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हेल्थ

कच्चे प्याज में मौजूद इन औषधीय गुणों के बारे में नहीं जानते होंगे आप…

सब्जियों का सेवन करना अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. ये आपको फिट और बीमारियों से दूर रखने में मदद करती हैं. सब्जी खाने के बहुत सारे फायदे हैं. जो लोग हेल्दी सब्जी और फल खाते उन्हें क्रोनिक बीमारी होने का खतरा कम होता है.

सब्जियों से आपको न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं. प्याज इन सब्जियों में से एक है. जिसका इस्तेमाल सिरदर्द, हृदय रोग और मुंह के छाले को सही करने के लिए किया जाता था. जानिए आपको क्यों इसका सेवन हर दिन करना चाहिए.प्याज के 10 फायदेप्याज से Bad cholesterol कम होता है. ये आपके हृदय को हेल्दी रखता है.

प्याज में Chromium होता है. ये आपके ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करता है.प्याज में विटामिन A, C और K होता है. ये आपके बाल और स्किन को हेल्दी रखता है.

अगर आप कच्चा प्याज चाबाते हैं तो ये आपके oral हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं. ये दांतों में होने वाले बैक्टीरिया और मसूड़ों की समस्याओं के लिए फायदेमंद हैं.

ऐसा कहा जाता है कि प्याज ऑक्सीडेटिव- स्ट्रेस को कम करने, एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ाने और हड्डियों को कमजोर होने से रोकने में मदद करता है. इस वजह से ऑस्टियोपोरोसिस को रोका जा सकता है और इससे हड्डियां मजबूत रहती हैं.

पेट में गैस की समस्या से क्या आपको भी चाहिए निजात तो आजमाने ये नुस्खा

पेट से संबंधित कई तरह की समस्याओं में पेट में गैसबनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, हर उम्र के व्यक्ति को कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ा है।

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक भोजन करना, ज्यादा देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा भोजन करना, ऐसा भोजन करना जो पचने में कठि‍न हो, शराब पीना, कुछ बीमारियों व दवाओं के सेवन के कारण भी पेट में गैस सकती है।

देर रात तक जागना
अगर आपकी देर रात तक जागने की आदत है तो सबसे पहले अपनी इस आदत को अवश्य बदल लें। क्योंकि देर रात तक जागने से इनडाइजेशन की प्रॉबल्म पैदा होती हैं, जिससे कि पेट में बहुत गैस बनने लगती है।

जल्दबाजी में न खाएं
कई लोग ऐसे होते हैं जो खाना बहुत जल्दबाजी में खा लेते है और जल्दबाजी में खाया हुआ खाना वे अच्छे से चबा भी नहीं पाते। इससे खाना डाइजेस्ट होने में समय लगाता है और पेट में एसिड बनना शुरू हो जाता है, जिससे कि पेट में गैस की गंभीर समस्या पैदा होने लगती हैं।

लगातार बैठे न रहे
कई बार क्या होता है कि लोग खाना खाने के बाद एक जगह टीक कर ही बैठे रहते हैं जिससे खाना सही तरीके से डाइजेस्ट नहीं हो पाता और फिर गैस की प्रॉबल्म भी बनने लगती हैं।

नमक का सही प्रकार इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर की समस्या होगी दूर

बदलती लाइफस्टाइल में जीने का तरीका और खान-पान सब कुछ बदल चुका है और इन बदलावों का असर सेहत पर भी हुआ है। इससे सेहत से जुड़ी कई परेशानियां शुरू हुई हैं। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर उनमें से एक है।

नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होना चाहिए। रक्तचाप को संतुलित रखने के लिए दवाओं के साथ-साथ ब्लड प्रेशर डायट चार्ट सही रखना बेहद जरुरी है।

नमक का सही प्रकार इस्तेमाल करें- गनेरीवाल का कहना है कि आपको गैर रिफाइन नमक के रूप में गुलाबी नमक, काला नमक या सेंधा नमक खाना जरूरी है. ये नमक सोडियम और पोटैशियम का शानदार संतुलन पेश करते हैं. इसके विपरीत, आयोडीन युक्त नमक सिर्फ सोडियम मुहैया कराता है और पोटैशियम नहीं देता है.

प्रोसेस्ड और पैकेट फूड न खाएं- उसमें फूड को सुरक्षित रखने के न सिर्फ रसायन से भरपूर होते हैं, बल्कि प्रोसेस्ड और पैकेट फूड खाना पोषण को अवशोषित करने की क्षमता को कम भी कर सकता है. ये फूड्स सोडियम और पोटैशियम के अनुपात और पानी के संतुलन को प्रभावित करते हैं. जिसके नतीजे में ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है.

