Tuesday , May 14 2024

देश

दोनों हाथ खो चुके इस शख्स को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, 10 साल की उम्र में हुआ था हादसा

चेन्नई:अगर कोई व्यक्ति कुछ करने की ठान ले, तो उसे संसाधन या पूरी तरह से शारीरिक स्वस्थ्य होने की जरूरत नहीं है। वह अपनी कमियों के साथ भी उस काम को पूरा कर सकता है। ऐसी ही एक मिसाल चेन्नई के एक दिव्यांग ने पेश की है। दरअसल, 30 साल के तानसेन ने दोनों हाथ न होने के बावजूद ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लिया है।

एक बिजली से जुड़ी दुर्घटना में दोनों हाथ खो दिए
तानसेन ने छोटी सी उम्र में ही एक बिजली से जुड़ी दुर्घटना में दोनों हाथ खो दिए थे। हाथ खोने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी कार को पैरों से चलाकर ड्राइविंग लाइसेंस भी हासिल कर लिया। वह दिव्यांग होते हुए भी ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाले तमिलनाडु के पहले शख्स बन गए हैं। उन्हें इस साल 22 अप्रैल को अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिला। उन्होंने पेरम्बूर में अपनी पढ़ाई पूरी की और फिलहाल एलएलएम कर रहे हैं।

इनसे मिली प्रेरणा
तानसेन में लाइसेंस पाने की इच्छा तब जगी, जब उन्होंने मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति विक्रम अग्निहोत्री के बारे में सुना। दरअसल, अग्निहोत्री के भी दोनों हाथ नहीं थे। इसके बावजूद सालों पहले उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। वहीं, केरल की एक महिला जिलुमोल मैरिएट थॉमस भी लाइसेंस पा चुकी है। इन सब उदाहरणों से तानसेन को प्रेरणा मिली।

10 साल की उम्र में हुआ था हादसा
तानसेन ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, ‘जब मैं 10 साल का था तो मेरे साथ एक दुर्घटना हुई। इससे मैंने दोनों हाथ खो दिए। मैंने अपनी डिग्री पूरी कर ली है। जब मैं 18 साल का हुआ तो मेरे सभी दोस्तों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल गए। उस समय मुझे बहुत बुरा लगा। क्योंकि मैं लाइसेंस नहीं ले सका या कार नहीं चला सका। तब मैंने सोचा कि लाइसेंस पाना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैंने मध्य प्रदेश के अग्निहोत्री के बारे में खबर सुनी, उनसे भारत में बिना हाथों के लाइसेंस पाने के लिए मुझे प्रेरणा मिली। हाल ही में केरल में एक लड़की को भी लाइसेंस मिला।

ऑटो चालक की बेटी GCC स्कूल टॉपर, बोली- चाहिए ऐसी दुनिया, जहां माता-पिता को न देखना पड़े प्राइस टैग

चेन्नई: ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) के सरकारी स्कूलों में 578 अंकों के साथ 12वीं कक्षा में शीर्ष पर ही ऑटो चालक की बेटी पूनगोधाई का सपना सीए बनने का है। फिलहाल, एक कमरे में चार लोगों के साथ रहने वाली पूनगोधाई अपने लिए एक ऐसा जहां चाहती हैं, जहां उसके माता-पिता को किसी चीज का प्राइस टैग देखकर उसे खरीदने के बारे में सोचना न पड़े। पेरम्बूर जीसीसी स्कूल की छात्रा पूनगोधाई धाराप्रवाह अंग्रेजी में बोलते हुए कहती हैं कि आगे चलकर वे बीकॉम और सीए करना चाहती हैं।

माता-पिता के अलावा घर में एक बहन है, जो फिलहाल बी फार्मा की पढ़ाई कर रही है। एक कमरे के घर में पढ़ने-लिखने, उठने-बैठने हर चीज के लिए मुश्किल होती है। लेकिन, तमाम संघर्षों के बीच वह और उसकी बहन पढ़ने पर पूरा जोर देते हैं, ताकि उन्हें जिंदगी भर ऐसे हालात मे नहीं रहना पड़े। अपने सपनों को पूरा करने के साथ ही वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उनके इलाके कोडुंगैयुर के ज्यादा से ज्यादा बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करें।

