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जानिए आखिर क्या हैं प्री-हाइपरटेंशन और कैसे इससे रहा जा सकता हैं दूर

प्री-हाइपरटेंशन को नजरअंदाज करना सेहत के लिए हानिकारकहो  सकता है। प्री-हाइपरटेंशन तब माना जाता है जब प्रेशर रीडिंग 120 mm Hg सिस्टोलिक और 80 से 89 mm Hg डायस्टोलिक होता है।

हाई बीपी की समस्या को हाइपरटेंशन कहते हैं। जब शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सामान्य से तेज हो जाता है तो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। हाई बीपी या हाइपरटेंशन से पहले शरीर में जो बदलाव होते हैं, वह प्री-हाइपरटेंशन की स्थिति होती है।

प्री-हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है, जहां हाई बीपी शुरू हो जाता है। इसे स्टेज 1 हाइपरटेंशन भी कहते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, प्री-हाइपरटेंशन एक चेतावनी संकेत है, जो सही समय पर सही कार्रवाई का संकेत देता है। हालांकि, इस समस्या का कोई खास इलाज नहीं है। जीवनशैली में बदलाव कर आप खुद को हाइपरटेंशन से बचा सकते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में प्री-हाइपरटेंशन के लक्षण नजर नहीं आते हैं। जिन लोगों की यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।