Monday , April 29 2024

देश

‘कोविड से मौत के मामले में मुआवजा कोई इनाम नहीं’, जानिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्यों कही ये बात

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना से मौत के मामलों में मुआवजा कोई इनाम नहीं है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए एक विधवा महिला की याचिका खारिज कर दी। दरअसल महिला के पति की कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी। महिला का पति हैंडपंप हेल्पर था और महिला अपने पति की मौत के लिए सरकार से मुआवजा की मांग कर रही थी।

क्या है मामला
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले की निवासी कंचन हमशेट्टे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने पति की मौत का मुआवजा देने की मांग की थी। महिला ने याचिका में कहा कि उसके पति की मौत अप्रैल 2021 में हुई थी और वह जरूरी सेवाओं के तहत आने वाले काम को कर रहा था। महिला ने दावा किया कि उसके पति को राज्य सरकार द्वारा ही तैनात किया गया था, लेकिन कोरोना की चपेट में आकर वह संक्रमित हो गया और उसकी मौत हो गई। महिला ने हाईकोर्ट से मांग की कि अदालत राज्य सरकार को मुआवजे की उसकी मांग पर विचार करने का आदेश दे।

हाईकोर्ट ने यह कहकर खारिज की याचिका
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने याचिका खारिज कर दी। जस्टिस रविंद्र घुगे और जस्टिस आर एम जोशी की खंड पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 50 लाख रुपये के मुआवजे वाली महिला की याचिका खारिज करना गलत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस बात में कोई बहस नहीं है कि ऐसे मामलों को संवेदनशीलता से डील किया जाना चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ ये बात भी दिमाग में रखनी चाहिए कि जो लोग हर्जाने के 50 लाख रुपये पाने के हकदार नहीं है, उन्हें ये रकम कोई इनाम के तौर पर नहीं दी जा सकती। अगर ऐसे मामले लापरवाही से डील किए गए तो अयोग्य लोगों को भी करदाताओं के पैसों में से 50 लाख रुपये का मुआवजा मिल जाएगा।

टिटाबोर में प्रियंका गांधी ने किया रोड शो, कहा- सरकार में आए तो चाय बागान श्रमिकों की बढ़ाएंगे दिहाड़ी

टिटाबोर:कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को जोरहाट लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी गौरव गोगोई के समर्थन में चुनाव का प्रचार करने के लिए असम पहुंचीं। वाड्रा ने जिले के टिटाबोर में एक घंटे के एक रोड शो कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के जीतने पर चाय बागान श्रमिकों की दिहाड़ी बढ़ाई जाएगी।

सत्तारूढ़ पार्टी संविधान को बदलना चाहती
रोड शो के दौरान कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी संविधान को बदलना चाहती है और अगर ऐसा होता है तो देश के आम लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ‘दो-तीन साल पहले विधानसभा चुनाव से पहले मैं असम आई थी, तब चाय बागानों का दौरा किया था। उस समय यह वादा किया था कि अगर कांग्रेस सरकार बनती है तो हम मजदूरी बढ़ाएंगे। हालांकि, आपने भाजपा को चुना और मजदूरी नहीं बढ़ाई गई।’

श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने की गारंटी
वाड्रा ने आगे कहा, ‘मैं आपको फिर बता रही हूं कि हमारे घोषणापत्र में केंद्र में सरकार बनाने पर चाय बागान श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने की गारंटी दी गई है।’ इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी अगर तीसरी बार सत्ता में आती है तो वह भारतीय संविधान को बदल देगी और अधिकारों में कटौती के बाद आम आदमी को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ेगी।

बेरोजगारी चरम पर
गोगोई का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब भाजपा नेता प्रचार करने आते हैं तो वे फालतू मुद्दों के बारे में बात करते हैं। हालांकि गौरव गोगोई ने हमेशा लोगों के मुद्दों को उठाया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन पीएम ने हाल के एक साक्षात्कार में केवल दो बार ही इस पर बोला। उन्होंने कहा, ‘अगर आप महंगाई को नियंत्रित करना चाहते हैं तो कांग्रेस को वोट दें। कृपया धर्म और जाति के मुद्दों पर वोट न दें। यह सबक सिखाने का समय है।’