सीएम योगी बोले- एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण में सेंध लगाना चाहता है इंडी गठबंधन, जनता वोट से जवाब दे

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंडी गठबंधन के दल, एस-एससी व ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण पर सेंध लगाकर उसे मुसलमानों को देना चाहते है। जनता को अपने वोट से इनका जवाब देना चाहिए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ‘मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए’ वाले बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि इंडी गठबंधन से जुड़े हुए दल ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर सेंध लगाने का काम कर रहे हैं।

इनका घोषणापत्र इस बात का प्रमाण है…कांग्रेस, सपा, राजद को जब भी मौका मिलेगा ये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति के आरक्षण में सेंध लगाकर इन्हें जबरन अल्पसंख्यकों को देने का प्रयास करेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार ऐसा दावा किया है कि इंडी गठबंधन के लोग अगर सत्ता में आए तो आरक्षण कें सेंध लगाकर मुसलमानों को दे देंगे।

सीएम योगी बोले- राम पर आस्था रखने वाले विकास कर सकते हैं, आतंकियों के मुकदमे वापस लेने वाले नहीं

सीतापुर:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीतापुर के नैमिषराण्य में अपने भाषण की शुरुआत रामचरितमानस की पंक्तियों के साथ की है। उन्होंने कहा कि तीर्थवर नैमिष विख्याता…. मैं नैमिष की इस पवित्र धरा को प्रणाम करता हूं। वह मंगलवार को चुनाव प्रचार के सिलसिले में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज मुझे एक बार फिर भारत के वैदिक ज्ञान की परंपरा को प्रदान करने वाली पावन धरा… मां ललिता की इस दैवीय शक्ति वाली धरा में आने का सौभाग्य मिला। यह नैमिष का ही महत्व है कि आज दुनिया जनपद सीतापुर और उत्तर प्रदेश की ओर देख रही है।

जब भी कोई राम के अस्तित्व को नकारने का काम करता है तो नैमिषारण्य की धरती प्रमाण के साथ खड़ी होती है। भगवान राम के अस्तित्व, कृष्ण के अस्तित्व को चुनौती देना एक फैशन सा बन गया है। इसके बारे में यही कहूंगा विनाशकाले विपरीत बुद्धि। जब किसी की बुद्धि भ्रष्ट होती है तो वह आपके सनातन धर्म को अपशब्द कहता है। यहां प्रभु श्रीराम की सत्ता को चुनौती देने वाले कहां ठहर पाएंगे। बीते 10 साल में भाजपा की डबल इंजन सरकार ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। जैसे एक नई अयोध्या तैयार हो गई है, ऐसे ही एक नया नैमिषारण्य बनकर तैयार हो रहा है।

मां ललिता के धाम के पुनरुद्धार के लिए सरकार कार्य कर रही है
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस दिन नया नैमिषारण्य पूरी तरह उभर कर आएगा, रोजगार भी सृजित होगा। यह काम वही कर सकता है जो राम पर आस्था रखता हो। जो राम भक्त है। यह काम भाजपा ही कर सकती है। यह वो नहीं कर सकते जो आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेते हैं।

आज तीसरे चरण में फिर से मतदान हो रहा है। यह 400 पार करने का लक्ष्य नजदीक आ गया है। अबकी बार मोदी सरकार फिर आएगी। 400 का लक्ष्य भी पूरा होगा। आज की पीढ़ी सौभाग्यशाली है, जिसने बदलते भारत को देखा है। आज की पीढ़ी कह सकती है कि हमने वो काल देखा है जब प्रभु श्रीराम अयोध्या में विराजमान हुए। आतंकवाद को नेस्तनाबूत करके हमेशा के लिए राम नाम सत्य कर दिया। हमने वो भारत देखा है जब हाईवे, एक्सप्रेस वे, ट्रिपल आईटी से लेकर हर घर जल की योजना लागू हो रही है। 80 करोड़ लोग राशन की सुविधा का फ्री में लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

