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मनोरंजन

‘भले ही वह भाषा नहीं जानती हो, उनके साथ काम करना बहुत आसान’, मृणाल के मुरीद हुए विजय

अभिनेता विजय देवरकोंडा की अगली फिल्म ‘फैमिली स्टार’ रिलीज को तैयार है। अभिनेता जमकर इस फिल्म के प्रचार में जुटे हैं। इस दौरान वह अपनी फिल्म के साथ-साथ फैंस के सामने अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी बातें भी साझा कर रहे हैं। हाल ही में, एक इंटरव्यू में विजय ने फिल्म में अपनी को-स्टार मृणाल ठाकुर की जमकर तारीफ की है और शूटिंग के दौरान कुछ दिलचस्प किस्सों का भी खुलासा किया है।

विजय ने खुलासा किया कि निर्देशक परशुराम ने फिल्म में उनके प्रदर्शन में कैसे योगदान दिया। अभिनेता ने कहा, “फिल्म के निर्देशक परशुराम का डायलॉग कहने का तरीका और खुद को प्रेजेंट करने का तरीका बहुत अनोखा है। मैं जानता हूं कि अभी मुझे उनसे बहुत कुछ सीखना है। जैसे ही मैं गीता गोविंदम और फैमिली स्टार दोनों के सेट पर गया, मैंने उनसे डायलॉग बुलवाया और इसे कैद कर लिया और इसे अपने चेहरे और शरीर के साथ दोबारा प्रस्तुत किया।”

सेट पर मृणाल के साथ काम करने के अपने अनुभव का खुलासा करते हुए विजय ने कहा, “जब आपके साथ एक बुद्धिमान अभिनेत्री होती है, तो यह बहुत आसान होता है। मृणाल मेरे फिल्मों का सपना देखने से पहले से ही इंडस्ट्री में अभिनय कर रही हैं। वह छोटी उम्र से ही काम कर रही हैं। वह बहुत तेजी से चीजें उठाती है। मैं उनसे कहता रहता हूं कि उन्हें खूबसूरत चेहरे का वरदान मिला है।”

विजय ने आगे कहा, “भले ही वह बहुत ज्यादा अभिनय न करें, लेकिन उनके एक्सप्रेशन से आप भावनाओं को महसूस कर सकते हैं। उसकी नाक, होंठ और आंखों का तालमेल ऐसा है कि स्क्रीन पर भावनाएं अच्छी तरह से सामने आती हैं। भले ही वह भाषा नहीं जानती हो। उनके साथ काम करना बहुत आसान था।”

BMCM: ‘बड़े मियां छोटे मियां’ का ट्रेलर देख गोविंदा ने दी मजेदार प्रतिक्रिया, जैकी भगनानी ने किया खुलासा

अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की ‘बड़े मियां छोटे मियां’ इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है, जो अब ईद पर रिलीज होने के लिए तैयार है। जब से अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की ‘बड़े मियां छोटे मियां’ की घोषणा हुई है, प्रशंसक इसकी तुलना 1998 में इसी शीर्षक की फिल्म से कर रहे हैं। अमिताभ बच्चन और गोविंदा अभिनीत वह फिल्म वाशु भगनानी द्वारा निर्मित और डेविड धवन द्वारा निर्देशित थी। अब लगभग 26 साल बाद जैकी भगनानी ‘बड़े मियां छोटे मियां’ को सिल्वर स्क्रीन पर लाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन उनका कहना है कि दोनों फिल्में बहुत अलग हैं। अब हाल ही में जैकी ने खुलासा किया कि इस फिल्म के ट्रेलर पर गोविंदा ने भी प्रतिक्रिया दी है।

हाल ही में दिए साक्षात्कार में जैकी भगनानी ने गोविंदा द्वारा अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ स्टारर ‘बड़े मियां छोटे मियां’ का ट्रेलर देखने की बात कही। उन्होंने खुलासा किया कि अमिताभ बच्चन व्यस्त थे, लेकिन फिल्म के ट्रेलर लॉन्च से एक दिन पहले उन्हें 1998 की फिल्म के ‘छोटे मियां’ यानी गोविंदा से उनके घर पर मिलने का मौका मिला। इस दौरान जैकी ने गोविंदा को फिल्म का ट्रेलर दिखाया। ट्रेलर देखने के बाद उन्होंने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी और कहा कि आपका निर्देशक बहुत अच्छा आदमी है।

