Friday , May 17 2024

विदेश

नए डाटा सेंटर खोलने पर सिंगापुर ने लगाईं रोक तो विदेशी कंपनियां कर रही भारतीय शहरों का रुख

सिंगापुर ने भारी बिजली खपत और पर्यावरण के नुकसान को देखते हुए नए डाटा सेंटर खोलने पर रोक लगा दी है। इससे विदेशी कंपनियां डाटा सेंटर खोलने के लिए भारतीय शहरों का रुख कर रही हैं। नोएडा में डाटा सेंटर हब बनाने की तैयारी है।

दक्षिण-पूर्व एशिया में सिंगापुर डाटा सेंटरों के लिए अग्रणी देश है। यहां के 60 फीसदी से अधिक डाटा सेंटर इस छोटे द्वीप पर स्थित है। इसके लिए कई कारण हैं। लेकिन, सिंगापुर के इस फैसले से विदेशी कंपनियां अब भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं।

जुलाई में सिंगापुर के सबसे बड़े निजी संपत्ति डेवलपर कैपिटालैंड ने भारत में अपना पहला डाटा सेंटर खोलने की घोषणा की। इस पर करीब 16 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। माइक्रोसॉफ्ट, एनटीटी और सिंगापुर की एसटी टेलीमीडिया जैसी वैश्विक कंपनियां नोएडा में भी अपना डाटा सेंटर बना रही हैं। एजेंस

चीन में फिर तेज़ी से पैर पसार रहा कोरोना वायरस, बढ़ते केस को देखते हुए सरकार ने लिया ये फैसला

अपनी तीन चौथाई आबादी का टीकाकरण कर चुका चीन अब जल्द ही तीन साल और उससे बड़े बच्चों को खुराकें देना शुरू करेगा। देश में महामारी के छोटे प्रकोपों को रोकने के उपायों के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। पांच प्रांतों की स्थानीय सरकारों ने हाल ही में नोटिस जारी कर तीन से 11 साल के बच्चों को टीके लगाने की घोषणा की है।

नए मामले आने के बाद गांसू के सभी पर्यटक स्थल बंद कर दिए गए। चीन ने जून में तीन से 17 साल के बच्चों के लिए सिनोफार्म और सिनोवैक के रूप में दो टीकों को मंजूरी दी थी। लेकिन फिर इन्हें 12 साल से बड़े बच्चों को ही लगाया गया।

अमेरिका पांच से 11 साल के बच्चों को नवंबर की शुरुआत से टीके लगाना शुरू कर सकता है। देश के महामारीविद डॉ एंथनी फाउसी ने इसकी संभावना जताई है।  यह फाइजर-बायोएनटेक द्वारा छोटे बच्चों के लिए कम खुराक वाले टीके के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए प्रस्तुत डाटा पर आधारित है। एफडीए का एक सलाहकार पैनल मंगलवार को पआवेदन पर विचार करेगा।

लोगो की बढ़ती लापरवाही के बीच डब्ल्यूएचओ चीफ ने किया सचेत कहा-“महामारी अभी गई नहीं…”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कोरोना महामारी को लेकर एक बार फिर से चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए सभी लोगों को अभी भी सावधान रहने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरणों को प्रभावी ढंग से उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महामारी तब ही समाप्त होगी जब दुनिया इसे समाप्त करना चाहेगी।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने G-20 देशों से भी आग्रह किया कि वे अपनी 40 फीसदी आबादी को कोवैक्स तंत्र और अफ्रीकी वैक्सीन अधिग्रहण ट्रस्ट (AVAT) में सक्रिय रूप से शामिल करें।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा था कि वह दवा निर्माताओं के एक प्रमुख संघ की टिप्पणियों पर हैरान हैं, जिन्होंने कहा है कि वैक्सीन की आपूर्ति इतनी अधिक है कि उन देशों में बूस्टर डोज और वैक्सीनेशन दोनों की अनुमति दी जा सकती है।

इस शहर में अचानक प्रधानमंत्री समेत कई अधिकारीयों को सैन्य बलों ने किया नजरबंद, ये हैं वजह

सूडान में तख्तापलट की आशंका है। प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को सोमवार तड़के सैन्य बलों ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार ने यह जानकारी दी है।