अब तक 12 करोड़ लोगों को शौचालय दिए जा चुके हैं। 12 करोड़ लोगों को किसान सम्मान निधि प्राप्त हो रही है। सीतापुर जिले को सर्वाधिक गैस सिलेंडर व शौचालय दिए गए। जिनके घर मे सिलेंडर नहीं हैं। चुनाव के बाद उन्हें मिलेगा। जिसको घर नहीं मिल पाया है चुनाव बाद घर मिलेगा।

‘मां के पैर छूए बिना नामांकन भरने गया’, हीराबेन मोदी को याद कर भावुक हुए प्रधानमंत्री

नई दिल्ली:  लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के बीच एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां हीराबेन मोदी को याद करके भावुक हो गए। पिछले साल ही हीराबेन मोदी का निधन हो गया था। साक्षात्कार में पीएम मोदी ने बताया कि यह पहला लोकसभा चुनाव है, जिसमें वह अपनी मां के पैर छूए बिना नामांकन दाखिल करने गए।

पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए यह पहला लोकसभा चुनाव है, जहां मैं अपनी मां के पैर छूए बिना नामांकन भरने पहुंचा। लेकिन मेरे दिमाग में एक बात आई। आज 140 करोड़ लोग और देश की करोड़ों माताएं हैं, जिन्होंने मुझे प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया। उन्हें याद करके और वाराणसी में मां गंगा भी हैं।”

मां के बिना पीएम मोदी का पहला चुनाव
2002 के बाद से यह पहला चुनाव है, जहां पीएम मोदी अपनी मां की अनुपस्थिति में चुनाव लड़ रहे हैं। पीएम मोदी हमेशा से ही कहते आए हैं कि वह अपनी मां के त्याग और बलिदान से प्रेरित हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मां के इसी बलिदान ने उन्हें महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं लाने में प्रेरित किया। पीएम मोदी ने कहा, “सवाल केवल मेरी मां का नहीं है। मेरी मां ने मुझे जन्म दिया, मुझे बड़ा किया, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि मैंने अपनी मां के लिए कुछ नहीं किया। क्योंकि मेरी मां ने जो भी सपना देखा, मैंने वैसा कुछ भी नहीं किया।”

कांग्रेस ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों पर उठाए सवाल, खरगे ने INDIA गठबंधन के नेताओं को लिखा पत्र

नई दिल्ली:   कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी INDIA गठबंधन के नेताओं को पत्र लिखा है। इस पत्र में चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए मतदान के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं और कथित धांधली का आरोप लगाया है। पत्र में खरगे ने विपक्षी गठबंधन के नेताओं से अपील की कि वे ऐसी धांधलियों के खिलाफ आवाज उठाएं। खरगे ने लिखा ‘हमारा एकमात्र उद्देश्य संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की संस्कृति की रक्षा करना है’।

खरगे ने विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के तौर पर यह हमारा साझा प्रयास होना चाहिए कि हम लोकतंत्र की रक्षा करें और चुनाव आयोग की निष्पक्षता को बचाएं।’ खरगे ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में हुए फेरबदल पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ‘यह अंतिम नतीजों में फेरबदल करने की कोशिश हो सकती है।’ खरगे ने कहा कि ‘हम सभी जानते हैं कि पहले दो चरणों में मतदान के रुझानों को देखते हुए पीएम मोदी और भाजपा परेशान है। पूरा देश जानता है कि यह तानाशाही सरकार सत्ता के नशे में चूर है और अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।’

आंकड़े जारी करने में हुई देरी पर उठे सवाल
दरअसल लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान प्रतिशत और डाटा साझा करने में हुई देरी पर विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत कम रहा। हालांकि चुनाव आयोग ने मतदान के कई घंटे बाद मतदान प्रतिशत के नए आंकड़े जारी किए, जिसमें मतदान प्रतिशत में 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इस विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि आंकड़े जारी करने में इतनी देरी क्यों लगी? विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। मंगलवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है, जिसमें 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं।

‘पुलिस ने प्रसारित किए प्रज्ज्वल के अश्लील वीडियो’, कुमारस्वामी ने डीके शिवकुमार पर लगाए गंभीर आरोप

