यमन के विद्रोही समूह हूती ने घोषणा की है कि वह उन सभी व्यापारी जहाजों को निशाना बनाएगा, जो इस्राइली बंदरगाहों से व्यापार करते हैं, चाहे व किसी भी कंपनी या किसी भी देश के क्यों न हो। हूती विद्रोहियों ने इसे इस्राइल के खिलाफ अपने अभियान के अगले चरण का हिस्सा बताया है।
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने गाजा पट्टी में इस्राइल-हमास युद्ध के जवाब में व्यापारी जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया था। उनका कहना है कि यह हमले फलस्तीनी जनता के समर्थन में किए जा रहे हैं। पिछले दो वर्षों में उनके हमलों ने लाल सागर में समुद्री परिवहन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जहां से हर साल लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का सामान गुजरता है।
‘इस्राइली से व्यापार करने वाले किसी भी जहाज को बनाएंगे निशाना’
हूती विद्रोहियों ने रविवार रात अपनी घोषणा में कहा कि उन्होंने इस्राइल के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों को तेज करने और समुद्री नाकेबंदी के चौथे चरण को लागू करने का फैसला किया है। हूती विद्रोहियों ने चेतावनी दी कि वे उन सभी जहाजों को निशाना बनाएंगे, जो इस्राइली बंदरगाहों से व्यापार करते हैं, चाहे वह कंपनी किसी भी देश की हो और चाहे वह जहाज कहीं भी जा रहा हो, यदि वह हमारे सशस्त्र बलों की पहुंच में आया तो उस पर हमला किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश इस बढ़ते टकराव से बचना चाहते हैं, तो उन्हें इस्राइल पर दबाव डालना चाहिए कि वह गाजा में युद्ध बंद करे और वहां की नाकेबंदी हटा ले।
दो बड़े मालवाहक जहाजों को बनाया निशाना
इस महीने की शुरुआत में हूती विद्रोहियों ने दो लाइबेरिया के झंडे और ग्रीस के स्वामित्व वाले दो बड़े मालवाहक जहाजों पर हमला किया। इन जहाजों के नाम ‘मैजिक सीज’ और ‘इटर्निटी सी’ थे। ‘इटर्निटी सी’ पर हमले में चालक दल के चार सदस्य मारे गए और 11 को बंदी बना लिया गया, जबकि ‘मैजिक सीज’ के चालक दल के सभी 22 सदस्यों को जहाज डूबने से पहले बचा लिया गया।