पुरी में भगवान जगन्नाथ की यात्रा के दौरान लाखों लोग, समुद्री किनारे पर पहुंचते हैं। डेढ़ सप्ताह में 150 से अधिक लोगों को डूबने से बचाया गया है। पुरी बीच लाइफ गार्ड महासंघ के सचिव हैरी राव ने बताया कि हम लोग ‘नोलिया’ समाज से आते हैं। हमारा काम ही लोगों को बचाना है। पीढ़ी दर पीढ़ी, हम यह काम करते आ रहे हैं। भारत में यह एक ऐसा समुदाय है, जो लोगों को डूबने से बचाने का काम करता है। हम लोग ब्रिटिश काल में 1920 से यह काम कर रहे हैं। अदाणी समूह से मिली पहचान के बारे में राव ने कहा, ‘ये एक अच्छी पहल है। करीब 15 किलोमीटर लंबे समुद्री किनारे पर इस बार 450 लाइफ गार्ड तैनात किए गए हैं। ये लाइफ गार्ड, 24 घंटे समुद्री किनारे पर शिफ्टों में पेट्रोलिंग करते हैं। खतरनाक लहरों के बीच लोगों को डूबने से बचाया गया है।’
लाइफ गार्ड कृष्णा राव बताते हैं कि दिक्कत उस समय अधिक होती है, जब लहर अधिक और बड़े स्तर की आती है। इससे पैरों को चोट लगती है। लहर कम होने के बाद भी लोगों को पानी अपनी तरफ खींचता है। हम लोग पेट्रोलिंग करते हैं। ट्यूब लेकर लोगों को बचाते हैं। सीटी बजाकर उन्हें सचेत करते हैं। लोगों से कहते हैं कि समुद्र के किनारे पर रहो, अंदर मत जाओ।
आर प्रकाश ने बताया कि वे कई पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं। वे पेशेवर रूप से मच्छली पकड़ने वाले हैं। हमने कई लोगों को बचाया है। ट्यूब लेकर घूमते रहते हैं। अब अदाणी समूह ने हमें लाइफ गार्ड किट दी है। इससे लोग हमें पहचानने लगे हैं। लाखों की भीड़ में भी लोग हमसे मदद मांग सकते हैं। वजह, हमारी ड्रेस अलग है। करीब 450 लाइफ गार्ड, पुरी के समुद्री तट पर लगभग 15 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में पेट्रोलिंग करते हैं।
एम. कृष्णा कहते हैं कि साल भर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए जो लोग पुरी आते हैं, वे समुद्री किनारे पर भी पहुंचते हैं। ऐसे में हम लोग, समुद्र में डुबकी लगाने के लिए आने वाले लोगों पर नजर रखते हैं। अब हमें नई पहचान मिल रही है।