सैन्य बलों ने सोमवार को कम से कम पांच वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को हिरासत में ले लिया, जबकि सूडानीज प्रोफेशनल्स एसोसिएशन पार्टी ने जनता से संभावित तख्तापलट के विरोध में सड़क पर उतरने का आग्रह किया है।

नाम नहीं लिखने की शर्त पर दो अधिकारियों ने कहा कि यह गिरफ्तारी ऐसे वक्त हुई है जब दो सप्ताह पहले ही सूडान के आम नागरिकों और सैन्य नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया था।

सेना द्वारा तख्तापलट की नाकाम कोशिश हुई और अत्यंत रूढ़िवादी इस्लाम समर्थकों को इससे बल मिला जो निरंकुश पूर्व शासक उमर अल-बशीर को व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद सत्ता से हटाने वालों के खिलाफ सैन्य सरकार चाहते हैं।

United Nation: पश्चिमी देशों ने शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के कारण की चीन की निंदा

संयुक्त राष्ट्र में 40 से ज्यादा पश्चिमी देशों ने शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचारों पर चीन की निंदा कर उसे फटकार लगाई है।

अल-जजीरा के मुताबिक, 43 देशों ने शिनजियांग में शिक्षा शिविरों के अस्तित्व की विश्वसनीयता आधारित रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए बयान पर दस्तखत किए हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति में रिवेरे के पढ़े बयान के मुताबिक, इन देशों ने कहा कि हम चीन से आह्वान करते हैं कि वह शिनजियांग प्रांत में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त और उनके दफ्तर समेत स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के लिए तत्काल निर्बाध पहुंच मुहैया कराए।

ऑस्ट्रलिया सामरिक नीति संस्थान द्वारा जारी शोध रिपोर्ट हाल ही में उइगर क्षेत्र में बड़ी पैमाने पर मानवाधिकार हनन का दस्तावेजीकरण करने संबंधी साक्ष्य उजागर करने वाली नवीनतम रिपोर्ट है। इसमें शिनजियांग की कार्रवाई के लिए चीन सरकार और पूरे समाज के दृष्टिकोण पर रोशनी डाली गई है।

LAC पर जारी तनातनी के बीच ड्रैगन की नई चाल, इस कानून के तहत आम नागरिकों को बसाने की कर रहा तैयारी

भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रही तनातनी के बीच चीन ने नई चाल चली है। चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के स्थाई सदस्यों की ओर से नया भूमि सीमा कानून पास किया गया है।

इस कानून के तहत चीन सीमावर्ती इलाकों में अपनी दखल बढ़ाने जा रहा है। वह इन इलाकों में आम नागरिकों को बसाने की तैयारी कर रहा है, जिससे किसी भी अन्य देश के लिए इन इलाकों में सैन्य कार्रवाई और भी मुश्किल हो जाएगी।

चीन अपने इस कानून को देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अहिंसक बता रहा है। इसके तहत चीन के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी। इन इलाकों में आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ सार्वजनिक क्षेत्रों और इंफ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जाएगा।

लद्दाख सेक्टर में कई बार दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ चुके हैं और सीमा पर हिंसक झड़प भी हो चुकी है। ऐसे में चीन की ओर से पारित किया गया नया कानून भारत और चीन सीमा समझौते पर असर डाल सकता है और नया विवाद पैदा कर सकता है।

रूसी कोरोना वैक्सीन Sputnik V के इस्तेमाल से बढ़ रहा एचआईवी का खतरा, नामीबिया ने किया खुलासा

नामीबिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik V) के इस्तेमाल पर नामीबिया रोक लगाएगा।  स्पूतनिक-वी वैक्सीन लेने वाले पुरुषों में एचआईवी होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

नामीबिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि रूसी वैक्सीन के इस्तेमाल को बंद करने का उनका फैसला इस चिंता के सामने आने के बाद लिया गया है कि स्पूतनिक वी लेने वाले पुरुषों में संभवतः एचाईवी होने की आशंका ज्यादा होती है।

बीते कुछ दिन पहले देश दक्षिण अफ्रीका ने भी स्पूतनिक वैक्सीन को लेकर चिंता जाहिर की थी। दक्षिण अफ्रीकी नियामक SAHPRA ने फैसला लिया है कि वह अपने देश में स्पूतनिक-वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी नहीं देगा।

इसके पीछे दवा नियामक ने कहा है कि कुछ शोधों से यह पता चला है कि स्पूतनिक-वी में एडेनोवायरस टाइप 5 वेक्टर है, जिसके इस्तेमाल से पुरुषों में एचाईवी होने की आशंका बढ़ जाती है।

अफगानिस्तान में हवाई हमले के लिए क्या अमेरिका को एयरस्पेस इस्तेमाल करने देगा पाकिस्तान ?

