नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि मार्च 2025 तक पूरी की जाने वाली लगभग 489 सड़क परियोजनाएं अब तक लंबित हैं। इन परियोजनाओं में देरी का कारण जमीन अधिग्रहण, वन और वन्यजीव मंजूरी तथा रेलवे से संबंधित मंजूरियों में विलंब है।

गडकरी ने एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार इन लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर सभी प्रयास कर रही है, ताकि समस्याओं का समाधान किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुछ देरी से चल रही परियोजनाओं की लागत में वृद्धि हुई है। इसकी वजहों में जमीन और संरचनाओं के लिए मुआवजे की बढ़ी हुई लागत, मूल्य वृद्धि, जीएसटी का असर, जनता की मांग पर अतिरिक्त वर्टिकल/पैदल अंडरपास, रेलवे मानकों को पूरा करने के लिए रोड ओवर ब्रिज या रोड अंडर ब्रिज के डिजाइन में बदलाव आदि शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि अगर किसी परियोजना में अत्यधिक देरी होती है और मौजूदा अनुबंध के तहत आगे काम संभव नहीं होता, तो ऐसे अनुबंधों को खत्म कर दिया जाता है और परियोजना को फिर से सौंपा जाता है, चाहे उसमें बदलाव हो या न हो।

एक अलग सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों के अनुसार किया जाता है। उन्होंने बताया कि विभिन्न इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा (एक्सप्रेसवे के लिए) और 100 किलोमीटर प्रति घंटा (अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए) तय की गई है।

By Editor