Friday , April 26 2024

विदेश

दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनावों के लिए मतदान; 254 सीटों पर लोग डाल रहे वोट, 46 पर ऐसे होगा फैसला

आज दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनावों में मतदान चल रहा है। सुबह छह बजे से वोटिंग जारी है। बता दें, इस चुनाव के नतीजों से यह तय हो जाएगा कि राष्ट्रपति यूं सुक येओल अपने शेष तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान विधायी समर्थन के साथ अपने एजेंडे को आगे बढ़ा पाएंगे या नहीं।

सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, देश भर में 14,259 मतदान केंद्रों पर सुबह छह बजे (स्थानीय समयानुसार) मतदान शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा। पिछले सप्ताह हुए शुरुआती मतदान के बाद, तीन करोड़ से अधिक लोग अपना मतपत्र डालने के योग्य हैं।

इतनी सीटों पर मतदान
गौरतलब है दक्षिण कोरिया के लोग तय करेंगे कि 300 सीटों वाली सदस्यीय संसद में कौन बैठेगा, जिसमें 254 सदस्य सीधे वोटों के माध्यम से चुने जाएंगे और अन्य 46 पार्टी समर्थन के अनुसार आवंटित किए जाएंगे। यहां दो मुख्य दल – राष्ट्रपति यूं सुक येओल की पीपुल पावर पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी – के पास 300 सदस्यीय संसद में 270 सीटें हैं। लेकिन दोनों पार्टियां आंतरिक संघर्षों और राजनीतिक विवादों से जूझ रही हैं, जिससे नई, अलग हुई पार्टियों को लाभ मिलने की संभावना बढ़ रही है। परिणाम बहुदलीय विधायिका हो सकता है।

सुबह नौ बजे तक 6.9 फीसदी वोट डले
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, सुबह नौ बजे तक कुल मतदाताओं में से करीब 30 लाख यानी 6.9 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो चार साल पहले हुए चुनाव के मुकाबले 1.1 फीसदी कम था।

अमेरिकी सांसद ने भारतीय PM की तारीफों के बांधे पुल, कहा- भारत का चेहरा बन गए हैं प्रधानमंत्री मोदी

देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बनी हुई है। अब अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने भारत के पीएम की बढ़ाई की है। उन्होंने विकास कार्यों और 2014 से देश की आर्थिक प्रगति के लिए पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह भारत का चेहरा बन गए हैं।

भारत- अमेरिका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा
अमेरिकी सदन में भारत के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक माने जाने वाले ब्रैड शेरमैन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा है। हालांकि, रूस के साथ भारत के रक्षा संबंध भारत-अमेरिका संबंधों में एक चुनौती है।

हर देश की अपनी चुनौतियां होती हैं
उन्होंने मंगलवार को कहा, ‘वह (मोदी) भारत का चेहरा बन गए हैं। हम आर्थिक विकास होते देखा है। बेशक, हर देश की अपनी चुनौतियां होती हैं, हर नेता की अपनी चुनौतियां होती हैं। मैं किसी देश की सफलता का श्रेय सिर्फ एक नेता को नहीं देता। मेरा मतलब है कि आपके पास 1.3 अरब से अधिक लोग हैं और वे सभी भारत को और अधिक सफल देश बनाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’

28 सालों से शेरमैन कर रहे काम
69 वर्षीय ब्रैड शेरमैन हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में वरिष्ठ डेमोक्रेट हैं। वह पिछले 28 वर्षों से भारत-अमेरिका संबंधों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका-भारत संबंध काफी मजबूत हुए हैं। मैं यह जानता हूं क्योंकि मैं यहां यूएस इंडिया कॉकस का पूर्व अध्यक्ष रहा हूं। हमने इसे सभी द्विदलीय कॉकस में सबसे बड़ा बनाया। हमने बहुत कुछ देखा है, विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में सैन्य खुफिया जानकारी साझा करने और सबसे बड़े संयुक्त अभियान और अभ्यास में। वहीं हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र और शांतिपूर्ण रखने पर काम किया है।’