जैकी ने आगे खुलासा किया कि गोविंदा ने ट्रेलर देख चुटकी लेते हुए कहा कि अली अब्बास जफर ने ‘बड़े मियां छोटे मियां’ के साथ एक सिनेमा बनाया है। जैकी ने आगे कहा कि ‘मैं उनके सामने बड़ा हुआ हूं और उनकी बातों से मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला। यह बिल्कुल अद्भुत था। मैं एक रचनात्मक व्यक्ति हूं, जो अब निर्माण कर रहा हूं। इससे मुझे बहुत खुशी हुई। हम सभी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, ताकि लोगों को हमारा बनाया हुआ सामान पसंद आए और वे हमारी तारीफ करें।

गोविंदा के बातें सुन जैकी भगनानी बहुत खुश हुए और उन्हें प्रेरणा मिली है। वहीं बात करें फिल्म की तो ‘बड़े मियां छोटे मियां’ वाशु भगनानी और पूजा एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत है। यह फिल्म अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित और वाशु भगनानी, दीपशिखा देशमुख, जैकी भगनानी, हिमांशु किशन मेहरा और अली अब्बास जफर द्वारा निर्मित है।

सैम राइमी अफवाहों से हुए परेशान, बोले- मैं टोबी के साथ अभी ‘स्पाइडर-मैन 4’ पर काम नहीं कर रहा हूं

सैम राइमी इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। पिछले दिन अफवाहों का बाजार गर्म था कि वे टोबी मैग्वायर के साथ एक बार फिर से काम करने जा रहे हैं। लोगों को लग रहा था कि सैम राइमी टोबी मैग्वायर अभिनीत फिल्म ‘स्पाइडर-मैन 4’ को निर्देशित करने वाले हैं। अब खुद निर्देशक ने इन अफवाहों को संबोधित किया है। आइए आपको बताते हैं सैम राइमी ने क्या कहा है —

नहीं कर रहे हैं ‘स्पाइडर-मैन 4’ पर काम
हाल ही में सैम राइमी से एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि क्या वे ‘स्पाइडर-मैन 4’ को निर्देशित कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में सैम राइमी कहते हैं, ‘देखिए इस अफवाह के बारे में मैंने भी सुना है, लेकिन यह सिर्फ अफवाह ही है। मैं अभी फिलहाल ‘स्पाइडर-मैन 4′ पर काम नहीं कर रहा हूं। जब मुझे इसके लिए अप्रोच किया जाएगा तब मैं जरूर इस खबर को अपने फैंस के साथ साझा करूंगा।’

टोबी के साथ काम करना है पसंद
सैम राइमी अपनी बात जारी रखते हुए कहते हैं, ‘मुझे टोबी के साथ काम करना बेहद पसंद है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि मैं मैग्वायर और कर्स्टन डंस्ट के साथ फिर से काम करना चाहूंगा। मुझे लगता है कि जब सही समय होगा तब सभी चीजें संभव हो जाएंगी, लेकिन अभी मेरे पास वास्तव में कोई कहानी या योजना नहीं है। सच में मुझे नहीं पता है कि मार्वल को अभी इसमें कोई दिलचस्पी होगी या नहीं। मुझे नहीं पता कि इस बारे में उनके क्या विचार हैं।’

‘श्रीदेवी ने किया था मां का अंतिम संस्कार, दी थी चिता को आग’, बोनी ने पत्नी को बताया धार्मिक

फिल्म निर्माता बोनी कपूर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। बॉलीवुड में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक हिट फिल्म देने वाले इस निर्माता-निर्देशक को कई बार असफलताओं का भी सामना करना पड़ा है। हालांकि, एक समय था, जब वह अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी चर्चा में रहते थे। अब हाल ही में, बोनी कपूर ने अपनी दिवंगत पत्नी श्रीदेवी के आध्यात्मिक स्वभाव के बारे में खुलकर बातें की है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा है।

फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘मैदान’ के प्रमोशन में जुटे हैं। मैदान रिलीज से पहले ही विवादों का शिकार भी हो गई है। हालांकि, इन सब के बीच बोनी कपूर फिल्म के प्रमोशन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। अब हाल ही में, एक इंटरव्यू में बोनी कपूर ने पत्नी श्रीदेवी और उनके आकस्मिक निधन को लेकर दुख जताया है और अपनी पत्नी को याद कर उनके आध्यात्मिक विचारों पर चर्चा की है।

