चंदौली: चंदौली जनपद के नियामताबाद विकासखंड अंतर्गत गोधना नई बस्ती के पास शनिवार की सुबह नारायनपुर गंगा नहर का तटबंध अचानक टूट गया। यह घटना सुबह लगभग चार बजे हुई, जब अधिकांश लोग गहरी नींद में थे। तेज बहाव के साथ नहर का पानी खेतों और घरों की ओर तेजी से फैल गया।
इस आपदा से करीब ढाई सौ एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह जलमग्न हो गई, वहीं करीब 50 घरों में पानी घुसने से घरेलू सामान, अनाज व पशु चारे को भारी नुकसान पहुंचा है।
प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों के अनुसार, नारायनपुर नहर को ‘गंगा नहर’ कहा जाता है क्योंकि इसमें अत्यधिक जल प्रवाह और गहराई होती है। यह नहर जिले की प्रमुख सिंचाई स्रोत है और वर्तमान में अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यह उफान पर थी। तटबंध जिस स्थान पर टूटा, वह काफी समय से क्षतिग्रस्त था और दोनों ओर से कटान की स्थिति में था।
मचा हाहाकार
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि तटबंध की खराब स्थिति को लेकर दो महीने पूर्व ही सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) को शिकायत दी गई थी, लेकिन इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। शनिवार को जब तटबंध टूटा तो तत्काल फोन कर अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन एसडीएम तक ने फोन नहीं उठाया। अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी तत्काल मौके पर नहीं पहुंचे।
स्थिति से आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने मुगलसराय-गोधना मुख्य मार्ग को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना था कि यदि समय पर विभाग सक्रिय होता तो यह बड़ी आपदा टाली जा सकती थी।
घटना के पांच से छह घंटे बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, जिसके बाद तटबंध की मरम्मत कार्य शुरू किया गया। लेकिन तब तक पूरे गांव के एक से दो किलोमीटर के दायरे में पानी फैल चुका था। ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासनिक उदासीनता ने नुकसान को और बढ़ा दिया।
बनाए गए राहत शिविर
इस आपदा से सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं, जिनकी पूरी सालभर की मेहनत पानी में बह गई। खेतों में लगी धान की फसल, जो अभी बढ़ने की स्थिति में थी, पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। कई किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर धान की बुवाई की थी, अब उनके सामने भरण-पोषण का संकट आ गया है।