अफगानिस्तान में आतंकी समूहों के खात्मा के लिए अमेरिका, पाकिस्तान से हाथ मिलाने जा रहा है। इस बात की जानकारी अमेरिकी प्रशासन ने दी है।

रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अफगानिस्तान में सैन्य और खुफिया अभियानों के संचालन के लिए हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान के साथ औपचारिक समझौते के करीब है।

सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान ने आंतक विरोधी कोशिशों और भारत के साथ संबंधों के बदले एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की इच्छा जताई है। लेकिन बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है।

वाइट हाउस अभी भी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वह अफगानिस्तान से बाहर रहते हुए भी इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ कारवाई को कैसे अंजाम दे सकता है। मौजूदा वक्त में यह तभी संभव है जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करती है। लेकिन अब तक इसे लेकर कोई औपचारिक समझौता नहीं हो सका है।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि जब अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान का दौरा किया तो एक समझौते पर चर्चा हुई, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान क्या चाहता है या बदले में अमेरिका कितना देना चाहता है।

तो क्या सच में अफगानिस्तान में तालिबान के राज़ से बढ़ गया हैं अफगान सिखों पर संकट

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से सिखों के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है। आलम यह है कि उन्हें सुन्नी इस्लाम अपनाने या फिर देश छोड़कर भाग जाने को मजबूर किया जा रहा है।

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की रिपोर्ट का कहना है, अफगानिस्तान में सदियों से रह रहे सिखों की आबादी एक जमाने में दसियों हजार थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों में कट्टरता के चलते बढ़ी धार्मिक हिंसा, हत्या, व्यवस्थागत भेदभाव और देश छोड़कर जाने के कारण समुदाय बर्बाद हो गया है। देश में अधिकांश सिख काबुल में तो कुछ गजनी और नंगरहार प्रांतों में रहते हैं।

कंधार में अज्ञात बंदूकधारी ने एक सिख को गोली मार दी थी। आईएफएफआरएएस का कहना है कि 26 मार्च 2020 को काबुल के एक गुरुद्वारे में तालिबान द्वारा समुदाय के नरसंहार के बाद से ही बड़ी संख्या में सिख भारत जा रहे हैं।

यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब कुछ दिनों पहले ही काबुल के कार्त-ए-परवान जिले में एक गुरुद्वारे में घुसे 15 से 20 आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को बंधक बना दिया था। अफगानिस्तान में सिख अक्सर इस तरह के हमलों और हिंसा का सामना करते हैं।

बांग्लादेश: रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे पर हुआ बड़ा हमला, गोलीबारी में 7 लोगों की मौत

बांग्लादेश के रोहिंग्या में शुक्रवार को गोलीबारी हो गई. इसमें 7 लोगों के मारे जाने की खबर है.  हमला रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे में हुआ.

हमला रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे में हुआ. यहां अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की. फायरिंग में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि तीन लोगों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई.

उखिया एसपी शिहाब कैसर ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा, हमले के बाद चार लोगों की तुरंत मौत हो गई. इसके तुरंत बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया.

बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में दुनिया का सबसे बड़ा रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप है. यहां करीब 10 लाख रोहिंग्या रहते हैं. ये रोहिंग्या 2017 में म्यांमार से भागकर आए थे. 2017 में बौद्ध बहुसंख्यक देश म्यांमार में वहां की सेना ने रोहिंग्या के खिलाफ कार्रवाई की थी. उसके बाद रोहिंग्या मुसलमान वहां से भाग गए. इनमें से ज्यादातर बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप में रह रहे हैं.