सेना प्रमुख ने ईद से पहले दिखाई दरियादिली, नौ मई को हुई हिंसा में गिरफ्तार 20 लोगों को किया रिहा

बीते साल नौ मई को हुई हिंसा के मामले में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन लोगों को सैन्य अदालतों ने सजा दी थी। हालांकि अब ईद को देखते हुए कम से कम 20 लोगों को रिहा कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा माफ किए जाने के बाद इन लोगों को छोड़ा गया है।

इंट्रा-कोर्ट अपील (आईसीए) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही थी। छह सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति सयैद हजहर हसन रिजवी, न्यायमूर्ति शाहीद वाहिद, न्यायमूर्ति मुसरत हिलाली और न्यायमूर्ति इरफान सादत खान शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को इन कैदियों को रिहा किया है।

28 मार्च को दिया था आदेश
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान को गिरफ्तार करने के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में कथित शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया था। अब 103 नागरिकों से जुड़े मुकदमे में नया फैसला आया है। 28 मार्च को हुई पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत ने सैन्य अधिकारियों को सशर्त रूप से संदिग्धों के फैसले की घोषणा करने की अनुमति दी थी, जिन्हें ईद त्योहार से पहले रिहा किया जा सकता था।

इसलिए किया रिहा
अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके 28 मार्च के निर्देशों के अनुपालन में, सैन्य अदालतों को मुकदमे को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि 20 लोगों को एक साल की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से 17 ने साढ़े 10 महीने और तीन व्यक्तियों ने साढ़े नौ महीने की सेवा की थी। चूंकि उनमें से अधिकांश ने लगभग 10 महीने जेल में बिताए थे, इसलिए सेना प्रमुख ने शेष अवधि माफ कर दी थी। इनमें से चार खैबर पख्तूनख्वा के हैं जबकि अन्य 16 पंजाब के हैं। उन्हें छह और सात अप्रैल को अपने-अपने प्रांतों में रिहा कर दिया गया था।

क्या हुआ था नौ मई को?
दरअसल, 9 मई, 2023 को भ्रष्टाचार एक मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का आरोप है कि खान और उनकी पत्नी ने एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए एक रियल एस्टेट कारोबारी से रिश्वत के रूप में लाखों डॉलर की जमीन हासिल की।

मोजांबिक द्वीप के पास क्षमता से अधिक भरी नाव पलटी; 97 लोगों की मौत, 12 को किया गया रेस्क्यू

मोजांबिक के तट पर क्षमता से अधिक भरी एक नाव पटलने से 97 लोगों की मौत हो गई। यह घटना रविवार रात की है। मोजांबिक के उत्तरी प्रांत नामपुला के प्रशासक सिल्विरो नौआइतो ने बताया कि नाव में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मौजूद थे, जो उत्तरी लुंगा जिले से मोजांबिक द्वीप के पास जा रहे थे।

हैजा की गलत सूचना पाकर भागने लगे लोग
सिल्विरो नौआइतो ने बताया कि हैजा फैलने की गलत सूचना के कारण 130 यात्री स्वास्थ्य देखभाल के लिए दूसरे जगहों पर भाग रहे थे। उन्होंने बताया कि अबतक 12 लोगों को रेस्क्यू किया गया है और अन्य की तलाश जारी है। खराब मौसम के कारण नाव चलाने में परेशानी हो रही थी। रविवार को 91 और सोमवार को छह शव बरामद किए गए। 40 शवों को या तो द्वीप पर या मुख्य भूमि पर ले जाया गया है। शवों को दफनाने का काम जारी है। जनवरी से ही मोजांबिक अपने उत्तरी क्षेत्र में हैजा को रोकने का प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य संकट ने पड़ोसी देशों जैसे जांबिया और मलावी को भी प्रभावित किया है।