गले की खराश से यदि आप भी हैं परेशान तो न करें इसे नज़रंदाज़

गले में खराश होने के कारण, दर्द और सूजन हो जाती है। जब गले की खराश बढ़ने लगती है, तो लोग डॉक्‍टर से सलाह ल‍िए बगैर लोग दवाओं का सेवन कर लेते हैं। गलत दवाओं के सेवन से, समस्‍या कम होने के बजाय बढ़ सकती है। वहीं मौसम बदलने के दौरान, बैक्‍टीर‍िया, वायरस और फंगस का प्रकोप बढ़ जाता है।

गले में खराश की समस्‍या उन लोगों को ज्‍यादा होती है, ज‍िनकी इम्‍यून‍िटी कमजोर होती है। शरीर की रोग प्रत‍िरोधक क्षमता बढ़ाने के ल‍िए, हल्‍दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। हल्‍दी में एंटीबायोट‍िक गुण होते हैं। इसके अलावा लौंग, काली म‍िर्च, अदरक, शहद, सेब का स‍िरका आद‍ि को अपनी डाइट में शाम‍िल कर सकते हैं।

गले में संक्रमण से बचने के ल‍िए, साफ-सफाई का ख्‍याल रखें। नैपकीन, तौल‍िए, बर्तन जैसी चीजों को शेयर न करें। अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्‍छी तरह से साफ करें। गले के संक्रमण से बचने के ल‍िए, कुछ भी खाने से पहले, हाथों की गंदगी साफ करें। ज‍िन लोगों की तबीयत खराब है, उन्‍हें सफाई का व‍िशेष ख्‍याल रखना चाह‍िए। मरीज के बर्तन और कपड़ों को अन्‍य लोगों से अलग रखें।

सुबह जल्दी उठना और व्यायाम करना आपके स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद

हम सभी जानते हैं कि वजन कम करना आसान नहीं होता है। इसके लिए धैर्य और अच्छे आहार और नियमित कसरत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।  क्या आप जानते हैं कि सुबह कुछ खास आदतों को अपनाने से आप अपना वजन कम कर सकते हैं।

सुबह जल्दी उठना वजन कम करने का एक प्रभावी तरीका है। हर दिन जल्दी उठना और व्यायाम करना आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है। सुबह व्यायाम करने से आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। यह आपको कई अन्य लाभों के अलावा कई बीमारियों से दूर रखता है।

 नियमित रूप से अपना वजन जांचना आपको आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करता है। शोध के अनुसार, छह महीने तक रोजाना अपना वजन नापने वाले 47 लोगों ने पाया कि इस दौरान उन्होंने करीब छह किलो वजन कम किया।

हमारे नाश्ते में उच्च मात्रा में प्रोटीन का सेवन हमारी भूख को लंबे समय तक नियंत्रित करने में मदद करता है। शोध में दावा किया गया है कि यह हमारी भूख को कम करता है। अत्यधिक प्रोटीन के सेवन से घ्रेलिन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिसे हंगर हार्मोन भी कहा जाता है।

दही के साथ गलत खाद्य पदार्थ खाने से शरीर को होते हैं ये नुकसान

र्मियों में एक कटोरी दही से ज्यादा रिफ्रेशिंग कुछ नहीं होता है। यह पेट को आराम देने के लिए जाना जाता है क्योंकि दही में मौजूद बैक्टीरिया पाचन प्रक्रिया में मदद करते हैं। दही के बारे में सबसे अच्छी चीजों में से एक यह है कि यह शरीर को अन्य खाद्य पदार्थों से भी पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद कर सकता है।

यह वास्तव में देश भर में एक मुख्य भोजन है और विटामिन और खनिजों से भरा हुआ है जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। दही का न्यूट्रिशन प्रोफाइल बहुत मजबूत होता है,  दही के साथ गलत खाद्य पदार्थ खाने पर ये पोषक तत्व हमारे शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ स्वस्थ हो सकते हैं, ।

मछली के साथ दही खाने से निश्चित रूप से बचना चाहिए, क्योंकि वे दोनों ही प्रोटीन से भरे होते हैं।  जब पशु प्रोटीन को शाकाहारी प्रोटीन के साथ मिला दिया जाता है, तो मानव शरीर के लिए एक साथ पचाना मुश्किल हो जाता है।

तो यह पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकता है और आपको दिन भर आलस्य भी महसूस करा सकता है। यही एकमात्र कारण है, क्यों कभी भी तैलीय भोजन और दही को एक साथ न मिलाने का सुझाव दिया जाता है।

विटामिन बी12 की कमी से बालों में होते हैं ये परिवर्तन

विटामिन बी12 एक पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है.  विटामिन  हमारे शरीर के ब्लड सेल्स के निर्माण, बनावट और काम में मदद करता है.

विटामिन बी12 का कमी होने पर शरीर में खून कमी हो सकती है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में टिश्यू को डैमेज कर सकते हैं. शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर कई तरह के संकेत मिलते हैं, जिसमें से एक है बाल.

विटामिन बी12 की कमी से बालों में परिवर्तन हो सकते हैं. यह विटामिन बालों के विकास में मदद करता है. इसकी कमी से बालों का झड़ना, सफेद होना और उनकी बनावट में बदलाव हो सकता है. भूसे जैसी बनावट के साथ बाल भंगुर, सुस्त और शुष्क भी हो सकते हैं.