बोनी ने इंटरव्यू में आगे बताया कि श्रीदेवी का आस्था के प्रति तो समर्पण था ही और उनकी पर्सनैलिटी भी काफी अलग और असामान्य थी। वह भक्ति में काफी विश्वास करती थीं और अपने संस्कारों से काफी ज्यादा बंधी हुई थीं। उन्होंने बताया, ‘उन्होंने कई चीजें ऐसी की, जो सामान्य नहीं थीं। जब उनकी मां का निधन हुआ तो उनकी चिता को आग उन्होंने ही दी थी।’

बोनी ने यह भी बताया की हिंदू संस्कृति में पुरुषों को अधिकार होता है कि वह चिता को अग्नि दें, लेकिन श्रीदेवी ने यह परंपरा को तोड़ते हुए खुद अपनी मां का अंतिम संस्कार किया था। बता दें कि साल 2018 में श्रीदेवी का निधन हो गया था। दुबई में वह परिवार में हो रही एक शादी में शामिल होने पहुंची थीं, जहां यह घटना घटी थी। अजय देवगन की फिल्म ‘मैदान’ रिलीज के लिए तैयारी कर रहे हैं। इसमें वह सैयद अब्दुल रहीम की भूमिका निभाते नजर आएंगे। फिल्म 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

फराह ने ‘मैं हूं ना’ की सफलता का किंग खान को दिया श्रेय, बोलीं- फिल्म बनाऊंगी तो शाहरुख के साथ ही

फराह खान ने अपने शानदार करियर में चार फिल्मों का निर्देशन किया है। इनमें तीन फिल्मों में शाहरुख खान मुख्य भूमिका में थे। उन्होंने 2004 में शाहरुख खान स्टारर ‘मैं हूं ना’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था, जो सुपरहिट साबित हुई थी। हाल ही में फराह ने कहा कि वह शाहरुख के साथ फिर से काम करने के अवसर का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने किंग खान को अपने लिए लकी कहा है। उन्होंने कहा बॉक्स ऑफिस पर ‘मैं हूं ना’ को सफलता शाहरुख की उपस्थिति के कारण मिली।

उन्होंने ‘मैं हूं ना’ की यादों को ताजा करते हुए कहा कि कैसे शाहरुख खान की भागीदारी ने फिल्म को हिट बना दिया। फराह खान ने कहा, ‘फिल्म बनाते समय मुझे सौ फीसदी लगा कि यह फिल्म चलेगी क्योंकि इसमें शाहरुख अभिनय कर रहे हैं। अभी भी लगता है मुझ की अगर मैं फिल्म बनाऊंगी तो शाहरुख के साथ ही बनाऊंगी 1000% चलनी ही चलनी है। भले ही इसके लिए कुछ समय इंतजार करना पड़े।’

फराह खान ने शाहरुख खान के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए कहा मेरे लिए वह बहुत भाग्यशाली है। ‘मैं हूं ना’ के अलावा फराह ने ‘ओम शांति ओम’, ‘तीस मार खां’ और ‘हैप्पी न्यू ईयर’ का भी निर्देशन किया है। इनमें तीन फिल्मों में किंग खान अहम भूमिका में थे। वहीं, ‘तीस मार खां’ में अक्षय कुमार अहम किरदार में थे। 45 करोड़ रुपये के बजट में बनी ये फिल्म महज 101.89 करोड़ रुपये की कमाई कर सकी थी।

वहीं, फराह की अन्य फिल्में खूब सफल रह थीं। ‘हैप्पी न्यू ईयर’ ने 394 करोड़ रुपये की कमाई की थी। ‘ओम शांति ओम’ ने 150 करोड़ रुपये कमाए थे और ‘मैं हूं ना’ 2004 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी। ‘मैं हूं ना’ फराह खान के निर्देशन की पहली फिल्म थी। इस फिल्म में शाहरुख खान, सुष्मिता सेन, सुनील शेट्टी, अमृता राव और जायद खान जैसे कलाकार शामिल थे। फिल्म को दर्शकों से बेहद प्यार मिला था, बॉक्स ऑफिस पर फिल्म हिट साबित हुई थी।

मजबूरी में मीना ने फिल्मों में रखा था कदम, सात साल की उम्र में डेब्यू कर इंडस्ट्री पर किया राज

हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी एक ऐसी हस्ती थी, जो फिल्मों अपने किरदार के चलते वह अमर हो गईं। अपनी फिल्मों के किरदार में मीना कुमारी जान फूंक देती थीं। भले ही मीना आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए उनके होने का एहसास हमेशा बना रहता है। मीना कुमारी ने अपने करियर में ‘बैजू बावरा’, ‘पाकीजा’ और ‘साहेब बीवी और गुलाम’ जैसी फिल्मों में यादगार किरदार निभाए, जिनके लिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। आज मीना कुमार की पुण्यतिथि है। चलिए आपको सिने जगत की इस मशहूर अदाकारा के सफर के बारे में बताते हैं।

मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त साल 1933 में मुंबई में हुआ था। मीना कुमारी के पिता अली बख्श मुस्लिम और मां बंगाली क्रिश्चिन थीं। माता-पिता ने उनका नाम महजबीन रखा था। मीना कुमारी के पिता एक बेटा चाहते थे, बेटी के जन्म से उनके पिता बेहद दुखी थे। उन्होंने मीना को एक अनाथालय के बाहर छोड़ दिया और हालांकि, जब बाद में पिता का मन नहीं माना तो वे उन्हें वापस उठा लाए।

घर की आर्थिक हालत ठीक ने होने की वजह से मीना ने महज सात साल उम्र में ही काम करना शुरु कर दिया था। उन्होंने सात साल की उम्र में ‘फरजाद-ए हिंद’ नाम की फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद अन्नपूर्णा, सनम, तमाशा, लाल हवेली जैसी फिल्मों में नजर आईं। हालांकि, मीना को पहचान फिल्म ‘बैजू बावरा’ से मिली, जिसने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया। यह फिल्म साल 1952 में रिलीज हुई थी। इसके बाद मीना कुमारी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अभिनेता अशोक कुमार के साथ मीना कुमारी को जोड़ी खूब जमी। दर्शकों को दोनों के बीच की केमिस्ट्री खूब पसंद आती थी। दोनों ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया, जो सुपरहिट रही। मीना कुमारी ने अपने फिल्मी करियर में चार बार फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम किया। हालांकि, फिल्मी करियर की तरह मानी का पर्सनल लाइफ बेहद उतार चढ़ाव भरी रही।

ब्रेस्ट सर्जरी के बाद हुई थी 30 साल की ब्रिटिश मॉडल की मौत, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

स्पेन में एक 30 वर्षीय ब्रिटिश मॉडल और ब्यूटीशियन डोना बटरफील्ड की मौत ब्रेस्ट सर्जरी के बाद हुई थी। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। यह घटना सितंबर 2023 की है। मॉडल ने बीते साल पाल्मा, मालोर्का में एक निजी क्लिनिक में दो कॉस्मेटिक ऑपरेशन करवाए थे। इससे कई साल पहले भी स्तन बड़ा करने के लिए ऑपरेशन कराया था, लेकिन असंतुलन ठीक कराने के लिए उन्होंने दोबारा सर्जरी का फैसला किया। इसका खर्च 11,650 डॉलर (9,71,416 रुपये) आया।

कॉर्डियक अरेस्ट से हुई मौत
मॉडल को पहले से ही दिल की बीमारी थी और एनेस्थेटिक की प्रतिक्रिया के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और कार्डियक अरेस्ट हो गया। उन्हें पाल्मा के सोन एस्पासेस यूनिवर्सिटी अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था, लेकिन 14 सितंबर को उनकी मृत्यु हो गई। उनके परिवार ने कहा कि पिछले सभी परामर्श ईमेल द्वारा आयोजित किए गए थे। परिवार ने दावा किया कि क्लिनिक ने पहले से बहुत कम सावधानी बरती थी। मॉडल के परिवार द्वारा कॉस्मेटिक सर्जनों पर लापरवाही का आरोप लगाने के बाद पुलिस जांच शुरू की थी।

मशहूर अभिनेता चांस पेरडोमो का 27 साल की उम्र में निधन, बाइक दुर्घटना में गई जान

मशहूर हॉलीवुड अभिनेता चांस पेरडोमो अब इस दुनिया में नहीं रहे। महज 27 साल की उम्र में एक्टर का निधन हो गया है। 30 मार्च को एक्टर की बाइक एक्सीडेंट में मौत हो गई। उनके निधन से इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। फैंस भी अपने पसंदीदा स्टार के अचानक चले जाने से गमगीन है। उन्होंने जेन वी मूमिनवैली और आफ्टर वी फेल जैसी फिल्मों और सीरीज में अपनी भूमिकाओं से लोगों का दिल जीता था।

‘पुलिस ने कहा, आप डॉन हो?…’ जब ‘बजरंगी भाईजान’ की शूटिंग के समय 25 हजार लोगों से घिरे थे सलमान

