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विदेश

स्वतंत्र रिपोर्ट से बढ़ सकती हैं सुनक सरकार की मुश्किलें, खालिस्तानी खतरे को लेकर आशंका

ब्रिटेन  के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा कमीशन की गई एक स्वतंत्र रिपोर्ट ने ब्रिटिश सिख समुदाय के भीतर खालिस्तान  समर्थक चरमपंथियों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है.

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा बनाई गई कमीशन ‘द ब्लूम रिव्यू’ ने ऋषि सुनक सरकार से इस मुद्दे को तत्काल हल करने का आह्वान किया है.   ब्रिटेन में उन अधिकतर सिखों की सुरक्षा दी जानी चाहिए जो चरमपंथी विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं.

खालिस्‍तानी समर्थक ब्रिटिश सिखों के बीच अपने प्रभाव को बढ़ाने में लगे हुए हैं  मानव अधिकारों की आड़ में राजनीतिक और दूसरे कामों करा रहे हैं. ब्रिटिश सिख समुदायों ने कहा है कि सब के सब खालिस्‍तान का समर्थन नहीं करते हैं.

खालसा वोक्स ने कहा है कि रिपोर्ट ने ब्रिटेन में सिखों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने को कहा है. इसके साथ ही भारत के साथ संबंध बनाए रखने के लिए सिख समुदायों और चरमपंथी तत्वों के बीच अंतर करने पर जोर दिया है.

 

तो क्या म्यांमार की ये भूल पद सकती हैं भारत के लिए भारी, देश के सामने आई नई चिंता

साल 2005 में भारत के तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश अंडमान निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर थे. उन्होंने कहा था, “म्यांमार सरकार के मुताबिक़ कोको द्वीप में चीन की कोई मौजूदगी नहीं है और हम इस बात पर यक़ीन करते हैं.”

 आधिकारिक यात्रा के चंद महीने पहले म्यांमार के नौसेना प्रमुख, सो थेन, दिल्ली आए थे और एडमिरल प्रकाश से लंबी बातचीत का दौर चला था.1948 में म्यांमार की आज़ादी के पहले तक दूसरे विश्व युद्ध में जापानी सेना कोको द्वीप को अपने नौसेना अड्डे के तौर पर इस्तेमाल करती थी. म्यांमार का हिस्सा बनने के बाद 20वीं सदी के अंत तक यहां पर एक रडार स्टेशन हुआ करता था.

ब्रिटेन की नामचीन पॉलिसी इंस्टिट्यूट चैटम हाउस की एक नई रिपोर्ट के बाद कोको द्वीप दोबारा से अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनने की कग़ार पर है. “ताज़ा और भरोसेमंद सैटलाइट तस्वीरें इस द्वीप पर तेज़ हुई गतिविधियों की ओर इशारा करती हैं, जो भारत के लिए अच्छी ख़बर नहीं है.”

महीनों की रिसर्च के बाद ये तस्वीरें सैटलाइट इमेजरी में दुनिया में शीर्ष मानी जाने वाली ‘मैक्सर टेक्नॉलजीज़’ ने जारी की हैं, जिसमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित कोको द्वीप में निर्माण काम जारी है.

19 टेक कंपनियां अब करेंगी यूरोपीय संघ के नए नियमों का पालन, अगस्त से लागू होगा नियम

फेसबुक, एपल का एप स्टोर, अमेजन का मार्केट प्लेस, अलीबाबा का अली एक्सप्रेस आदि 19 टेक कंपनियां अब यूरोपीय संघ (ईयू) के नए ऑनलाइन सामग्री नियमों के अधीन लाई जा रही हैं।

 इसमें 4.50 करोड़ से अधिक मासिक यूजर्स संख्या वाली टेक कंपनियों को रखा जाएगा।यूरोपीय संघ के उद्योग प्रमुख थियरी ब्रेटन ने बताया कि यह नियम अगस्त से लागू हो रहे हैं। कंपनी को आचरण संहिता भी बनानी होगी।

माना जा रहा है कि यह 19 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सर्च इंजन नए नियमों से ज्यादा जवाबदेह बनेंगे। ब्रेटन के अनुसार समय के साथ इन प्लेटफॉर्म की प्रासंगिकता बढ़ी है, इसलिए इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए इन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

मेटा की इंस्टाग्राम, अल्फाबेट की गूगल मैप्स, गूगल प्ले, गूगल सर्च, गूगल शॉपिंग, यूट्यूब, लिंक्डइन, पिनट्रेस्ट, स्नैपचैट, टिकटॉक, ट्विटर, विकिपीडिया, माइक्रोसॉफ्ट की बिंग, जालैंडो, बुकिंग डॉट कॉम आदि को नियमों के दायरे में लाया जा रहा है।

ब्रिटेन में बनकर तैयार होगा भगवान जगन्नाथ का मंदिर, ओडिशा मूल के एक उद्यमी देंगे 2.5 करोड़ पौंड

ब्रिटेन में संचालित एक धर्मार्थ संगठन लंदन में भगवान जगन्नाथ के पहले मंदिर के निर्माण की योजना बना रहा है. इसके लिए ओडिशा मूल के एक उद्यमी ने समर्थन करते हुए 2.5 करोड़ पौंड देने को कहा है.मंदिर निर्माण का पहला चरण अगले साल के अंत तक हो जाएगा.