बी 12 की कमी के अन्य लक्षणों में थकान, कमजोरी, हाथों और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी, बैलेंस बनाए रखने में कठिनाई और डिप्रेशन शामिल हैं.  इस पर ध्यान ना दिया जाए तो बी 12 की कमी से नर्व संबंधी डैमेज और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

मांस (भेड़ का मांस, बकरे का मांस, मुर्गे का मांस) विटामिन बी12 का एक रिच सोर्स होता है. इनमें विटामिन बी12 बड़ी मात्रा में पाया जाता है. समुद्री फूड जैसे कि मछली, मछली का तेल, समुद्री साग. पके हुए 6 औंस सैल्मन फिश में रोजाना की जरूरत का 200% से अधिक विटामिन बी12 होता है.

विटामिन बी6 से भरपूर ये फल आपकी सेहत के लिए हैं फायदेमंद

 केला सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. केला में कई पौष्टिक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं, जो सेहत को हेल्दी बनाते हैं. केले में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, डाइटरी फाइबर और मैग्नीज होता है.

इसमें विटामिन बी6 भी होता है. केला फैट फ्री, कोलेस्ट्रॉल फ्री भी माना जाता है. केले को उर्जा का पावर हाउस भी कहा जाता है,  एनर्जी बूस्टर का काम भी करता है. केले में पानी और फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करते हैं.

एक मध्यम आकार का केला एक व्यक्ति की एक दिन की जरूरत का लगभग 10% फाइबर प्रदान करता है. इसके सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है. केला पाचन प्रक्रिया को बेहतर करने में भी काफी मदद करता है.

पोटैशियम शरीर में तरल पदार्थ के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और कोशिकाओं के अंदर और बाहर पोषक तत्वों और अपशिष्ट उत्पादों की गति को नियंत्रित करता है. यह दिल की धड़कन को नियमित रखता है यह किडनी को स्वस्थ रखता है.

ब्राउन ब्रेड या व्हाइट ब्रेड आपके लिए आखिर कौनसी ब्रेड हैं फायदेमंद

ब्रेड खाना पसंद होता है। कुछ लोग व्हाइट ब्रेड खाते हैं तो कुछ ब्राउन ब्रेड। दोनों में से हेल्दी कौन-सी है।  जिस ब्रेड को हम सुबह के नाश्ते में खाकर अपने दिन की शुरूआत करते है, क्या वो आपकी सेहत के लिए घातक है।

देखा जाए तो हर वो व्यक्ति जो अपनी फिटनेस को लेकर अवेयर है उसे हर उस चीज के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिसे वो खाता है। तो यहां हम आपको बताएंगे कि व्हाइट या ब्राउन दोनों से कौन-सी ब्रेड आपकी सेहत के लिए अच्छी है।

अगर आप भी उन लोगों में शामिल है जो खाने को उसकी सुंदरता से नहीं बल्कि उसकी गुणवत्ता से आंकते है, अब तक हुई रिसर्च में ब्राउन ब्रेड को व्हाइट ब्रेड की तुलना में बेहतर पाया गया है।

हम ये बिल्कुल नहीं कह रहे कि ब्राउन ब्रेड खाकर आप अपनी सेहत के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर रहे।  ब्राउन ब्रेड व्हाइट ब्रेड से बेहतर होती है। व्हाइट ब्रेड भले ही दिख्रने में सुंदर होती है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवार्यमेंट की एक रिसर्च के अनुसार सभी तरह की ब्रेड जैसे कि व्हाइट, ब्राउन, मल्टीग्रेन, होल वीट, पाव, बन्स और पिज्जा बेस में कार्सिनोजन्स केमिकल्स होते हैं, जो कहीं ना कहीं कैंसर और थायरॉइड का कारण बनते हैं।

रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद आखिर क्यों दी जाती हैं सौफ ?

किसी भी तरह की पार्टी हो या किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जरूर गए होंगे।क्या आपने कभी सोचा है कि खाने के बाद सौंफ क्यों दी जाती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि खाना खाने के बाद सौंफ क्यों चबाने को दी जाती है।

इसके पीछे का कारण आपकी सेहत से जुड़ा है। मणिपाल हॉस्पिटल, बैंगलोर की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट वाणी कृष्णा के मुताबिक सूखे सौंफ में कैलोरी की कमी होती है। साथ ही इसमें फाइबर काफी अधिक होता है और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।

जिसके कारण शरीर में सूजन कम हो जाती है। सौंफ के बीज पोषक तत्वों, फाइबर से भरपूर होते हैं जबकि कैलोरी में कम होते हैं, जो आपके स्वस्थ चयापचय और स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है।

 एक अच्छे आहार और व्यायाम के साथ-साथ सौंफ आपकी जीवनशैली में एक ऐड-ऑन हो सकती है। सूखे सौंफ के बीज कैलोरी में कम, उच्च और स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। सौंफ के बीज एंटीऑक्सिडेंट से भरे होते हैं जो आपके शरीर में सूजन से लड़ते हैं, जो कई बीमारियों का कारण हो सकता है।