साल 2015 आई फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ बॉलीवुड के दबंग सलमान खान के करियर की सबसे सफल और लोकप्रिय फिल्मों में से एक है। फिल्म को भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी खूब पसंद किया गया। ‘बजरंगी भाईजान’ को समीक्षकों ने भी खूब सराहा। फिल्म में सलमान के किरदार की भी खूब प्रशंसा की गई। हाल ही में एक साक्षात्कार में फिल्म के निर्देशक कबीर खान ने ‘बजरंगी भाईजान’ की शूटिंग से जुड़ा दिलचस्प किस्सा साझा किया, जब वे 25 हजार लोगों से घिरे हुए थे।

साक्षात्कार में कबीर खान ने बताया कि दिल्ली में फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। जामा मस्जिद के बाहर पहले दिन की शूटिंग के दौरान काफी भीड़ जमा हो गई थी। वहीं, चांदनी चौक में सलमान की एक झलक के लिए लोग काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। कबीर ने बताया कि चांदनी चौक में शूटिंग के दौरान सलमान खान और उनकी क्रू 25,000 लोगों से घिरी हुई थी। उस दौरान सलमान को वहां से सुरक्षित ले जाने के लिए नकली कारों का इस्तेमाल किया गया था’।

कबीर ने आगे कहा, ‘जब हम चांदनी चौक में एक गली में शूटिंग कर रहे थे तो हमें नहीं पता था कि उन गलियों के बाहर क्या हो रहा है। उस दौरान पुलिस आई और उन्होंने कहा कि आप डॉन हो, पता भी बाहर क्या चल रहा है, आप 25,000 लोगों से घिरे हुए हैं। आप यह जगह नहीं छोड़ पाएंगे। क्योंकि हर किसी को पता है कि आप यहां सलमान खान के साथ शूटिंग कर रहे हैं।’

कबीर ने बताया कि भीड़ का ध्यान भटकाने के लिए नकली कारों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें सलमान को छुपकर दूसरे रास्ते से वहां से निकाला गया। यह सलमान खान का स्टारडम है। फिलहाल, सलमान खान की कई फिल्में लाइन-अप है। इनमें साजिद नाडियाडवाला की फिल्म के साथ ही सोहेल खान की फिल्म ‘शेर खान’ और सूरज बड़जात्या के साथ भी एक फिल्म की चर्चा है।

‘अगर ओटीटी नहीं होता तो ‘लैला मजनू’ जैसी फिल्म कब्र में चली गई होती’, साजिद अली का बड़ा दावा

फिल्म निर्माता साजिद अली की फिल्म लैला मजनू दर्शकों के बीच काफी हिट रही थी। सभी इसे साजिद अली की पहली फिल्म समझते हैं ,लेकिन उनकी पहली फिल्म ‘वो भी दिन थे’, जिसे अब कई वर्षों के बाद ओटीटी पर रिलीज किया गया है। अब हाल ही में, साजिद ने बताया कि कैसे ओटीटी ने उनकी दोनों फिल्मों ‘लैला मजनू’ और ‘वो भी दिन थे’ को गुमनामी से बचाया। आइए जानते हैं।

ओटीटी के मुरीद हुए साजिद
साजिद अली ने कहा, “यह मेरी पहली फिल्म है और यह हमेशा मेरे जीवन में की गई सबसे खास चीज रहेगी। 11 साल पहले इस फिल्म के साथ मैं 30 साल का हो गया था। यह एक लंबी कहानी है कि कैसे निर्माता मुझे इसका निर्देशन करने के लिए राजी हुए। यह मेरे गृहनगर जमशेदपुर में स्थित है, जहां मैं पला-बढ़ा हूं और जिस स्कूल में मैं गया था।”

ओटीटी ने दिया है दूसरा जीवन- साजिद
साजिद अली का मानना है कि अगर ओटीटी का माध्यम नहीं आया होता तो उनकी फिल्म अभी भी डिब्बे में ही पड़ी रहती। उन्होंने कहा, “मैं सच में नहीं जानता कि फिल्म तब रिलीज क्यों नहीं हुई थी। मैं समझ गया हूं कि इंडस्ट्री के कुछ अपने नियम हैं, जो अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाती हैं, लेकिन हमारी जैसी फिल्में कभी बाहर नहीं आती थीं। किसी पुरानी फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करने का जोखिम कौन उठाएगा? कोई नहीं! ओटीटी ने हम जैसे लोगों को दूसरा जीवन प्रदान किया है।”