Tuesday , May 7 2024

विदेश

गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए बनेगा मैरीटाइम कॉरिडोर, सुनक बोले- लोगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध

इस्राइल-हमास संघर्ष को छह महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मानवीय विराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया। इतना ही नहीं उन्होंने गलियारा सैन्य और मानवीय सहायता भेजना के लिए सी कॉरीडोर बनाने की बात भी कही है। विदेशी कॉमनवेल्थ और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने पूर्वी भूमध्य सागर में एक नौसैनिक जहाज की तैनाती की घोषणा की और सहायता वितरण के लिए 9.7 मिलियन पाउंड तक की प्रतिबद्धता जताई।

गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए बन रहा है कॉरिडोर
सुनक ने कहा, सात अक्तूबर को हुए आंतकी हमले को छह महीने पूरे हो चुके हैं। यह इस्राइल के इतिहास में सबसे भयावाह हमला है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस हमले में यहूदियों की सबसे ज्यादा मौत हुई है। छह महीने बाद भी इस्राइल का जश्म अभी भी ताजा है। परिवार अभी भी शोक मना रहे हैं और हमास अभी भी कई लोगों को बंधक बनाकर रखे हैं।

उन्होंने आगे कहा, “गाजा में हुमले के छह महीने बाद भी यहां मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गाजा के बच्चों को मानवीय विराम की आवश्यकता है, जिससे लंबे समय से चले आ रहे युद्ध पर विराम लग सके। बंधकों को छुड़ाने और युद्ध पर विराम लगाने का यह सबसे अच्छा उपाय है।”

एफसीडीओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों की सरकारों की मदद से साइप्रस से गाजा तक एक इंटरनेशनल मैरीटाइम कॉरिडोर की स्थापना की जा रही है, जिसकी मई की शुरुआत में चालू होने की उम्मीद है।

अमेरिका, साइप्रस और अन्य देशों के मिलकर काम कर रहा है ब्रिटेन
सुनक ने बताया कि गाजा में स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा, “हम उन लोगों को सहायता दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्हें इसकी बहुत जरूरत है। अमेरिका, साइप्रस और अन्य देशों के साथ मिलकर हम सुरक्षित रूप स गाजा में सहायता देने के लिए एक एक अस्थाई तट स्थापित कर रहे हैं।”

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का बड़ा एलान, 13 अप्रैल को सरकार के खिलाफ करेगी प्रदर्शन

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के विरोध में एक बड़ा अभियान छेड़ने वाली है। इसके लिए पीटीआई ने एलान किया है कि वह 13 अप्रैल को बलूचिस्तान में नवगठित विपक्षी दलों के महागठबंधन के साथ मिलकर एक बड़ी जनसभा करेगी।

बड़े स्तर पर जन आंदोलन शुरू करना मकसद
पार्टी की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि इस रैली का उद्देश्य मौजूदा सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर जन आंदोलन शुरू करना है। पीटीआई कोर कमेटी की बैठक में बलूचिस्तान के पिशिन जिले में आगामी 13 अप्रैल की रैली पर चर्चा हुई। इस दौरान फैसला लिया गया कि पीटीआई और सहयोगी पार्टियां संयुक्त रूप से महागठबंधन के मंच से एक जन आंदोलन शुरू करेंगी और पहली बड़ी जनसभा 13 अप्रैल को पिशिन में होगी।

यह पार्टियां होंगी शामिल
बता दें, पीटीआई ने उन पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जिन्होंने आठ फरवरी के चुनाव के नतीजों पर आपत्ति जताई थी। विरोध करने वाली पार्टियां बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएएनपी), पश्तूनख्वा मिल्ली आवामी पार्टी (पीएकेएमपी), जमात-ए-इस्लामी (जी), मुत्ताहिदा वहदत-उल-मुस्लिमीन (एमओएम) आदि थीं।

अचकजई गठबंधन का नेतृत्व करेंगे
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टियों ने एक समझौता किया है कि पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख महमूद खान अचकजई गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा अचकजई जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी ताकि उन्हें गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी किया जा सके। जेयूआई के प्रमुख के साथ बैठक के बाद गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जाएगी।

