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मथुरा तीन तलाक रिशबत मामले में अखिलेश दरोगा की जांच हुई शुरू

 

मथुरा से अजय ठाकुर

मथुरा। थाना क्षेत्र गोवर्धन के गांव देवसेरस के आशू खान के द्वारा दहेज उत्पीड़न व तीन तलाक जैसे मामले की दर्ज कराई रिपोर्ट में विवेचना कर रहे दरोगा अखिलेश ने वादी से 25 हजार रुपये व गिरफ्तारी के लिए गाड़ियां आदि ली थीं व दिनांक 8 व 9 सितम्बर झिरका फिरोज पुर से पति सहित जेठ को गिरफ्तार कर स्थानिय थाने में सूचना देकर गोवर्धन थाने ले आये थे और आरोपी पति का चालान 14 सितंबर को जेल भेज दिया व आरोपी पति को करीब पांच दिन अवैध हिरासत में रखकर मोलभाव करके थाने से ही छोड़ दिया था जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर उक्त खबर को हमने प्रकाशित किया था। हमारे द्वारा जोरदार तरीके से खबर का प्रकाशन करने पर नवागत क्षेत्राधिकारी गोवर्धन गौरव त्रिपाठी ने संज्ञान लेते हुए दरोगा अखिलेश की जांच शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार गोवर्धन क्षेत्राधिकारी गौरव त्रिपाठी ने तीन तलाक व दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वादी आशू खान को अपने बयान दर्ज कराने के लिए अपने कार्यालय बुलाया गया है और पीड़ित व्यक्ति सीओ कार्यालय में जाकर अपने बयान में दरोगा अखिलेश के द्वारा लिए गए 25 हजार रुपये व दविश के लिए ली गई गाड़ियां व दो आरोपियों की गिरफ्तारी की होने व एक आरोपी को अवैध हिरासत में रखकर छोड़ने बाली सारी बातों की अपने बयानों में पुष्टि कर आया है ।
तत्कालीन क्षेत्राधिकारी गोवर्धन धर्मेन्द्र चौहान के स्थानान्तरित होने पर फक्र महसूस करने और राहत की सांस लेने बाले अखिलेश दरोगा और उनके अन्य साथी दरोगाओं खुशियां मनाई थी कि अब उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और रिशबत खोरी पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन अखलेश दरोगा ने सपने में भी नही सोचा होगा कि नवागत सीओ गोवर्धन आते ही धुंआधार बल्लेबाजी शुरू कर देंगे। सीओ गौरव त्रिपाठी ने अभी एक मामले में जांच शुरू की है अगर अखिलेश दरोगा और समानांतर पुलिसिंग करने वाले देवसेरस के शातिर फकरु आदि से नजदीकी और कैसे उसके साथ मिलकर अपराध व अपराधियों को अखलेश दरोगा संरक्षण देता है तो अंजाम क्या करेंगे गौरव त्रिपाठी इस बात का अभी अखिलेश दरोगा को भान भी नही होगा। सूत्रों के अनुसार फिलहाल अखिलेश दरोगा खबर का खंडन छपवाने के लिए ब्राह्मण वाद की दुहाई देते हुए इधर उधर पैर पटक रहा है। अखलेश दरोगा के भ्रष्टाचार और अपराधियों के ताल मेल का ही नतीजा था कि दिनांक 18 सितम्बर को अखलेश दरोगा के नजदीकी मित्र व कई थानों में गम्भीर मामलों के नामजद आरोपी ने सरेआम कमरुद्दीन पुत्र सुनसी के घर पर जाकर फायरिंग की थी अगर समय रहते मामला 112 व आईजी जोन आगरा व एसएसपी मथुरा के संज्ञान में नही आता तो निश्चित तौर पर खून की होली होना तय था। इससे पूर्व भी 11 सितंबर को अखलेश दरोगा की शै: पर कमरुद्दीन के साथ मारपीट की गई जिसकी लिखित शिकायत मिलने पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं कि जिसके परिणामस्वरूप दिनांक 15 सितम्बर को पुनरावृत्ति होकर झगड़ा हुआ जिसमें दोनों पक्ष घायल हुए दोनों ही पक्षों की डॉक्टरी जिला अस्पताल में एक ही डॉक्टर द्वारा की गई लेकिन दरोगा अखिलेश की मेहरबानी से एक पक्ष का दिनांक 17 सितम्बर को मुकद्दमा संख्या 614 सन 2021 थाना गोवर्धन तो दर्ज हो गया लेकिन दूसरे घायल पक्ष कमरुद्दीन मामले में नामजद आरोपी बनाए जाने से कारण अपने परिवार के साहुन नामक व्यक्ति के द्वारा दिनांक 17 सितम्बर को ही गोवर्धन थाने में जाकर डैस्क इंचार्ज महिला कांस्टेबल प्रीति को लिखित तहरीर दी लेकिन दरोगा अखिलेश ने शर्त रखी कि रिपोर्ट दर्ज जब होगी जब नामजद आरोपी कमरुद्दीन खुद थाने आये और पहले गिरफ्तारी होगी उसके बाद रिपोर्ट दर्ज होगी। यहां एक बात स्पष्ट होती है कि जब दो पक्षों में झगड़ा हुआ क्रॉसिंग का मामला है तो एक पक्ष की गिरफ्तारी में इतनी जल्दी करना व दूसरे घायल पक्ष की रिपोर्ट दर्ज न करना अपने आप मे दरोगा अखिलेश का कर्तव्यों के प्रति लापरवाही व निजी लाभ को दर्शाता है। जबकि यह भी स्पष्ट है कि जब 11 सितम्बर को कमरुद्दीन के साथ हुई घटना की तहरीर मिलने पर दरोगा अखिलेश कोई कार्यवाही कर देते तो न 15 सितम्बर को झगड़ा होता और न 18 सितम्बर को फायरिंग होती वो तो समय ठीक था वरना अखिलेश दरोगा के लापरवाही के कारण 18 सितम्बर गोवर्धन थाने के काले दिन के रूप में दर्ज होता। अगर समय रहते अखिलेश दरोगा को यहां से नही हटाया गया तो वो दिन दूर नही जब इनकी वजह से कोई बड़ी घटना घट जाए जो अधिकारियों के गले की फांस न बन जाये। समाचार लिखे जाने तक सूत्रों के अनुसार यह भी खबर सामने आई है कि पीड़ित/ वादी बयान कर्ता के ऊपर दरोगा अखिलेश अपने दलालों के माध्यम से पैसे लौटाने व बयान बदलवाने के लिए प्रयास रत हैं लेकिन वादी को सीओ गोवर्धन से पूर्ण न्याय की उम्मीद हैं।