रोड शो के दौरान यह नेता भी रहे मौजूद
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज सुबह जोरहाट हवाई अड्डे पर उतरीं और सीधे पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की विधानसभा सीट और जोरहाट लोकसभा क्षेत्र के हिस्से वाले तीताबोर पहुंचीं। इसके बाद गोगोई, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा, कांग्रेस महासचिव एवं असम के प्रभारी जितेंद्र सिंह, विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ वाड्रा ने तीताबोर चरियाली से अपना रोड शो शुरू किया।

हावड़ा में रामनवमी रैली को लेकर टीएमसी पर भड़के पीएम मोदी, बोले- हर साल की तरह इस साल भी किया विरोध

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। बंगाल के बालुरघाट में उन्होंने मंगलवार को एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य की टीएमसी सरकार की आलोचना की। पीएम मोदी ने ममता सरकार पर घुसपैठियों को सुरक्षा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ममता सरकार घुसपैठियों को तो सुरक्षा देती है लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रही है, जो शरणार्थियों को नागरिकता देता है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अपराध हैं। जब केंद्रीय एजेंसियां इन मामलों की जांच करने की कोशिश करती हैं तो उन पर हमला हो जाता है। ऐसा लगता है कि टीएमसी ने घुसपैठियों और गुंडों को राज्य पट्टे पर दे दिया है।

रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि टीएमसी को लगता है कि दलित, आदिवासी और गरीब अपनी मर्जी से हिल भी नहीं सकते हैं। लेकिन 2024 का यह चुनाव उन्हें बता देगा कि बाबासाहब अंबेडकर के लोकतंत्र में दलित, वंचित और आदिवासी टीएमसी के गुलाम नहीं हैं। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने आदिवासी समुदाय की महिलाओं को अपने घुटनों पर झुका दिया लेकिन जल्द ही टीएमसी घुटनों पर आ जाएगी। यहां के आदिवासी समाज के त्याग और बलिदान का देश पर बड़ा कर्ज है। आज भाजपा आदिवासियों और दलितों के सम्मान के लिए लड़ रही है। भाजपा ने ही देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति दी। टीएमसी जैसी पार्टी दलित, आदिवासी महिलाओं को अपना बंधक बनाकर रखना चाहती है।

टीएमसी की दुकान बंद हो जायेगी इसलिए फैला रहे झूठी खबर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बालुरघाट में आज उमड़ा यह जनसैलाब को देखकर लगता है कि इस बार जीत विकास की होगी। आज पूरा राज्य कह रहा है 4 जून को 400 पार और फिर एक बार मोदी सरकार। उन्होंने कहा कि टीएमसी को लग रहा है कि पीएम मोदी ने योजनाओं को हर गरीब के दरवाजे तक पहुंचाने की गारंटी दे दी है। टीएमसी को लगता है कि अगर जनता को मोदी की गारंटी से लाभ मिला तो राज्य की जनता का विकास हो जाएगा। टीएमसी की दुकान बंद हो जायेगी इसलिए वे झूठी खबर फैला रहे हैं लेकिन बंगाल की जनता मेरी गारंटी से वाकिफ है।

रामनवमी के जुलूस को रोकने के लिए टीएमसी रच रही साजिश: पीएम मोदी
रामनवमी और रामलला का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि रामनवमी पर रामलला अयोध्या स्थित अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं। मुझे पता है कि हर वर्ष की तरह इस साल भी ममता सरकार ने राम नवमी समारोह को रोकने की पूरी कोशिश की है। उन्होंने समारोह को रोकने के लिए कई साजिशें रची हैं। लेकिन जीत हमेशा सत्य की ही होती है। इसलिए अदालत ने रामनवमी के जुलूस के लिए अनुमति दे दी है। कल रामनवमी के अवसर पर पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भव्य जुलूस निकाला जाएगा। मैं बंगाल के अपने सभी भाइयों और बहनों को इस अवसर पर बधाई देता हूं।

कांग्रेस ने आयरलैंड में तैनात भारत के राजदूत पर लगाया पक्षपाती होने का आरोप, पद से हटाने की मांग

कांग्रेस ने आयरलैंड में भारत के राजदूत के एक लेख पर कड़ी आपत्ति जताई है और उन पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। दरअसल आयरलैंड के एक अखबार में भारत के चुनाव पर एक लेख लिखा गया था, जिस पर आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने जो प्रतिक्रिया अखबार को भेजी, उस पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है और राजदूत पर पार्टी कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने राजदूत को पद से हटाने की भी मांग की है।