बंगलूरू: जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो मामले में कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगाए। कुमारस्वामी ने कहा कि इस मामले में गंदी राजनीति की जा रही है। कुमारस्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘जो घटना घटी, वो नहीं होनी चाहिए थी। 21 अप्रैल को पूरे राज्य में एक पैन ड्राइव प्रसारित की गई। पुलिस अधिकारियों ने भी इस पैन ड्राइव को प्रसारित किया। इसे बंगलूरू ग्रामीण, मांड्या और हासन सीटों पर जानबूझकर प्रसारित किया गया।’

कुमारस्वामी ने सरकार पर लगाए आरोप
कुमारस्वामी ने बताया ’21 अप्रैल की रात नवीन गौड़ा नाम के एक शख्स ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए। जिसके खिलाफ हासन सीट पर प्रज्ज्वल रेवन्ना के चुनाव एजेंट पूर्णचंद्र ने हासन पुलिस में 22 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें नवीन गौड़ा, कार्तिक गौड़ा, चेतन और पुर्ताराजू के खिलाफ आरोप लगाए गए, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और 26 अप्रैल को रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि उस शिकायत को बंद कर दिया गया है।’ जेडीएस नेता ने कहा कि ‘मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा और दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। फिर चाहे वो कोई भी हो।’

सीएम और डिप्टी सीएम पर लगाए आरोप
जेडीएस ने कहा कि ‘जब चुनाव हो रहे थे, तो कौन उन वीडियो और पैन ड्राइव को प्रसारित कर रहा था। सीएम 100 बार बोल चुके हैं कि एचडी कुमारस्वामी और जेडीएस उम्मीदवार हारेंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई, मुझे लगा कि एसआईटी मामले की निष्पक्ष जांच करेगी, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह एसआईटी सिद्धारमैया, शिवकुमार इन्वेस्टिगेशन टीम है।’

जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो मामले में कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगाए। कुमारस्वामी ने कहा कि इस मामले में गंदी राजनीति की जा रही है। कुमारस्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘जो घटना घटी, वो नहीं होनी चाहिए थी। 21 अप्रैल को पूरे राज्य में एक पैन ड्राइव प्रसारित की गई। पुलिस अधिकारियों ने भी इस पैन ड्राइव को प्रसारित किया। इसे बंगलूरू ग्रामीण, मांड्या और हासन सीटों पर जानबूझकर प्रसारित किया गया।’

कुमारस्वामी ने सरकार पर लगाए आरोप
कुमारस्वामी ने बताया ’21 अप्रैल की रात नवीन गौड़ा नाम के एक शख्स ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए। जिसके खिलाफ हासन सीट पर प्रज्ज्वल रेवन्ना के चुनाव एजेंट पूर्णचंद्र ने हासन पुलिस में 22 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें नवीन गौड़ा, कार्तिक गौड़ा, चेतन और पुर्ताराजू के खिलाफ आरोप लगाए गए, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और 26 अप्रैल को रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि उस शिकायत को बंद कर दिया गया है।’ जेडीएस नेता ने कहा कि ‘मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा और दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। फिर चाहे वो कोई भी हो।’

सीएम और डिप्टी सीएम पर लगाए आरोप
जेडीएस ने कहा कि ‘जब चुनाव हो रहे थे, तो कौन उन वीडियो और पैन ड्राइव को प्रसारित कर रहा था। सीएम 100 बार बोल चुके हैं कि एचडी कुमारस्वामी और जेडीएस उम्मीदवार हारेंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई, मुझे लगा कि एसआईटी मामले की निष्पक्ष जांच करेगी, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह एसआईटी सिद्धारमैया, शिवकुमार इन्वेस्टिगेशन टीम है।’

केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया कोई फैसला, बिना आदेश दिए उठी बेंच

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, लेकिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना कोई आदेश दिए उठ गई। अब सुप्रीम कोर्ट बेंच गुरुवार या फिर अगले हफ्ते केजरीवाल की याचिका पर आदेश पारित कर सकती है। केजरीवाल ने कोर्ट में अंतरिम जमानत देने की मांग की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है ताकि वे चुनाव प्रचार में शामिल हो सकें।

