात
यह जहाज ऐसे समय में पकड़ा गया है जब इस्राइल, गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना कर रहा है। एक क्षेत्रीय मानवाधिकार समूह, अदालाह ने कहा कि जहाज पर छापेमारी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसने 10 देशों के सांसदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित 21 कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की।

मानवाधिकार संगठनों ने इस्राइली कार्रवाई पर उठाए सवाल
अदालाह ने एक बयान में कहा, ‘जहाज ने इस्राइली जलक्षेत्र में प्रवेश नहीं किया था, न ही ऐसा करने का इरादा था; यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मान्यता प्राप्त फलस्तीन राज्य के जलक्षेत्र की ओर जा रहा था। जिस अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में जहाज चल रहा था, उस पर इस्राइल का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।’ वामपंथी पर्यावरणवादी पार्टी की सांसद निकोला फ्राटोइयानी ने इतालवी सरकार से जहाज पर सवार दो इतालवी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन के अनुसार, जहाज पर सात अमेरिकी नागरिक भी सवार थे।

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