जयराम रमेश ने बोला हमला
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आयरलैंड में भारत के राजदूत का आयरिश अखबार को भेजा गया लेख बेहद पक्षपाती, पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है, जिसमें पीएम मोदी, भारतीय लोकतंत्र, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और हिंदू बहुमत की तारीफ की गई है। जयराम रमेश ने कहा कि ‘भारत सरकार का बचाव करना एक बात है

और ये राजदूतों से उम्मीद भी की जाती है, लेकिन विपक्षी पार्टियों पर खुलेआम पार्टी कार्यकर्ता की तरह हमला करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’ एक सोशल मीडिया पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि ‘राजदूत एक राजनयिक हैं, ऐसे में उनकी टिप्पणी और भी शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने सेवा नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।’

राजदूत के जवाब पर हुआ हंगामा
दरअसल आयरिश अखबार में भारतीय चुनाव पर एक लेख लिखा गया था। लेख में लिखा गया था कि पीएम मोदी ने चुनाव पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इसके जवाब में आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने अखबार को लिखित जवाब भेजा, जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी की देश में लोकप्रियता अभूतपूर्व है। भारत का लोकतंत्र मजबूत है। वह किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक नहीं रखते हैं और उनकी निजी जिंदगी करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है।

पीएम मोदी की सरकार में गरीबों, महिलाओं और युवाओं के विकास पर फोकस किया जा रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता चरम पर है और वे न सिर्फ भारत के बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी नेता हैं, जो अपनी नेतृत्व क्षमता, समावेशी प्रशासन और सतत विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। लेख में लिखा गया कि वे देश में भ्रष्टाचार की व्यवस्था (जो 55 साल के शासन के दौरान बना और पहले 30 वर्षों में खास तौर पर ये शुरू हुआ) से लड़ रहे हैं और पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ने की ये भी एक वजह है।

कांग्रेस ने आयरलैंड में भारत के राजदूत के एक लेख पर कड़ी आपत्ति जताई है और उन पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। दरअसल आयरलैंड के एक अखबार में भारत के चुनाव पर एक लेख लिखा गया था, जिस पर आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने जो प्रतिक्रिया अखबार को भेजी, उस पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है और राजदूत पर पार्टी कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने राजदूत को पद से हटाने की भी मांग की है।

जयराम रमेश ने बोला हमला
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आयरलैंड में भारत के राजदूत का आयरिश अखबार को भेजा गया लेख बेहद पक्षपाती, पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है, जिसमें पीएम मोदी, भारतीय लोकतंत्र, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और हिंदू बहुमत की तारीफ की गई है। जयराम रमेश ने कहा कि ‘भारत सरकार का बचाव करना एक बात है

और ये राजदूतों से उम्मीद भी की जाती है, लेकिन विपक्षी पार्टियों पर खुलेआम पार्टी कार्यकर्ता की तरह हमला करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’ एक सोशल मीडिया पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि ‘राजदूत एक राजनयिक हैं, ऐसे में उनकी टिप्पणी और भी शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने सेवा नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।’

राजदूत के जवाब पर हुआ हंगामा
दरअसल आयरिश अखबार में भारतीय चुनाव पर एक लेख लिखा गया था। लेख में लिखा गया था कि पीएम मोदी ने चुनाव पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इसके जवाब में आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने अखबार को लिखित जवाब भेजा, जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी की देश में लोकप्रियता अभूतपूर्व है। भारत का लोकतंत्र मजबूत है। वह किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक नहीं रखते हैं और उनकी निजी जिंदगी करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है।

पीएम मोदी की सरकार में गरीबों, महिलाओं और युवाओं के विकास पर फोकस किया जा रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता चरम पर है और वे न सिर्फ भारत के बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी नेता हैं, जो अपनी नेतृत्व क्षमता, समावेशी प्रशासन और सतत विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। लेख में लिखा गया कि वे देश में भ्रष्टाचार की व्यवस्था (जो 55 साल के शासन के दौरान बना और पहले 30 वर्षों में खास तौर पर ये शुरू हुआ) से लड़ रहे हैं और पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ने की ये भी एक वजह है।

