इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के चलते गाजा में दिन-प्रतिदिन संकट और गहराता जा रहा है। उधर, इस्राइल के हमले कम होने के नाम नहीं ले रहे है। ताजा घटनाक्रम की बात करें तो इस्राइल ने सोमवार को गाजा में जोरदार हमला किया। इस हमले में कम से कम 34 फलस्तीनी मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह हमला उस समय हुआ जब इस्राइल ने एक दिन पहले ही कुछ इलाकों में हर दिन 10 घंटे के लिए सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा की थी ताकि मानवीय मदद बेहतर ढंग से पहुंच सके।
इस्राइल बोला- सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी
इस्राइली सेना ने रविवार को बताया था कि गाजा सिटी, दीर अल-बलाह और मुवासी इलाके में हर दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक सैन्य कार्रवाई रोकी जाएगी। इसका मकसद था भूख से जूझ रहे लोगों तक सुरक्षित रास्तों से राहत सामग्री पहुंचाना। हालांकि इस्राइल ने ये भी साफ कर दिया कि वह सैन्य अभियान पूरी तरह नहीं रोकेगा। सोमवार को जो हमले हुए, वे उसी 10 घंटे की राहत अवधि से बाहर किए गए। इस पर अभी तक इस्राइली सेना की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कई जगहों पर मौतें, इलाके भर में पसरा मातम
गाजा की स्थिति दिन-प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है। वहीं मामले में केंद्रीय गाजा औदा अस्पताल ने कहा कि उन्हें सात लोगों के शव मिले, जो एक अमेरिकी-इस्राइली मदद केंद्र के पास इस्राइली गोलीबारी में मारे गए। 20 लोग घायल भी हुए हैं। मुवासी इलाके में एक घर पर हमले में गर्भवती महिला सहित 12 लोग मारे गए। डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन के बाद महिला के गर्भस्थ शिशु को बचा लिया। वहीं खान यूनिस शहर के जापानी मोहल्ले में दो-मंजिला मकान पर हुए हमले में 11 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे।
भूख से हालात और बिगड़े
गाजा में भूख और कुपोषण की स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है। मामले में राहत एजेंसियों ने कहा है कि इस्राइल की नई मदद नीति सही दिशा में कदम जरूर है, लेकिन अब भी यह पर्याप्त नहीं है। दुनिया भर में भूखे और कुपोषित बच्चों की तस्वीरों पर भारी नाराज़गी देखी जा रही है।