क्षमता से अधिक भरी होने के कारण पलटी नाव
मीडिया से बात करते हुए नामपुला में राज्य सचिव जेमी नेटो ने कहा कि नाव एक विशाल लहर से टकरा सकती थी। उन्होंने यह भी बताया कि हैजा की गलत सूचना के कारण नाव अपनी क्षमता से अधिक भरी हुई थी। नाव एक समय में इतने यात्रियों को ले जाने के लिए उपयुक्त नहीं थी।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हैजा की गलत सूचना मिलने के कारण इतने सारे लोग नाव में चढ़ गए। नाव इतने लोगों को ले जाने के लिए तैयार नहीं थी और आखिर में वह डूब गई। इसका परिणाम बहुत बुरा हुआ।” बता दें कि मोजांबिक में नाव से यात्रा करना मुख्य यातायात का स्रोत है, क्योंकि वहां की सड़के जर्जर अवस्था में है।

पूर्व PM गिलानी बने सीनेट के अध्यक्ष, PML-N के नासिर को मिला उपसभापति का पद

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के सांसदों के विरोध के बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को मंगलवार को सीनेट का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। वहीं, सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सैदल खान नासिर को उपसभापति चुना गया। पीएमएल-एन के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा समर्थित दो उम्मीदवारों के खिलाफ किसी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था।

पीटीआई सांसद कर रहे विरोध
गौरतलब है, सीनेट की बैठक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों के विरोध के बीच हुई है। दरअसल, पीटीआई सांसद मांग कर रहे थे कि सत्र को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के सीनेटरों के चुनाव तक स्थगित किया जाना चाहिए। बता दें, खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के सीनेटरों के चुनाव दो अप्रैल को होने थे, लेकिन आरक्षित सीटों पर निर्वाचित सदस्यों की शपथ पर हुए विवाद होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

11 सीटों पर सीनेट चुनाव में देरी हुई
इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद, पंजाब और सिंध में चुनाव हुए थे। हालांकि पीटीआई शासित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चुनाव नहीं हुआ था, जहां प्रांतीय असेंबली अध्यक्ष बाबर सलीम स्वाति के आरक्षित सीटों पर विपक्षी सांसदों को शपथ दिलाने से इनकार करने के कारण 11 सीटों पर सीनेट चुनाव में देरी हुई।

41 नवनिर्वाचित सीनेटरों को शपथ दिलाई गई
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पीटीआई और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) की इन सीटों के आवंटन की मांग को खारिज कर दिया था, जिसके बाद ये सीटें पीपीपी, पीएमएल-एन और अन्य दलों को आवंटित की गई थीं। सत्र शुरू होने के बाद 41 नवनिर्वाचित सीनेटरों को शपथ दिलाई गई। सीनेट में कुल 96 सदस्य हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 85 सीनेटर ही इसके सदस्य हैं क्योंकि खैबर पख्तूनख्वा से 11 सीनेटरों के लिए चुनाव अभी बाकी हैं।

सर्गेई लावरोव ने की चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात, देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिवसीय चीन यात्रा पर है, जहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मंगलवार को मुलाकात की। गौरतलब है कि पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जीत के बाद उनकी यह पहली चीन की यात्रा है। पिछले छह साल में लावरोव और शी जिनपिंग के बीच पहली आमने-सामने की चर्चा है।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव चीन की यात्रा पर
यूक्रेन युद्ध के बाद से ही रूस के लिए चीन एक महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार के तौर पर उभरा है। अपने नए कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर विचार कर रहे पुतिन ने एक रूसी सांसद के सुझाव के जवाब में चीन की यात्रा की संभावना का संकेत दिया। हालांकि, क्रेमलिन ने अभी तक किसी भी यात्रा योजना की पुष्टि नहीं की है। तमाम मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन की बीजिंग की आखिरी यात्रा बेल्ट एंड रोड फोरम के दौरान अक्तूबर में हुई थी, जबकि शी जिनपिंग ने पिछले मार्च में राजकीय यात्रा के लिए मॉस्को का दौरा किया था।

दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने पर जोर- वांग यी
इससे पहले रूसी विदेश मंत्री लोवरोव ने चीन के मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की। अपनी बैठक के बाद वांग ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने और आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। अमेरिका की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे शीत युद्ध की मानसिकता का विरोध करते हैं। रूसी राज्य समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लावरोव और वांग के बीच यूक्रेन में संघर्ष पर चर्चा हुई। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, वांग ने अपने समकक्ष से कहा कि चीन रूस और यूक्रेन दोनों द्वारा मान्यता प्राप्त एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित करने का समर्थन करता है, जिसमें सभी पक्षों की समान भागीदारी हो और जहां सभी शांति योजनाओं पर निष्पक्ष रूप से चर्चा की जाए।