महिला कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा
इसके बाद, पीटीआई कोर कमेटी ने पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं विशेष रूप से आलिया हमजा और सनम जावेद को एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उनकी फिर से गिरफ्तारी और रिमांड की निंदा की। वहीं, बैठक में इमरान खान और उनकी पत्नी सहित सभी नेताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की गई। समिति ने खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) में सीनेट चुनाव स्थगित करने की भी निंदा की और इसे संविधान का उल्लंघन करार दिया।

चीन ने सात जहाजों और एक विमान से ताइवान को घेरने की कोशिश की, जानें पूरा मामला

चीन और ताइवान के बीच लगातार तनातनी चल रही है। शुक्रवार और शनिवार सुबह को चीन की सेना ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि ताइवान की सेना ने भी इसका जवाब दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी कर बताया कि चीन की नौसेना के सात युद्धक जहाज पांच से छह मार्च को सुबह करीब छह बजे ताइवान की सीमा के करीब देखे गए। साथ ही एक विमान भी ताइवान की सीमा के नजदीक देखा गया।

चीन और ताइवान के बीच एक अनौपचारिक सीमा
ताइवान के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि चीन का विमान पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में घुसा। इसके जवाब में उसने चीन की गतिविधि की निगरानी के लिए विमान, नौसैनिक जहाजों और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया। बता दें चीन और ताइवान के बीच यह जल संधि एक अनौपचारिक सीमा है।

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (MND) ने बताया कि आज सुबह छह बजे ताइवान में एक चीनी सैन्य विमान और सात नौसैनिक जहाजों के घुसने का पता चला था। इतना ही नहीं चीनी विमान वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के पूर्वी हिस्से में दाखिल हुए थे। इसके बाद ताइवान के बलों ने स्थिति पर नजर रखी और गतिविधियों के जवाब में सीएपी विमान, नौसेना के जहाजों और तटीय मिसाइलों प्रणालियों को तैनात किया।

कितनी बार घुसपैठ की कोशिश कर चुकी है चीनी सैना?
अप्रैल में अभी तक ताइवान में 40 बार चीनी सैन्य विमानों और 27 बार नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 से चीन ने ताइवान के आसपास सक्रिय सैन्य विमानों और नौसैनिक जहाजों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि करके ग्रे जोन रणनीति के अपने उपयोग को बढ़ा दिया है। गौरतलब है चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। चीन के दबान के कारण सिर्फ 10 से अधिक देशों ने ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता दी हुई है।

ताइवान में भूकंप के बाद दो भारतीय लापता, एक हजार से अधिक घायल, 70 लोग इमारतों में ही फंसे

ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई और 1000 से ज्यादा घायल हो गए। दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला भी है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने कहा, भूकंप की तीव्रता 7.2 थी जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।

भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।

ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

ताइवान के बाद अब जापान में भूकंप के तेज झटके; 6.3 की तीव्रता से कांपी धरती

ताइवान में मची तबाही के एक दिन बाद गुरुवार को जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस दौरान दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।

भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।

ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

इमरान खान की रिहाई को लेकर होने वाली पीटीआई की रैली रद्द, पार्टी ने बताई वजह

इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ इस्लामाबाद में 6 अप्रैल को एक विशाल रैली का आयोजन करने वाली थी। अब खबर आई है कि पार्टी ने अपनी ये रैली रद्द कर दी है। पार्टी ने रैली रद्द करने की वजह धार्मिक बताई है। पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि रैली के समय लैलत उल कद्र का दिन पड़ रहा है, जिसकी वजह से पार्टी ने रैली रद्द करने का फैसला किया है। लैलत उल कद्र की रात का रमजान के महीने में विशेष धार्मिक महत्व है।

हाईकोर्ट ने दी थी रैली की मंजूरी
बैरिस्टर गौहर अली खान ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की रिहाई के लिए दुआ करें। पीटीआई ने इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर विशाल रैली आयोजित करने का एलान किया था। इमरान खान को बीते साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। पीटीआई ने इस रैली के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट से मंजूरी भी ले ली थी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी प्रशासन को पीटीआई की रैली के लिए इंतजाम करने का निर्देश दिया था।

