नई दिल्ली:  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के तीन आतंकवादी गुर्गों के खिलाफ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की विचारधारा का प्रचार करने और उसकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी व अन्य स्रोतों से धन जुटाने की साजिश रचने का आरोप पत्र दायर किया है। इसमें खुलासा हुआ है कि आरोपी व्यक्ति भारत में तोड़फोड़ की साजिश रच रहे थे। वे हज यात्रियों के जरिए पाकिस्तानी सेना से मदद पाने का प्रयास कर रहे थे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने भारत में ईरान, तुर्की, मिस्र और पाकिस्तान जैसे इस्लामी देशों की सैन्य प्रदर्शनी भी लगाई थी।

एनआईए के मुताबिक, कबीर अहमद अलियार उर्फ कबीर अहमद, अज़ीज़ अहमद उर्फ अज़ीज़ अहमद उर्फ जलील अज़ीज़ अहमद और बावा बहरुदीन उर्फ मन्नई बावा पर भारतीय दंड संहिता और यूए(पी) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत मामला आरसी-01/2024/एनआईए/सीएचई में आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपियों ने भारत विरोधी ताकतों से सैन्य सहायता प्राप्त करके और एचयूटी के संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी द्वारा लिखित संविधान को लागू करके भारत में इस्लामी खिलाफत स्थापित करने के लिए एचयूटी के मेंबर के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी। हालांकि उससे पहले ये जाँच एजेंसी के हाथ लग गए।

जांच से पता चला है कि हिज्ब-उत-तहरीर संगठन से जुड़े इन तीनों आरोपियों ने हज और उमराह यात्रियों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना से सहायता प्राप्त करने की भी योजना बनाई थी। ये आरोपी, एचयूटी के गुप्त बयान कक्षाओं में कमज़ोर युवाओं की भर्ती में लगे हुए थे। उन्हें एचयूटी की विचारधारा के माध्यम से कट्टरपंथी बनाया गया था।

By Editor