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं आएगा नजर, यूट्यूब पर लाइव देख सकेंगे

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण सोमवार को लगने वाला है। नासा के मुताबिक, करीब 54 साल के बाद सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इसकी अवधि चार घंटे 25 मिनट तक हो सकती है। इससे पहले इतना लंबा सूर्य ग्रहण 1970 में देखा गया था। अगली बार यह 2078 में दिखेगा। पूरे उत्तरी अमेरिका में सूर्य के सामने चंद्रमा के आने से जमीन पर जो परछाई बनेगी, वह 185 किलोमीटर चौड़ी होगी। यह छाया मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पड़ेगी।

नासा के मुताबिक, यह पूर्ण सूर्य ग्रहण मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा के अलावा कई कैरेबियाई देश जैसे कोलंबिया, वेनेजुएला में दिखेगा। इसके अलावा स्पेन, ब्रिटेन, आयरलैंड, पुर्तगाल और आइसलैंड ग्रीनलैंड, जमैका, नॉर्वे, पनामा, निकारागुआ, रूस, प्यूर्टो रिको, सेंट मार्टिन वेनेज़ुएला, बहामास, जैसे देशों में भी नजर आएगा। हालांकि, भारत में यह दिखाई नहीं देगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, भारत में लोग नासा के यूट्यूब लाइव स्ट्रीम के जरिये इस दुर्लभ ग्रहण को देख सकते हैं।

भीषण भूकंप के बाद आए 681 झटके; आसपास सक्रिय चीनी नौसैनिक जहाजों पर पैनी नजर

ताइवान के हुवालियन शहर में तीन अप्रैल को आए 7.4 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप के बाद भी रोज अलग-अलग तीव्रता के झटके (ऑफ्टरशॉक) महसूस किए जा रहे हैं। पिछले चार दिनों में इस स्वायत्तशासी क्षेत्र ने कुल 681 झटकों का सामना किया। तीन अप्रैल को आए भूकंप में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

सेंट्रल वेदर एडिमिनिस्ट्रेशन (सीडब्ल्यूए) के मुताबिक, रविवार सुबह 8.12 तक ताइवान में 681 ऑफ्टरशॉक महसूस किए गए। इनमें रिक्टर पैमाने पर 6 से अधिक की तीव्रता के दो व 6.5 की तीव्रता का एक झटका शामिल है। हालांकि, एक स्थानीय समाचार एजेंसी ने रविवार को सीडब्ल्यूए के हवाले से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। ऑफ्टरशॉक की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले चार दिनों में यहां भूकंप के दैनिक झटकों की संख्या क्रमशः 314, 167, 111 व 89 रही। एजेंसी के मुताबिक, हाल के दिनों में ताइवान में 4-5 की तीव्रता वाले भूकंप के कुल 208 झटके दर्ज किए गए।

ताइवान अपने आसपास सक्रिय छह चीनी नौसैनिक जहाजों पर रख रहा नजर
भूकंप के झटकों के बाद संवेदनशील हालात के बीच ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने कहा कि वह देश में सक्रिय छह चीनी नौसेना पोतों पर नजर बनाए हुए है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सशस्त्र बलों ने निगरानी के साथ ही जवाब में नौसेना के जहाजों को तैनात किया है। इस दौरान किसी भी चीनी सैन्य विमान को ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार करते या ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश करते हुए नहीं देखा गया। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा, हमने आसपास काम करने वाले 6 पीएलए जहाजों का सुबह 6 बजे पता चला था।

एल्फ्रेड टिनिसवुड हैं दुनिया के सबसे उम्रदराज पुरुष, देख चुके हैं दोनों विश्वयुद्ध

ब्रिटेन के रहने वाले जॉन एल्फ्रेड टिनिसवुड दुनिया के सबसे उम्रदराज पुरुष हैं। उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। टिनिसवुड का जन्म 26 अगस्त, 1912 को लिवरपूल में हुआ था। टिनिसवुड ने अपनी आंखों के सामने दो विश्व युद्ध देखे।

