नई दिल्ली:  अहमदाबाद में हाल ही में हुए एअर इंडिया विमान हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर एयर इंडिया के सभी बोइंग विमानों की उड़ानों पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि जब तक दो हफ्तों के भीतर इन विमानों का सुरक्षा ऑडिट नहीं होता, तब तक इनका संचालन रोका जाए। यह याचिका अधिवक्ता अजय बंसल द्वारा दायर की गई है, जिसमें केंद्र सरकार, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), एयर इंडिया लिमिटेड और विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) को पक्ष बनाया गया है।

सभी विमानों की कड़ी जांच की मांग
याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में उड़ान भरने वाले सभी विमानों की वैज्ञानिक और तकनीकी जांच अनिवार्य रूप से की जाए और जो विमान पूरी तरह कार्यशील न हों या अंतरराष्ट्रीय सेवा की अनिवार्य सुविधाएं न हों, उन्हें उड़ानों से तुरंत रोका जाए जब तक वे फिर से प्रमाणित नहीं हो जाते। याचिकाकर्ता बंसल ने कहा कि यह मामला सीधे संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन है, क्योंकि हवाई यात्रियों की सुरक्षा और जीवन का अधिकार इससे प्रभावित होता है।

हादसे ने बढ़ा दी सुरक्षा की चिंता
बता दें कि बीते 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी, जिसमें 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद विमान की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर कई सवाल उठे हैं।

जहां मामले में याचिकाकर्ता ने डीजीसीए को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे एयर इंडिया और अन्य विमानन कंपनियों के बेड़े का बिना पूर्व सूचना के व्यापक ऑडिट करें और इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करें। साथ ही जिन विमानों में खामियां पाई जाएं, उनके खिलाफ तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई या जुर्माना लगाया जाए।

याचिकाकर्ता ने किया निजी अनुभव का जिक्र
याचिकाकर्ता बंसल ने मामले में अपनी 20 मई 2025 की दिल्ली से शिकागो एअर इंडिया की (एआई 127) की फ्लाइट का जिक्र करते हुए कहा कि उस यात्रा के दौरान बिजनेस क्लास की सीटें ठीक से काम नहीं कर रहीं थीं, इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट सिस्टम खराब था और एयर कंडीशनिंग भी उड़ान के काफी बाद ही चालू हुई।

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