‘चैरिटी कमीशन इन इंग्लैंड’ में रजिस्टर्ड श्री जगन्नाथ सोसाइटी (एसजेएस), ब्रिटेन ने कहा कि वैश्विक भारतीय निवेशक बिश्वनाथ पटनायक ने रविवार को लंदन में आयोजित पहले श्री जगन्नाथ सम्मेलन में संकल्प लिया.

कार ने घोषणा की कि बिश्वनाथ पटनायक ने लंदन में भगवान जगन्नाथ को समर्पित भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 2.5 करोड़ पौंड देने का संकल्प लिया है जो फिननेस्ट समूह की कंपनियों द्वारा दिया जाएगा जिसके वह प्रबंध निदेशक हैं.

कार ने खुलासा किया कि समूह मंदिर निर्माण के लिए 15 एकड़ जमीन खरीदने के वास्ते 70 लाख पौंड देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस मंदिर को श्री जगन्नाथ मंदिर लंदन के नाम से जाना जाएगा.

पाकिस्तानी महिला स्टेज डांसर को उसके पूर्व पति ने घर में घुसकर मारी गोली

र्थिक और राजनैतिक संकटों का सामना कर रहे पाकिस्तान में अपराध भी अपने चरम पर है।  बानगी देश के पंजाब प्रांत में देखने को मिली। एक 26 वर्षीय मशहूर पाकिस्तानी महिला स्टेज डांसर की उसके पूर्व पति ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी।

घटना लाहौर से करीब 110 किलोमीटर दूर पंजाब के हाफिजाबाद जिले में हुई। फेमस स्टेज डांसर मुनाजा मुल्तानी उर्फ आशी हाफिजाबाद शहर में अपने घर पर थी, तभी उसका पूर्व पति जुबैर अपने पांच साथियों के साथ उसके घर में घुस गया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। जानकारी के मुताबिक, स्टेज डांसर मुनाजा मुल्तानी उर्फ आशी मुल्तान जिले की थी।

स्टेज डांसर मुल्तानी की मां शाहिदा बीबी ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि जुबैर और मुल्तानी का एक बेटा है। जुबैर मुल्तानी पर उससे डांसर का पेशा छोड़ने के लिए कह रहा था।

काफी दबाव बनाने के बाद भी जब मुल्तानी अपना पेशा छोड़ने के लिए नहीं मानी तो उसने पिछले साल मुल्तानी को तलाक दे दिया था। जिसके बाद से वह लगातार उससे बच्चे की कस्टडी मांग रहा था, जिससे वह इनकार कर रही थी।

 

रूस से तेल खरीदना भारत के लिए धीरे-धीरे हो रहा मुश्किल, अमेरिका से मिली ये चेतावनी

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत रूस से भारी मात्रा में रियायती कीमतों पर कच्चा तेल खरीद रहा है. लेकिन अमेरिकी चेतावनी और यूएई के अपनी करेंसी दिरहम के इस्तेमाल की मनाही के बाद ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों के बीच तेल व्यापार अंत की ओर है.

रूस से तेल खरीदना भारत के लिए धीरे-धीरे ही सही लेकिन मुश्किलें खड़ी कर रहा है. पिछले सप्ताह अमेरिका की चेतावनी के बाद से भारत सरकार इस समस्या का हल खोज रही है.

भारत के लिए यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पिछले सप्ताह ही अमेरिका ने चेतावनी देते हुए कहा था कि हम इस बात से अवगत हैं कि कुछ रूसी तेल प्राइस कैप से ऊपर निर्यात किया गया है.

रूस और तेल उत्पादक देशों के संघ ओपेक प्लस ने तेल उत्पादन में प्रतिदिन लगभग 36 लाख बैरल की कटौती की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद से ही तेल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने का असर यह हुआ है कि रूसी तेल की कीमत में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि भारत भी रूसी तेल का भुगतान निर्धारित प्राइस कैप से ऊपर कर रहा है.

चांद पर आशियाना बसाने की तैयारी में ड्रैगन, करेगा 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग

इंसानों ने आने वाले समय में चांद पर आशियाना बसाने की तैयारी कर ली है। अमेरिका के बाद अब चीन भी चंद्रमा पर इमारतों के निर्माण के लिए काम कर रहा है। चीन चांद पर घर बनाने के लिए 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करेगा।

3डी प्रिंटेड ईंटों से बनेंगे घरचाइना डेली की रिपोर्ट के अनुसार, चीन लंबे समय से चंद्रमा पर आवास बनाने की योजना को मजबूत कर रहा है।  चीन ने 2020 के चीनी चंद्रमा मिशन में चांग’ई 5 , जिसका नाम चंद्रमा की पौराणिक चीनी देवी के नाम पर रखा गया है, चांग’ई 8 मिशन, 2030 तक चंद्रमा पर आवास बनाने की योजना बनाई है।

2030 तक चंद्रमा पर आवास बनाने की योजनाचांग’ई 5 योजना ही पृथ्वी पर चीन के पहले चंद्र मिट्टी के नमूने वापस लेकर आई थी। वहीं चीन ने पहली बार 2013 में अपनी पहली चंद्र लैंडिंग की थी .