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश आर्मी के पे कॉर्प्स में भी थे। टिनिसवुड ने एक साक्षात्कार में बताया कि मेरी लंबी उम्र का राज लक, संयम और हर शुक्रवार को मछली-चिप्स खाना है। स्वस्थ जीवन का सबसे बड़ा राज संयम है। उन्होंने कहा कि मैं कभी सिगरेट नहीं पीता। हालांकि, कभी कभार ही शराब पी लेता हूं, लेकिन उसकी आदत नहीं बनाता। इसके अलावा बस हफ्ते में एक बार मछली-चिप्स खाता हूं।

टिनिसवुड ने कहा, हालांकि ये सब भाग्य का खेल है। महिलाओं में सबसे ज्यादा उम्र तक जीवित रहने का रिकॉर्ड स्पेन की मारिया ब्रानयास मोरेरा के पास है, जिनकी उम्र अभी 117 वर्ष है। दुनिया का सबसे उम्रदराज शख्स होने का रिकॉर्ड जॉन एल्फ्रेड से पहले दक्षिण अमेरिका के देश वेनेजुएला के रहने वाले जुआन विसेंट पेरेज के पास था। हालांकि, इसी महीने उनकी 114 साल की उम्र में मौत हो गई। बता दें कि दुनिया के सबसे ज्यादा बुजुर्ग इंसान की लिस्ट में पेरेज के बाद दूसरे नंबर पर जापान के गिसाबूरो सोनोबे थे, जिनका 112 साल की उम्र में (31 मार्च, 2024) निधन हो गया। इस तरह ब्रिटेन के जॉन एल्फ्रेड टिनिसवुड अब दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स बन चुके हैं।

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट जज पर फूटा मस्क का गुस्सा, संविधान को धोखा देने का लगाया आरोप

दिग्गज कारोबारी एलन मस्क का ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के एक जज पर गुस्सा फूटा है और उन्होंने जज के इस्तीफे की मांग कर दी है। दरअसल ब्राजील सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जांद्रे डे मोरेस ने ब्राजील में कई सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है और कई यूजर्स को जेल में डालने का भी आरोप है। दावा किया जा रहा है कि ये सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्राजील की सरकार के खिलाफ झूठी खबरें फैला रहे थे। जिन अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है, उनमें कई अकाउंट्स ब्राजील के सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स के हैं।

ब्राजील के जज पर फूटा एलन मस्क का गुस्सा
सोशल मीडिया पर कथित सेंसरशिप लगाने को लेकर एलन मस्क ने जज मोरेस पर तीखा हमला बोला। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ‘यह जज मनमाने तरीके से ब्राजील के लोगों और संविधान के साथ धोखा कर रहा है। उसे इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर उसके खिलाफ महाभियोग लाकर उसे पद से हटा देना चाहिए।’ मस्क ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि ‘इस जज ने हम पर भारी जुर्माना लगाया है और हमारे कई कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की धमकी दी है और ब्राजील में एक्स को बंद करने की धमकी दी है। इसके चलते हम ब्राजील में पूरा राजस्व खो सकते हैं और हो सकता है कि हमें ब्राजील में अपना ऑफिस बंद करना पड़े, लेकिन हमारे लिए लाभ से ज्यादा अहम सिद्धांत हैं।’

जेर बोलसोनारो के विरोधी माने जाते हैं जज मोरेस
एलेक्जांद्रे डे मोरेस ब्राजील में एक चर्चित नाम हैं। कुछ लोग उन्हें विवादित मानते हैं तो कुछ उन्हें लोकतंत्र का रक्षक करार देते हैं। मोरेस, ब्राजील के सुपीरियर इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल के प्रमुख भी हैं। मोरेस के आलोचकों का आरोप है कि वह ब्राजील में बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल के वर्षों में मोरेस ने सोशल मीडिया पर कई प्रमुख अकाउंट्स को बंद करने का आदेश दिया है। आरोप है कि जिन अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है