बसपा ने डिंपल के सामने बदला उम्मीदवार, वाराणसी में पीएम को टक्कर देंगे लारी, देखें लिस्ट

लोकसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने 11 और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। मैनपुरी सीट से बसपा ने उम्मीदवार बदल दिया है। जौनपुर से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को टिकट दिया गया है। जानकारी के अनुसार, बसपा ने यह पांचवीं सूची जारी की है। इस सूची में 11 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है। बदायूं से मुस्लिम खां, बरेली से छोटेलाल गंगवार को मैदान में उतारा है। सुल्तानपुर से उदराज वर्मा और फर्रूखाबाद सीट से क्रांति पांडेय को टिकट मिला है। बांदा से मयंक द्विवेदी और डुमरियागंज से ख्वाजा समसुद्दीन चुनाव लड़ेंगे।

बलिया से लल्लन सिंह यादव और जौनपुर से श्रीकला रेड्डी (पत्नी- धनंजय सिंह) को चुनाव मैदान में उतारा है। गाजीपुर से सपा प्रत्याशी और सांसद अफजाल अंसारी के सामने उमेश कुमार सिंह चुनाव लड़ेंगे, वाराणसी सीट से पीएम मोदी के सामने अतहर जमाल लारी को उतारा गया है। मैनपुरी सीट से सपा प्रत्याशी और सांसद डिंपल यादव के खिलाफ बसपा ने अपना उम्मीदवार बदला है। गुलशन देव शाक्य का टिकट काट दिया है। उनकी जगह शिव प्रसाद यादव को टिकट दिया गया है।

दरअसल, धनंजय सिंह जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच जौनपुर की अदालत ने एक मामले में सात वर्ष की सजा सुना दी। इसके बाद धनंजय को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। सजा मिलने के बाद धनंजय चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, इसलिए श्रीकला ने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है।

2021 में बनीं जिला पंचायत अध्यक्ष
श्रीकला वर्ष 2021 में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष चुनीं गईं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था। अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में उन्हें 43 वोट मिले थे। इसके बाद राजनीति में सक्रियता बढ़ी और पति धनंजय के साथ विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने लगीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।

जिला उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी के बीच हाथापाई, दफ्तर में 15 मिनट रही अफरा तफरी

भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर राज्यमंत्री बृजेश सिंह की पत्रकार वार्ता पहले जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच मारपीट हो गई। पंद्रह मिनट तक जमकर हंगामा हुआ। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी और जिलाध्यक्ष ने बीच बचाव कराया। राज्यमंत्री को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।

भाजपाइयों के बीच हुई मारपीट को पत्रकारों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। जबकि, भाजपा कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी पूरी घटना कैद हो गई। अचानक हुई मारपीट के बाद हर कोई अचंभित रह गया। भाजपा जिला कार्यालय पर सोमवार की सुबह 11 बजे पीडब्ल्यूडी विभाग के राज्यमंत्री बृजेश सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी।

राज्यमंत्री अपने तय समय पर कार्यालय पहुंच गए। पहले तो दो पत्रकारों को देखकर राज्यमंत्री बृजेश सिंह ने जिला अध्यक्ष उदयगिरि गोस्वामी और जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल से नाराजगी जाहिर की। इसके बाद बाकी पत्रकारों को बुलाने की बात कह कर दूसरे कमरे में जाकर बैठ गए।

भाजपा के जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष शुभम चौधरी ने कुछ पत्रकारों को फोन करके बुलाया। पत्रकारों को बुलाने को लेकर जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच कहासुनी हो गई। इससे पहले राज्यमंत्री बृजेश सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस हाल में पहुंचते।

यहां पहले से मौजूद जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल ने जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार से गाली-गलौज कर दी। जब जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने इसका विरोध किया तो तुरंत जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल ने थप्पड़ जड़ दिया। बाद में जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने भी थप्पड़ जड़ दिए।

इसके बाद दोनों एक दूसरे के कॉलर पकड़कर मारपीट करने लगे। मारपीट होता देख जिलाध्यक्ष उदयगिरि गोस्वामी की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बीच बचाव कराने लगा। तभी जिला अध्यक्ष उदयगिरि गोस्वामी भी पहुंच गए और विवाद शांत कराया। राज्य मंत्री बृजेश सिंह ने भी हस्तक्षेप किया।