तोशाखाना मामले में राहत मिलने के बाद पीटीआई ने रद्द की रैली
हाईकोर्ट ने कहा था कि पीटीआई को रैली करने का अधिकार है और किसी भी पार्टी से उसका ये अधिकार नहीं छीना जा सकता। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में 14 साल की जेल की सजा को बर्खास्त कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के दो दिन बाद ही पीटीआई ने इस्लामाबाद में होने वाली अपनी रैली रद्द कर दी।

राष्ट्रपति जरदारी से मिले सेना प्रमुख, सेना के खिलाफ राजनीतिक दलों के आरोपों को बताया निराधार

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने राजनीतिक दलों और उनके व्यक्तियों द्वारा सेना के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों पर चिंता व्यक्त की है। बुधवार को जब सेना के प्रमुख (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर ने राष्ट्रपति से मुलाकात की तब उन्होंने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा।

इस बैठक में सेना प्रमुख ने जरदारी को 14वें राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्ति के लिए बधाई दी है। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, राष्ट्रपति जरदारी ने राजनीतिक दलों और उनके कुछ व्यक्तियों द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों पर चिंता जताई है। उन्होंने ऐसे तत्वों से निपटने के लिए संकल्प लिया है।

दरअसल, जरदारी स्पष्ट रूप से अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल होने पर इमरान खान और उनकी पार्टी द्वारा पाकिस्तानी पर लगातार हमले का जिक्र कर रहे थे। इस बैठक में सीओएएस ने राष्ट्रपति को आतंकवाद के खिलाफ सेना के अभियानों से अवगत कराया। उन्होंने राष्ट्रपति को विशेष तौर पर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान क्षेत्र में विकास पहल में सेना के योगदान के बारे में भी बताया।

राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में सेना का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कुछ प्रभावित क्षेत्रों के सामाजिक उत्थान के लिए सेना के प्रयासों की भी सराहना की है। जरदारी ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

‘अंतरिक्ष में भारत जो कर रहा वो हैरान करने वाला’, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसरो की तारीफ की

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के महानिदेशक जोसफ ऐशबैकर ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तारीफ की। उन्होंने हाल ही में सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो को सराहा। ऐशबैकर ने कहा कि अंतरिक्ष और विशेष रूप से चंद्रमा पर भारत को मिली उपलब्धियां हैरान करने वाली हैं।

ईएसए की 323वीं परिषद की बैठक हुई
बता दें, पेरिस में ईएसए की 323वीं परिषद की बैठक हुई थी। इसकी मेजबानी करने के बाद ऐशबैकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर इसरो की प्रशंसा की। इस बैठक में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भी भाग लिया था।

अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग को कम नहीं आंका जा सकता
ईएसए सदस्य राज्यों ने 26 और 27 मार्च को ईएसए परिषद के 323वें सत्र के लिए पेरिस में मुलाकात की। इस दौरान यूरोपियन वैज्ञानिकों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि संबंधों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग को गहरा करने के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है।

अंतरिक्ष में भारत जो हासिल कर रहा…
जोसफ ऐशबैकर ने कहा, ‘भारत अंतरिक्ष में जो हासिल कर रहा है, खासकर चंद्रमा के क्षेत्र में, वह हैरान करने वाला है। हमने आज ईएसए परिषद में इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ की मेजबानी की। प्रतिनिधियों के लिए ईएसए-इसरो सहयोग के लिए वर्तमान और भविष्य की योजनाओं के बारे में अधिक जानने के लिए यह महत्वपूर्ण बैठक थी।’

बाइडन का दावा, जी20 में जिस भी देश के नेता से मिले सभी ने कहा- डोनाल्ड ट्रंप को जीतने नहीं दे सकते

अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इस पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे को कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। अब बाइडन ने दावा किया है कि भारत में हुए जी20 समेत कई बैठकों में दुनियाभर के नेताओं ने उनका समर्थन किया है। साथ ही उनसे यह भी कहा कि वह आगामी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को नहीं जीतने दे सकते हैं।

