नई दिल्ली: मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) और सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज (सीईएनजेओडब्ल्यूएस) के संयुक्त तत्वावधान में 16 जुलाई को नई दिल्ली में मौजूद मानेकशॉ सेंटर में एक खास वर्कशॉप और प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विदेशी कंपनियों से आयात हो रहे महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों को स्वदेशी रूप से विकसित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

सैन्य अभियानों में यूएवी की अहम भूमिका
यह आयोजन खास तौर पर मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) और काउंटर-मानवरहित हवाई प्रणाली (सी-यूएएस) से जुड़े उपकरणों के स्वदेशीकरण पर केंद्रित होगा। यह कार्यक्रम उस समय हो रहा है जब हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात और ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों में यूएवी और सी-यूएएस की भूमिका काफी अहम रही है। इन अभियानों ने यह साफ दिखा दिया कि ये तकनीकें स्थिति की सटीक जानकारी देने में सक्षम हैं और सटीक लक्ष्यभेदन और कार्रवाई को आसान बनाती हैं। इसके साथ ही सैनिकों की जान जोखिम में डाले बिना मिशन को अंजाम देती हैं।

रक्षा मंत्रालय का संदेश
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस वर्कशॉप और प्रदर्शनी के जरिए यह भी दिखाया जाएगा कि भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक अब काफी परिपक्व, भरोसेमंद और प्रभावी हो चुकी है। खासकर संकट की घड़ी में इन तकनीकों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

क्या है इस कार्यक्रम का उद्देश्य?
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विदेशी उपकरणों की जगह स्वदेशी विकल्पों को बढ़ावा देना है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मजबूती देना और रक्षा अनुसंधान और निर्माण में घरेलू उद्योगों को शामिल करना है। यह कार्यक्रम देश की सुरक्षा नीति में स्वदेशीकरण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, जिससे न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी बल्कि रणनीतिक और तकनीकी रूप से भारत और भी मजबूत होगा।

By Editor