जिसके बाद राज्य मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पदाधिकारियों में मारपीट को लेकर राज्यमंत्री बृजेश सिंह ने कहा कि बड़ा परिवार है, इसलिए छोटी-छोटी बातें हो जाती हैं। हालांकि बाद में जिलाध्यक्ष उदयगिरि गोस्वामी ने जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल को गले मिलवा दोनों के बीच हुए विवाद को खत्म कर दिया। मारपीट की ये घटना कॉन्फ्रेंस रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है।

मैनपुरी में भाजपा ने बुलाए सीएम मोहन यादव, सभा स्थल पर दिखीं इतनी खाली कुर्सियां; आयोजन हुआ रद्द

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह के समर्थन में नामांकन सभा को संबोधित करने के लिए आयोजित सभा में खाली कुर्सियों ने नेताओं को चौंका दिया। ये हाल देख मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का सभा को कैंसिल कर दिया गया। वे मैनपुरी आए जरूर लेकिन सिर्फ चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सबसे पहले तो कहा कि विलंब से आने के लिए क्षमा मांगता हूं। फिर कहा कि ‘मैं राम और कृष्ण की धरती से बोल रहा हूं, रामसेतु और द्वारिका राम और कृष्ण की गवाही दे रही है। दोनों ने सच्चाई की लड़ाई लड़ी, धर्म की लड़ाई लड़ी। दोनों ने कष्टों में आशा का सूर्य का उगाया, इसीलिए सनातन धर्म की जय जयकार है।’ सीएम मोहन यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लूट फरेब से मानवता कराह रही थी, लेकिन भाजपा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बदला है। यादव हमेशा से अन्याय और अधर्म से लड़ता रहा है

चुनाव आयोग ने दिए मुर्शिदाबाद के DIG को हटाने के निर्देश; लोकसभा चुनाव से पहले अब तक 4650 करोड़ रुपये जब्त

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने मुर्शिदाबाद के डीआईजी को हटाने का आदेश दिया। सूत्रों ने बताया कि उनके खिलाफ ये कार्रवाई हिंसा मामले में तत्परता नहीं बरतने के आरोप में की गई है। राज्य में दो हिंसाओं में हथियार और गोला बारूदों का उपयोग किया गया था। लोकसभा चुनाव की घोषणा करते हुए आयोग ने कहा था कि चुनावी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

लोकसभा चुनाव से पहले 4,650 करोड़ रुपये जब्त
चुनाव आयोग ने बताया कि एक मार्च से अबतक हर दिन 100 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। चुनाव के शुरू होने से पहले 4,650 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं, जो कि 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी ज्यादा हैं। बता दें कि देशभर में सात चरणों में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होगा। चुनाव 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे, जबकि नतीजे चार जून को जारी होंगे।

पोल पैनल ने बताया कि एक मार्च से अबतक की गई जब्ती 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बरामद 3,475 करोड़ रुपये से अधिक है। बरामद किए गए 4,658 करोड़ रुपये में 395 करोड़ रुपये नकद, जबकि शराब की तस्करी से जुड़े 489 करोड़ रुपये हैं। 45 फीसदी जब्ती नशीली दवाओं से की है।

आयोग ने बताया कि काले धन का उपयोग उम्मीदवार को समान अवसर मिलने में बाधा पैदा कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जब्ती चुनावी गड़बड़ियों को रोकने और उम्मीदवारों को समान अवसर देने का एक अहम हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में गुजरात, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम विधानसभा चुनाव में बड़ी जब्ती की गई है।

आयोग ने बताया कि समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए नेताओं के वाहनों की जांच की जा रही है और अपने काम में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों को हटाने जैसी कार्रवाइयां भी की जा रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्रचार के दौरान नेताओं की मदद करने के लिए 106 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि ये विभिन्न नियम और नैतिकता के खिलाफ है।

‘हिंसा प्रभावित राज्य में शांति स्थापित करना BJP की प्राथमिकता’, मणिपुर में बोले गृहमंत्री अमित शाह

अगरतला: गृहमंत्री अमित शाह पूर्वी राज्यों के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा में चुनावी रैली और मणिपुर में जनसभा को संबोधित किया। मणिपुर के इंफाल में सार्वजनिक बैठक को संबोधित शाह ने कहा कि जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में शांति स्थापित भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। यह लोकसभा चुनाव मणिपुर को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों और मणिपुर को एकजुट रखने वालों के बीच है।

