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देश

मोदी दूसरी मिट्टी का इंसान है, इन विकास कार्यों को चुनावी चश्मे से न देखें

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चुनाव के समय जनता की आंख में धूल झोंकने के लिए नेता घोषणाएं कर देते थे, बाद में कोई पूछने वाला नहीं होता था। जांच करने पर पता लगता कि 30-35 साल पहले घोषणा हुई थी, पत्थर गाड़ दिए गए थे। बाद में पत्थर भी खो जाते और नेता भी खो जाते थे।

मगर आज देश देख रहा है कि मोदी दूसरी मिट्टी का इंसान है। हमने 2019 में जो शिलान्यास किए, आज उसे धरातल पर उतारा जा चुका है। 2024 में भी कोई मेहरबानी करके इन विकास कार्यों को चुनावी चश्मे से न देखे। ये विकास की मेरी अनंत यात्रा का अभियान है। मैं 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का संकल्प लेकर तेज गति से दौड़ रहा हूं और देश को भी तेज गति से दौड़ा रहा हूं।

यूपी की पहचान रिकॉर्ड निवेश और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से हो रही
पीएम मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन सरकार ने यूपी में लाखों करोड़ के विकास कार्य कराए हैं। इससे न सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर बदला है बल्कि युवाओं के लिए लाखों नए अवसर बने हैं। आज यूपी की पहचान रिकॉर्ड निवेश और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से हो रही है।

यूपी की चर्चा एक्सप्रेस- वे, बेहतर कानून व्यवस्था से हो रही है। अयोध्या में राम मंदिर का सदियों पुराना इंतजार भी समाप्त हो गया है। बनारस, मथुरा, कुशीनगर के विकास से यूपी में पर्यटन तेजी से बढ़ा है, इसका लाभ पूरे प्रदेश को मिल रहा है। यही गारंटी 10 साल पहले दी थी, जो आज पूरी हो रही है।

तुष्टिकरण का जहर भी कमजोर पड़ रहा है
पीएम ने कहा कि यूपी जैसे-जैसे विकास की बुलंदियों को छू रहा है, तुष्टिकरण का जहर भी कमजोर पड़ रहा है। पिछले चुनाव में आजमगढ़ के लोगों ने दिखा दिया कि परिवारवादी लोग जिसे अपना गढ़ समझते थे उसे दिनेश जैसे एक नौजवान ने ढहा दिया। इसलिए परिवार वादी लोग इतने बौखलाए हुए हैं। आए दिन मोदी को गाली दे रहे हैं। कह रहे हैं कि मोदी का अपना परिवार नहीं है। वो ये भूल जाते हैं कि मोदी का परिवार देश की 140 करोड़ जनता है। आज हिंदुस्तान के हर कोने से आवाज आ रही है, हर कोई कह रहा है कि ‘मैं हूं मोदी का परिवार’।

जंगलों में आग से निपटने के लिए NDRF की विशेष टीम तैनात, विदेश से प्रशिक्षण कराने की मांग

नई दिल्ली : जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने 150 कर्मियों की पहली टुकड़ी को तैनात किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस क्षेत्र में विदेश से प्रशिक्षण कराने की अनुमति मांगी है। 2022 में संसदीय पैनल ने जंगल की आग पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने बताया था कि जंगल की आग आधिकारिक तौर पर विशेष राष्ट्रीय बल द्वारा निपटने वाली आपदाओं का हिस्सा नहीं है।

जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैयार
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा, “जंगल की आग से निपटने के लिए टीम तैयार है। हम उन्हें सुसज्जित कर रहे हैं। 50-50 लोगों की तीन टीमें अब गुवाहटी में स्थित हमारी पहली बटालियन, विजयवाड़ा में स्थित 10वीं बटालियन और उत्तराखंड में बटालियन नंबर 15 के साथ तैनात हैं। चौथी टीम को प्रशिक्षित किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हम गृह मंत्रालय से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें विदेश से भी प्रशिक्षित किया जाए। उनसे हम जंगल में लगी आग से निपटने के उपाय सीख सकते हैं।”

भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट
संसदीय पैनल ने जंगल की आग को विश्व स्तर पर एक बढ़ता खतरा बताया है। बता दें कि 2021 में नागालैंड की दजुकोउ घाटी के जंगल में लगी भीषण आग के बाद पैनल ने आग से निपटने के लिए टीम को तैनात करने की सिफारिश की थी। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में जंगलों में आग लगना एक नियमित घटना है। यह अक्सर गर्मियों के दौरान देखने को मिलती है। नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच देश में जंगलों में आग लगने की चार लाख घटनाएं दर्ज की गई है।

‘हम एनआरसी लागू नहीं होने देंगे’, कोलकाता में टीएमसी की विशाल रैली में बोलीं ममता बनर्जी

कोलकाता: कोलकाता के मशहूर ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की एक विशाल रैली शुरू हुई। इस रैली के साथ ही टीएमसी अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का आगाज हो गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में आयोजित ब्रिगेड जनसभा के लिए ब्रिगेड परेड ग्राउंड पहुंची। तृणमूल कांग्रेस ने ब्रिगेड परेड ग्राउंड से 2024 के चुनाव अभियान की शुरुआत की।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ‘जन गर्जन सभा’ नामक इस विशाल रैली में लोगों को संबोधित किया। कहा कि हम एनआरसी लागू नहीं होने देंगे।

ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लोकसभा की एक सीट से चुनाव लड़ने के लिए सपा के अखिलेश यादव से बातचीत कर रही है। उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूं, लेकिन कुछ जजों ने भाजपा एजेंट के तौर पर काम किया।’

बता दें, रैली का मुख्य विषय केंद्र सरकार द्वारा राज्य की वित्तीय बकाया राशि को कथित तौर पर रोकने के ईर्द-गिर्द है, जो पिछले दो साल से राज्य की राजनीति में एक विवादित मुद्दा रहा है। पार्टी के लाखों समर्थकों और मंडल स्तर के कई नेताओं को अलग-अलग शहरों से सुबह से ही ‘दीदी’ नाम से लोकप्रिय ममता बनर्जी को सुनने के लिए परेड ग्राउंड की ओर जाते हुए देखा गया।

अदालत से दो पूर्व आबकारी अधिकारियों को राहत, विभागीय कार्रवाई का आदेश किया रद्द

मुंबई:  बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में राहत दी है। अदालत ने बीस साल बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश को रद्द किया। उन पर विस्फोटकों को उतारने की अनुमति देने का आरोप था।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश को रद्द किया। पीठ ने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।

उच्च न्यायालय ने अपने चार मार्च के फैसले में कहा, केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षक एसएम पडवाल और यशवंत लोटाले वेतन और पेंशन जैसे सभी लाभ के हकदार होंगे। जो उन्हें दो महीने के भीतर प्रदान किए जाएंगे। मुंबई में 12 मार्च 1993 को अलग-अलग इलाकों में बम धमाके हुए थे। जिनमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे।

एक विशेष अदालत ने बाद में मामले में 100 लोगों को दोषी ठहराया और 23 अन्य को बरी कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि पडवाल और लोटाले मामले में किसी आपराधिक मुकदमे का सामना नहीं कर रहे हैं। उपलब्ध कथित साक्ष्यों के आधार पर उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं होते। उच्च न्यायालय ने कहा, हमारा निष्कर्ष यह है कि यह एक ऐसा मामला है, जहां कोई सबूत नहीं था और सजा का आदेश पारित करते समय अनुशासनात्मक कार्रवाई का निष्कर्ष गलत है।

‘एकतरफा एलान ठीक नहीं’, TMC की सूची पर जयराम रमेश; चुनाव आयुक्त के इस्तीफे पर भी उठाए सवाल

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दी है। रविवार को कोलकाता में टीएमसी ने ‘मैगा रैली’ में बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। टीएमसी उम्मीदवारों के नामों की सूची विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए झटका है। गौरतलब है कि टीएमसी विपक्षी गठबंधन का सहयोगी दल है, जो सीट बंटवारे को लेकर लगातार चर्चा कर रही थी। इस बीच, कांग्रेस की टीएमसी के घोषणा पर प्रतिक्रिया सामने आई है।

