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72 फीसदी लोगों में बढ़ रहा डिप्रेशन और हार्ट अटैक का खतरा

डिप्रेशन से पीड़ित लोगों का कार्डियोवैस्कुलर रोग (सीवीडी) के विकास के जोखिम कम से कम 72 फीसदी तक बढ़ जाता है. लेकिन यूरोपियन हार्ट जर्नल में हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि मनोवैज्ञानिक उपचारों के माध्यम से डिप्रेशन को नियंत्रित करना कार्डियोवैस्कुलर रोग के जोखिम को कम करने से जुड़ा हुआ है.

भारतीय स्वास्थ्य फाउंडेशन (पीएचएफआई) के डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने बताया कि यह अवलोकनात्मक अध्ययन दर्शाता है कि सहानुभूतिपूर्ण बातचीत और आत्मविश्वास बढ़ाने जैसी मनोवैज्ञानिक सहायता कार्डियोवैस्कुलर रिस्क को कम कर सकती हैं.

दिल और दिमाग के बीच की कड़ी लंबे समय से स्थापित है। अब जो उभर कर सामने आ रहा है, एक मरीज में पहली या दूसरी हृदय संबंधी घटनाओं को रोकने में मन चिकित्सात्मक हस्तक्षेप बहुत मदद कर सकता है.

ज्यादा मेडिकल का खर्च और भविष्य के डर के साथ अचानक ब्रश एक रोगी को पुनर्प्राप्ति चरण के दौरान डिप्रेशन के खतरे में डाल सकता है. यह भी व्यापक रूप से ज्ञात है कि अत्यधिक कार्यशील एंग्जाइटी और गुस्सा का किसी व्यक्ति के दिल की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.