सभा में शाह ने दावा किया कि मणिपुर की डेमोग्राफी को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है कि सभी समुदायों को साथ लेकर राज्य में शांति स्थापित की जाए। उन्होंने कहा कि देश का भाग्य तभी बदलेगा, जब मणिपुर के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर का भाग्य बदलेगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने असम को बाय-बाय कह दिया था। कांग्रेस ने कभी भी मणिपुर का सम्मान नहीं किया। उन्होंने तीन वर्षों तक राज्य को बंद रखा। इबोबी सिंह की सरकार में फेक एनकाउंटर किया गया। कांग्रेस ने मणिपुर को नाकेबंदी वाला राज्य बना दिया था। शाह ने लोगों से आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की।

शाह बोले- कांग्रेस-वाम सरकार पर निशाना साधा
इसके अलावा, त्रिपुरा के कुमारघाट में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों का विकास भाजपा की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि टिपरामोथा के साथ हुए हस्ताक्षरित ऐतिहासिक समझौते में राज्य के आदिवासी समुदाय के सभी मुद्दों का ध्यान रखा गया है। रैली में गृहमंत्री शाह ने सीपीएम पर निशाना साधा। सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री ने कहा कि समझौते में समुदायों के बीच सद्भाव और राज्य के विकास के उपाय भी सुनिश्चित किए गए हैं। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सीपीएम ने राज्य में कई वर्षों तक शासन किया। उनकी सरकार ने महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के योगदान को कम करने की कोशिश की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराजा बीर बिक्रम को उचित सम्मान दिया। उन्होंने अगरतल्ला हवाईअड्डा को महाराज के नाम पर रखा और उन्हें सम्मान देते हुए पीएम मोदी ने प्रतिमा का भी निर्माण कराया।

इस साल जमकर बरसेंगे बादल, ला नीना प्रभाव के चलते सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून

 नई दिल्ली: भारत में इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। ला नीना प्रभाव के चलते इस साल देश में मानसून अच्छा रहेगा। अगस्त-सितंबर में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।

सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने बताया कि साल 1951 से लेकर 2023 तक का डाटा देखने से पता चलता है कि देश में नौ बार मानसून सामान्य से बेहतर रहा है। ला नीना प्रभाव के चलते ही ऐसा हुआ। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि ‘1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार, हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पेश किया है। इस सामान्य के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक पूरे देश की कुल वर्षा का औसत 87 सेमी होगा।’ देश में चार महीनों तक (जून से सितंबर तक) सामान्य से ज्यादा बारिश होगी और 106 प्रतिशत तक होगी। जलवायु विज्ञानियों का कहना है कि बारिश के दिनों में कमी आ रही है, जबकि भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके चलते ही बाढ़ और सूखे की समस्या देखने को मिल रही है।

अल नीनो प्रभाव के चलते बीते साल कम हुई बारिश
अभी देश में अल नीनो प्रभाव का असर है, लेकिन अगस्त-सितंबर में इसके ला नीना प्रभाव में बदलने का अनुमान है। उत्तरी गोलार्द्ध में बर्फबारी भी कम हुई है और ये परिस्थिति भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के पक्ष में है। अल नीनो प्रभाव के चलते साल 2023 में भारत में 820 मिमी बारिश हुई थी, जो कि सामान्य से कम थी। यह दीर्घ अवधि के औसत 868.6 मिमी से भी कम थी। साल 2023 से पहले चार वर्षों में मानसून के दौरान भारत में सामान्य और सामान्य से बेहतर बारिश दर्ज की गई थी।

अल नीनो प्रभाव में मध्य प्रशांत महासागर की सतह का पानी गर्म होता है, इसके चलते मानसूनी हवाएं कमजोर होती हैं और भारत में सूखे के हालात पैदा होते हैं। ला नीना प्रभाव में पूर्व से पश्चिम की तरफ हवाएं तेज हो जाती हैं, जिससे समुद्र की सतह का गर्म पानी पश्चिम की तरफ चला जाता है। इसके चलते समुद्र का ठंडा पानी ऊपर सतह पर आ जाता है, जिससे पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है।