सिंघवी बोले- केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं
केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की तरफ से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं। केजरीवाल के वकील सिंघवी का कहना है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। वहीं एसवी राजू का कहना है कि गिरफ्तारी का फैसला सिर्फ जांच अधिकारियों का ही नहीं था, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी इसका फैसला लिया गया था।

‘न्यायालय यह नहीं चाहता कि वह अंतरिम जमानत मिलने पर सरकारी कामकाज करें’
शीर्ष अदालत ने मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि न्यायालय यह नहीं चाहता कि वह अंतरिम जमानत मिलने पर सरकारी कामकाज करें। अगर आपके मुवक्किल सरकारी कामकाज करते हैं तो यह हितों का टकराव होगा और हम ऐसा नहीं चाहते। सिंघवी ने पीठ को आश्वासन दिया कि अगर केजरीवाल को मामले में अंतरिम जमानत मिल जाती है तो वह आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी कोई फाइल नहीं देखेंगे।

‘हिस्ट्रीशीट पुलिस का आंतरिक दस्तावेज, सार्वजनिक नहीं कर सकते’, अमानतुल्लाह खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत

नई दिल्ली आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिस्ट्रीशीट पुलिस का आंतरिक दस्तावेज है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों को खिलाफ दर्ज हिस्ट्रीशीट में छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

क्या है मामला
दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने विभिन्न मामलों में 18 मुकदमे दर्ज किए थे। पुलिस ने इन मामलों में जो हिस्ट्रीशीट तैयार की थी, जिसमें अमानतुल्लाह खान को बुरे चरित्र वाला बताया गया था। दिल्ली पुलिस के इस फैसले के खिलाफ अमानतुल्लाह खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिस्ट्रीशीट को पुलिस का आंतरिक दस्तावेज बताया। अमानतुल्लाह खान के वकील ने कहा कि अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।

अमानतुल्लाह खान ने अपनी याचिका में सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस ने हिस्ट्रीशीट में उनके नाबालिग बेटों और पत्नी के नाम भी सार्वजनिक किए हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अगर किसी पुलिस अधिकारी ने जानबूझकर अमानतुल्लाह खान के नाबालिग बेटों की पहचान हिस्ट्रीशीट में उजागर की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी राज्यों से अपराधियों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट की नीति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

‘वादियों को कोर्ट में अपने मामलों पर बहस के लिए बनाए गए नियम सही’, अदालत ने खारिज की याचिका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से उनके मुकदमों पर बहस करने की अनुमति देने के लिए बनाए गए नियम मौलिक अधिकारों के तहत हैं। अदालत ने आगे कहा कि यह नियम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से अलग नहीं हैं। न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की पीठ में पूर्व न्यायिक अधिकारी नरेश वझे की याचिका को खारिज किया है।

याचिकाकर्ता ने की थी यह अपील
पूर्व न्यायिक अधिकारी ने अपनी याचिका में पार्टियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से कार्यवाही की प्रस्तुति और संचालन के लिए सितंबर 2015 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। इसके जवाब में अदालत ने कहा कि इन नियमों से कानून के समक्ष समानता, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हो रहा। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि ये नियम न्याय प्रशासन की सुविधा के लिए किसी पक्ष द्वारा प्रस्तुतीकरण और कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने के मद्देनजर तैयार किए गए हैं। याचिकाकर्ता नरेश वझे ने अपनी याचिका में दावा किया था कि ये नियम वादियों को सुनवाई के अधिकार से दूर रखते हैं और इस तरह से यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

अदालत में अपने मामले पर खुद बहस करने के लिए नियम
बता दें कि अगर कोई याचिकाकर्ता अपने मामले पर खुद बहस करना चाहता है, तो उसे पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों वाली दो सदस्यीय समिति के सामने पेश होना पड़ता है। समिति द्वारा मामले की जांच करने और याचिकाकर्ता से बात करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। रिपोर्ट में यह बताया जाता है कि याचिकाकर्ता अपने मामले पर अदालत में खुद बहस कर सकता है या नहीं। जब याचिकाकर्ता को इस योग्य समझा जाता है, तो उसे यह वचन देना होता कि वह अदालत की कार्रवाई में कोई व्यवधान नहीं डालेगा।