नई दिल्ली :तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने मंगलवार को चुनाव आयोग (ईसी) से अपील की कि आंध्र प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के लिए पर्याप्त समय दिया जाए और यह प्रक्रिया किसी बड़े चुनाव से छह महीने पहले तक न कराई जाए। टीडीपी ने कहा कि जो लोग पहले से ही ताजा वोटर लिस्ट में शामिल हैं, उन्हें दोबारा अपनी पहचान या पात्रता साबित करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। यह मांग ऐसे समय में आई है जब बिहार में इसी तरह की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर विवाद चल रहा है। वहां विपक्षी दलों ने आरोप लगाए हैं कि चुनाव से ठीक पहले की जा रही इस प्रक्रिया में नए वोटरों पर सबूत देने की जिम्मेदारी डाल दी गई है, जिससे भ्रम और असंतोष फैल रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर टीडीपी के सुझाव
हर साल सीएजी के तहत तीसरे पक्ष द्वारा वोटर लिस्ट का ऑडिट हो। एआई टूल्स का इस्तेमाल कर डुप्लीकेट नामों को रीयल टाइम में पकड़ा जाए। ईपीआईसी कार्ड की डुप्लीकेसी खत्म करने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जाए और एक व्यक्ति को एक यूनिक वोटर आईडी दी जाए। स्याही आधारित सत्यापन की जगह बायोमेट्रिक मॉडल अपनाया जाए। हर इलाके में स्थानीय स्तर पर शिकायत निवारण की समयबद्ध व्यवस्था हो। बीएलए सभी मान्यता प्राप्त पार्टियों से नियुक्त किए जाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

जिला स्तर पर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने की जानकारी सार्वजनिक की जाए और एक रियल-टाइम डैशबोर्ड बनाया जाए। हर महीने राजनीतिक दलों के साथ बैठकें हों, खासकर डीईओ और ईआरओ स्तर पर। प्रवासी मजदूरों, आदिवासी समुदायों, बुजुर्गों और बेघर लोगों के लिए विशेष नामांकन अभियान चलाए जाएं। अस्थायी पते पर भी वोटर लिस्ट में नाम जुड़ सके, इसके लिए मूल दस्तावेजों के आधार पर अनुमति दी जाए।

By Editor