कांग्रेस ने सीट बंटवारे को लेकर इच्छा व्यक्त की- जयराम
टीएमसी द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची पर विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार टीएमसी के साथ सम्मानजनक सीट बंटवारे को लेकर इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से। कांग्रेस पार्टी हमेशा से चाहती है कि ‘इंडिया’ गठबंधन एक साथ मिलकर भाजपा से लड़े। गौरतलब है कि दो मार्च को भाजपा ने अपने 195 उम्मीदवारों के नामों के साथ पहली लिस्ट जारी की थी। वहीं कांग्रेस ने भी पहली सूची में 39 उम्मीदवारों का एलान किया था।

मुझे नहीं पता किस दबाव में उन्होंने घोषणा की थी- जयराम
टीएमसी द्वारा पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि हमारे दरवाजे बातचीत और सीट बंटवारे की चर्चा के लिए खुले हैं, लेकिन सीटों की एकतरफा घोषणा नहीं होनी चाहिए।

हमें इसे सामूहिक रूप से एक साथ करना चाहिए जैसा कि हमने तमिलनाडु, महाराष्ट्र में किया है। मुझे नहीं पता कि टीएमसी पर क्या दबाव था लेकिन जहां तक हमारी बात है तो हम पश्चिम बंगाल में ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत करना चाहते हैं, खैर आइए देखें क्या होता है।

कौन हैं अरुण गोयल? जिन्होंने चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा देकर चौंकाया

लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। देश में चल रही चुनावी तैयारियों के बीच, रविवार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। हालांकि, अब आम चुनावों की व्यवस्था का पूरा दरोमदार मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के कंधों पर है।

मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे गोयल
अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इस साल फरवरी में अनूप पांडे के सेवानिवृत्त और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने की कतार में थे, उनका कार्यकाल पांच दिसंबर, 2027 तक था। जबकि मौजूदा सीईसी राजीव कुमार अगले साल फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके बाद गोयल ही अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने वाले थे।

इस्तीफे का कारण?
सूत्रों के मुताबिक, गोयल ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है। सरकार की तरफ से उन्हें इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की भी कोशिश हुई, लेकिन वह नहीं माने। सूत्रों का दावा है कि पांच मार्च को गोयल सेहत का हवाला देते हुए कोलकाता दौरा बीच में छोड़ आए थे। आठ मार्च को उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव के साथ चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी थे। कुछ रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि ‘विभिन्न मुद्दों पर मतभेद’ थे, जिसके कारण इस्तीफा दिया गया है।

आज स्वराज आश्रम जाएंगे राहुल गांधी, 12 मार्च को कांग्रेस पार्टी की गारंटी की करेंगे घोषणा

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अब अपनी अंतिम चरण पर है। मणिपुर से 14 जनवरी को शुरू हुई इय यात्रा का समापन 17 मार्च को मुंबई में होगा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस यात्रा से जुड़ी कुछ जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह करीब साढ़े दस बजे स्वराज आश्रम जाएंगे।

जयराम रमेश ने आगे कहा, “वल्लभभाई पटेल ने 1922 में स्वराज आश्रम की स्थापना की थी और 1928 में यहीं से उन्होंने बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया, जिसके बाद से उन्हें सरदार पटेल के नाम से जाना गया। बरदोली सत्याग्रह एक मील का पत्थर है।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत जोड़ो न्याय यात्रा यहीं (आश्रम) से फिर शुरू होगा। कल 11 मार्च को ब्रेक होगा और 12 मार्च को नंदुरबार में आदिवासी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। राहुल गांधी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। 13 मार्च को धुले में कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ‘नारी न्याय’ को लेकर कांग्रेस पार्टी की गारंटियों की घोषणा करेंगे।”

भाजपा में शामिल हुए मनीष खंडूड़ी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दिलाई सदस्यता

पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी ने शनिवार को बीजेपी ज्वाइन कर ली है। देहरादून भाजपा महानगर कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मनीष खंडूड़ी को भाजपा की सदस्यता दिलाई। बता दें कि, मनीष खंडूड़ी ने आठ मार्च को ही कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दिया था। मनीष खंडूड़ी 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।

देहरादून महानगर भाजपा कार्यालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की मौजूदगी में मनीष खंडूड़ी ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा- हमें खुशी है कि मनीष खंडूड़ी भाजपा में आए। देश के विकास में पीएम मोदी के समर्थन में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में है। मान सम्मान का पूरा ध्यान रखेंगे।

