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इटावा के उसराहार कालिका माता मंदिर पर मनाई गई तुलसीदास जयंती

 

अनिल गुप्ता

ऊसराहार

भारतीय संस्कृति की अस्मिता के अग्रदूत गोस्वामी तुलसीदास हैं, भक्तों की माला के सुमेरु बनकर सीताराम के माध्यम से विश्व को दिशा देने वाले महानायक की गाथा ही रामचरित मानस बनकर कालजयी रचना बनकर उभरी है।
कस्बा ऊसराहार में कालिका माता मंदिर पर गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती श्रावण शुक्ल सप्तमी को धूमधाम से मनाया गया है इस मौके पर गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए मानस मर्मज्ञ आशीष मिश्र ने कहा जब मुगलों के काल में सनातन संस्कृति को छिन्न भिन्न करने का कुत्सित प्रयास किया गया था और संतो के वेष में कालनेमि सरीखे लोगों से संस्कृति पथभ्रष्ट हो रही थी ऐसे में महानायक बनकर गोस्वामी तुलसीदास ने एक नयी दिशा तय कर के भारतीय संस्कृति के पुनर्निर्माण का काम किया था, रामकथा के मर्मज्ञ ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास को महान संत नाभादास ने भक्तमाल ग्रंथ का सुमेरु बनाया है इस अवसर पर समिति के सदस्य गौरव गुप्ता ने निशुल्क रुप से रामचरित मानस जरुरत मंद श्रद्धालुओं को वितरित की इससे पूर्व गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजन किया गया इस मौके पर अजय दुबे छोटे, शशांक मिश्रा, लाल जी राठौर, स्वतंत्र दुबे , अर्पित, दिलीप गुप्ता रजनीश मिश्र आदि लोग मौजूद रहे।