अब 2030 तक चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारने की योजना बना रहा है। चीन चांग’ई 6, 7 और 8 मिशन लॉन्च करेगा, जिसमें बाद मानव निवास के लिए चंद्रमा पर रियूजेबल सामग्री की तलाश करने का काम सौंपा जाएगा।

दो पाकिस्तानी पत्रकारों ने किया खुलासा-“भारत से लड़ाई के लिए पाकिस्तानी सेना के पास न…”

पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने दो पत्रकारों से कहा था कि उनके देश के पास भारत के खिलाफ लड़ने के लिए गोला-बारूद और आर्थिक ताकत की कमी है। लंदन स्थित एक पाकिस्तानी मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में यह खुलासा हुआ है।

पाकिस्तान के दो जाने-माने पत्रकारों हामिद मीर और नसीम जेहरा ने एक शो के दौरान कहा कि जनरल बाजवा ने 2021 में खुलासा किया था कि उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ गुप्त बातचीत की थी ।

उन्होंने कहा, “कमर जावेद बाजवा का कश्मीर पर किए गए सौदे का खुलासा अभी तक पाकिस्तानी नागरिकों के सामने नहीं किया गया है। भारत के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम के बाद प्रधानमंत्री मोदी को पाकिस्तान का दौरा करना था।”

“जब इसके बारे में विदेश मंत्रालय को पता चला, तो वे इमरान खान (तत्कालीन प्रधानमंत्री) के पास गए, क्योंकि वे इसके बारे में अनजान थे। इमरान खान ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पता है और एनएसए अजीत डोभाल के साथ बातचीत चल रही है।”

मार्को रुबियो ने सीनेट में उइगर नीति अधिनियम को फिर से किया प्रस्तुत

अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने सीनेट में उइगर नीति अधिनियम को फिर से प्रस्तुत किया। द्विदलीय विधेयक अमेरिका और अन्य देशों में उईगर डायस्पोरा के लिए अमेरिकी समर्थन में वृद्धि करेगा, साथ ही साथ चीन में उइगरों की स्थिति में सुधार के लिए वकालत करेगा, जो सीसीपी के हाथों मानवाधिकारों का हनन झेलते हैं।

मार्को रुबियो के कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जैसा कि संघीय कानून प्रवर्तन द्वारा हाल ही में की गई गिरफ्तारियों ने दिखाया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का विरोध करने वाले असंतुष्टों को अमेरिका में CCP सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों द्वारा डराने-धमकाने के अभियानों का निशाना बनाया जाना जारी है।

“CCP उइगर और अन्य मुख्य रूप से मुस्लिम जातीय समूहों के खिलाफ किए गए नरसंहार और मानवाधिकारों के हनन का घृणित अभियान चला रही है। मार्को अमेरिका इस तरह के भयानक दुर्व्यवहार के सामने चुप नहीं रह सकता है।

रुबियो ने कहा कि हमें उइगर नरसंहार और सीसीपी के बार-बार गलत सूचना का विरोध करना चाहिए।”  रुबियो ने कहा कि मैं मजबूती से सीसीपी के दुर्व्यवहार के खिलाफ और दुनिया भर में मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का समर्थन का जारी रखूंगा ।

80 साल बाद दक्षिण चीन सागर में देखने को मिला द्वितीय विश्व युद्ध का जापानी जहाज

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1,000 से अधिक लोगों के साथ डूबा एक जापानी परिवहन जहाज 80 साल बाद समुद्र की गहराई से ढूंढ निकाला गया है।

जापानी जहाज मोंटेवीडियो मारू पर 850 युद्धबंदी और 200 नागरिक सवार थे जब इसे जापानी सैनिकों ने 1942 में पापुआ न्यू गिनी में पकड़ लिया था। जहाज को कब्जे में लेने के दौरान सैनिक नहीं जानते थे कि ये जापान का ही जहाज है।

बंदी थे। डूबे जापानी जहाज का मलबा इस हफ्ते की शुरुआत में फिलीपींस के दक्षिण चीन सागर में मिला था। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग, ऑस्ट्रेलिया के साइलेंटवर्ल्ड फाउंडेशन के समुद्री पुरातत्वविदों और गहरे समुद्र सर्वेक्षण करने वाली डच कंपनी फुग्रो के विशेषज्ञों के संयुक्त प्रयास से ये सफलता मिली।

मिशन के लिए फिलीपींस के तट पर इस महीने की शुरुआत में तलाशी अभियान शुरू किया गया था। पोत की पहचान आधिकारिक रूप से सत्यापित होने से पहले दो सप्ताह के भीतर, मोंटेवीडियो मारू की काल्पनिक तस्वीर बनाई गई थी।