मनीष खंडूड़ी ने भाजपा की सदस्यता देने पर कहा कि वह राजनीति में किसी निजी कारणों से नहीं आए है, ये उनके लिए संघर्ष का रास्ता रहा। उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद गढ़वल सीट जहां छोड़कर आया हूं वहां भी अच्छे लोग हैं। लेकिन राज्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा ही सही प्लेटफार्म है। मैं ना टिकट के लिए आया हूं और ना ही पद मांगा। मैं किसी निजी स्वार्थ के लिए भाजपा में नहीं आया हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित हूं। उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका अहम योगदान है।

कौन हैं मनीष खंडूड़ी
मनीष खंडूड़ी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे और उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी के भाई हैं।

गठबंधन से पहले जयंत को करना चाहिए था ये जरूरी काम, 14 को MSP को लेकर BKU का दिल्ली कूच

मेरठ: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि राजनैतिक पार्टियों के गठबंधन तो होते रहते हैं, और टूटते रहते हैं। भाकियू राजनैतिक पार्टी नहीं है। भाकियू ने हमेशा किसानों के हकों की लड़ाई लड़ने का कार्य किया है शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत जिवाना गांव में स्थित श्री सिद्ध गुरु नीलकंठ आश्रम में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। उन्होंने आश्रम के सिद्ध गुरु महाराज से आशीर्वाद लिया।

आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भाजपा रालोद के गठबंधन के बारे में कहा कि राजनैतिक पार्टियों के गठबंधन होते रहते हैं, और टूटते रहते हैं। उन्होंने कहा कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गठबंधन करने से पहले बड़े किसान नेताओं से बातचीत करनी चाहिए थी। भाकियू राजनैतिक पार्टी नहीं है। भाकियू को कोई फर्क नहीं पड़ता किसका गठबंधन किससे हो रहा है।

एमएसपी कानून के लिए 14 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे किसान : राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि वह संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 मार्च को दिल्ली रामलीला मैदान में किसान महापंचायत में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र प्रदूषण से मुक्त हो, एमएसपी कानून बने। उन्होंने किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 मार्च को भाकियू पदाधिकारियों व किसानों से दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंचने की अपील की।

उन्होंने कहा कि सरकार का जो घोषणा पत्र था, उसका पता ही नहीं चला। आज तक वह घोषणा पत्र लागू ही नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विद्युत नलकूप की जो बिल फ्री की घोषणा हुई है, वह पूर्ण रूप से फ्री हो। किसानों को विद्युत कनेक्शन निशुल्क मिलें। कहा कि किसान एकजुट हों और अपनी लड़ाई लड़ें। किसानों को संघर्ष करना होगा। सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना जरूरी है।

विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा ने घोषित किए प्रत्याशी, सात उम्मीदवार उतारे

लखनऊ: पार्टी ने प्रदीप उपाध्यक्ष, विजय बहादुर पाठक, डॉ. महेंद्र सिंह, अशोक कटारिया को फिर से मौका दिया है। इसके अलावा, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, डॉ धर्मेंद्र सिंह, मोहित बेनीवाल और राम तीरथ सिंह को टिकट दिया है।विधान परिषद के इस चुनाव में विधान सभा के सदस्य वोट देंगे। पांच मई को कुल 13 सीटें रिक्त होंगी, जिनके लिए चुनाव कराया जा रहा है। 13 सीटों पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इनमें 9 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी होंगे। एक सीट अपना दल एस को गठबंधन में दी जाएगी। अपना दल (एस ) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल प्रत्याशी होंगे।

उधर, समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी लगभग तय कर लिए हैं। पार्टी अपने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री बलराम यादव और पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को विधान परिषद में भेजेगी। इन पर पार्टी में उच्चस्तर पर सहमति बन चुकी है, सिर्फ औपचारिक घोषणा होना बाकी है।

पांच मई को इन सदस्यों का पूरा हो रहा कार्यकाल
भाजपा के यशवंत, विजय बहादुर पाठक, विद्यासागर सोनकर, डॉ. सरोजनी अग्रवाल, अशोक कटारिया, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, महेंद्र कुमार सिंह, निर्मला पासवान, मोहसिन रजा, अपना दल (एस ) के आशीष पटेल, बसपा के भीमराव आंबेडकर और सपा के नरेश उत्तम पटेल का कार्यकाल पांच मई को समाप्त हो रहा है।