विश्व नेताओं का कहना- उनका लोकतंत्र दांव पर
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति बाइडन ने न्यूयॉर्क में अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि विश्व के नेता हमेशा कहते हैं कि उनका लोकतंत्र दांव पर है। उन्होंने कहा, ‘भारत में जी20 बैठक हो या किसी अन्य देश में हुई बैठक, जब भी दुनिया भर के नेता जुटते हैं तो वो यही कहते हैं कि आप उन्हें (ट्रंप) जीतने नहीं देंगे।’

मैं बढ़ा- चढ़ाकर नहीं बता रहा
उन्होंने कहा, ‘आपको लग रहा होगा कि मैं बढ़ा- चढ़ाकर बता रहा हूं, पर ऐसा नहीं है। मैं बिना नाम लिए पत्रकारों को बता सकता हूं कि करीब सभी देशों के नेता मुझसे यह बात कह चुके हैं। दुनिया भर से आए नेता मुझसे हाथ मिलाते हुए कहते हैं कि देश का लोकतंत्र दांव पर है।’

अमेरिका के साथ क्या हो रहा है
राष्ट्रपति बाइडन ने ट्रंप के उस अपने बयान पर भी प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया है कि वह रूस को उन देशों के साथ जो कुछ भी करना चाहता है उसे करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो रक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का दो प्रतिशत खर्च नहीं करते हैं। बाइडन ने कहा, ‘बस आप देखो कि उन्होंने क्या किया है। बाकी दुनिया सोच रही है कि अमेरिका के साथ क्या हो रहा है। हालांकि वह राहत महसूस कर रहे हैं, इसलिए नहीं कि मैं बहुत खास हूं, बल्कि इसलिए कि मैं ट्रंप नहीं हूं। मैं गंभीर हूं। काश ऐसा इसलिए ही होता क्योंकि उन्हें लगता कि बाइडन इतने गंभीर व्यक्ति हैं।’

CDF के तहत पहले भारतीय मूल के किशोर का हुआ कैंसर का इलाज, युवान बोला- CAR-T थेरेपी ने बदल दी किस्मत

ब्रिटेन की राज्य वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा द्वारा स्थापित कैंसर ड्रग्स फंड की बदौलत मिले उपचार के बाद कैंसर से पीड़ित भारतीय मूल के किशोर युवान ठक्कर ने कहा कि अब वह उन चीजों का आनंद ले पा रहे हैं, जो उन्हें पसंद है। गौरतलब है कि इस व्यवस्था से हजारों रोगियों के लिए नवीन उपचारों को सुलभ बनाना।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने इस सप्ताह के अंत में कैंसर ड्रग्स फंड (सीडीएफ) की मदद से नवीनतम और सबसे नवीन उपचारों तक शीघ्र पहुंच से 100,000 रोगियों को लाभान्वित करने का एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इसके तहत इलाज करा चुके युवान ठक्कर ने कहा कि सीएआर टी थेरेपी मिलने के बाद से मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया है। भारतीय मूल के किशोर ने लंदन में ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल (जीओएसएच) को अविश्वसनीय देखभाल के लिए धन्यवाद दिया।

कैंसर के कारण मैं खेल नहीं पाता था- ठक्कर
युवान ठक्कर ने कहा कि मुझे याद है इस बीमारी के लिए मुझे कई बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े, जिसके कारण मैं स्कूल भी नहीं जा पाता था। हालांकि इस थेरेपी ने मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है। जिसके बाद से मेरा जीवन पूरी तरह से बदल दिया है। अब मैं दोस्तों से मिल सकता हूं, उनके साथ खेल सकता हूं और मैं अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर जा सकता हूं। पहले इस सब की कल्पना करना मेरे लिए बेहद कठिन था।

परिवार को जीवन में दूसरा मौका मिला- सपना
युवान की मां सपना ने अपने बच्चे के सफल इलाज पर कहा कि इलाज की सफलता के बाद परिवार को जीवन में दूसरा मौका मिला है। कैंसर ड्रग्स फंड (सीडीएफ) के माध्यम से उपलब्ध फास्ट-ट्रैक पहुंच के बिना सपना ने कहा कि उनके बेटे के लिए जीवन रक्षक उपचार प्राप्त करने का कोई अन्य तरीका नहीं हो सकता है।