Wednesday , May 15 2024

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काला सर्प निकलने से गांव में खलबली मची

भरथना।सालिमपुर गांव में स्थित पाडरी बाबा के मंदिर के पास मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे काला सर्प निकल आया जिसे देखकर आसपास स्थित घरों के वाशिन्दों में हड़कंप मच गया,इस बीच सर्प मंदिर के पास ही रामसिया सक्सेना के घर के बाहरी हिस्से में घुस गया जोकि थोड़ी देर बाद पुनः बाहर निकल कर झाड़ियों किनारे पहुच गया। बाद में गांव वालों द्वारा बुलाए गए  सपेरों द्वारा सर्प को पकड़ कर कब्जे में ले लिया गया।

ग्रामीणों के मुताबिक, काले रंग का सर्प पांच फीट लंबा था,जिससे गांव वाले भयभीत हो गए है।ग्रामीणों ने सर्प पकड़े जाने के बाद दूसरे सर्प के होने की आशंका जताई है।

पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाने की माँग को लेकर अनशन पर बैठी महिला

करहल : पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलवाने की मांग को लेकर गाँव दूँदपुर निवासी शशी पत्नी भूपेन्द्र सिंह तहसील परिसर में आमरण अनशन पर बैठ गयी । शशि ने बताया कि उनके पट्टी की जमीन पर गिरेन्द्र सिह कब्जा किये हुए है । उन्होंने मांग की है कि अवैध कब्जा हटवाकर उन्हें कब्जा दिलवाया जाय।

उपजिलाधकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि महिला की मांग है कि पट्टे की पैमाइश कर कब्जा दिलाया जाये चूँकि मामला जिलाधिकारी न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए उच्चाधिकारियों से बात कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी । उन्होंने बताया महिला से बात हो गयी है महिला ने अनशन समाप्त कर दिया है।

 

पुलिस ने संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया

भरथना।कोतवाल मंसूर अहमद ने बताया कि सरैया-रमायन गांव के संपर्क मार्ग पर सोमवार की रात करीब सवा तीन बजे जिला फिरोजाबाद के थाना सिरसागंज अंतर्गत मोहल्ला गिहार नगर निवासी गौतम को संदिग्ध अवस्था मे गिरफ्तार किया गया,उसके पास से 315 बोर का एक तमंचा व कारतूस बरामद होने पर आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ जिला फिरोजाबाद, मैनपुरी व सैफई थाना में आबकारी अधिनियम व आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज है।

पुलिस ने जिला बदर को गिरफ्तार किया

भरथना।कोतवाल मंसूर अहमद ने बताया कि रमायन गांव के पास स्थित स्टेडियम चौराहा से सोमवार की रात करीब ढाई बजे जिला बदर चरन सिंह निवासी करवा खुर्द भरथना को गिरफ्तार किया गया,उसकी जामा तलाशी पर 315 बोर का एक तमंचा व एक कारतूस बरामद होने पर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट व मिनी गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। गिरफ्तार किए गए आरोपी के खिलाफ भरथना थाना में वर्ष 2018 में गाली गलौज,धारदार हथियार से हमला व मारपीट का मामला दर्ज है।

राम को 14 वर्ष का वनवास, केवट ने नाव से नदी पार करवायी

फोटो– तालाब स्थित शिव मंदिर होती राम वनवास की लीला
जसवंतनगर(इटावा)। अयोध्या नरेश बनने की बजाय भगवान राम 14 वर्ष के वनवास पर लक्ष्मण और सीता के साथ आज निकल पड़े। यहां की मैदानी रामलीला में अयोध्या भवन यहां के सब्जी मंडी स्थित तालाब मंदिर को मानते है। राजा दशरथ का महल माने जाने के कारण राम वनवास की लीला का प्रदर्शन यहां मंगलवार की देर शाम हुआ।
दशरथ अपने बुढ़ापे के मद्देनजर अपने ज्येष्ठ पुत्र राम को अयोध्या का राजा बनाने की घोषणा करते हैं । तैयारियां शुरू होती है। मगर रानी कैकेयी को उसकी दासी मन्थरा भड़का देती और राम की जगह उसके अपने पुत्र भरत को राजा बनाने की जिद करने को प्रेरित करती । राम को 14 वर्षों का वनवास देना मांगने की सलाह दी। कैकेयी इस सलाह को मान कोप भवन में चली जाती ।अपनी रानी कैकेयी को मनाने में राजा उसे भरत को राजपाट देने के साथ ही राम को 14 वर्ष का वनवास देने का वरदान दे देते। इससे अयोध्या में शोक फैल जाता। राम आज्ञापरक पुत्र होने के नाते इसे जैसे ही वनगमन करते उनके भ्राता लक्ष्मण और पत्नी सीता भी वन को चलने की जिद पर अड़ जाते। मंत्री सुमन्त भरे मन से इन तीनो को वन की ओर लेकर रवाना होते है। राम विछोह में दशरथ अपने प्राण त्याग देते।
इस लीला के बाद वन गमन के दौरान केवट लीला का प्रदर्शन भी 40 वर्षों बाद बाकायदा तालाब मंदिर के उस फब्बारा स्थल स्विमिग टाइप पूल में किया गया। नाव पर राम लक्ष्मण सीता को केवट ने नदी पार कराई।
लीलाओं से पूर्व राम लक्ष्मण सीता परंपरागत तरीके से राजसी ड्रेस में सुसज्जित कहरों द्वारा धोए जाने वाले डोले पर बैठकर नृसिंह मंदिर से नगर की सड़कों पर होते तालाब मंदिर पहुंचे। इसके उपरांत देर तक लीलाएं प्रथम दिन की चलीं।
~वेदव्रत गुप्ता

 

यमुना बीहड़ में विराजमान “ब्राह्मणी मैया” के द्वार से कोई खाली नहीं गया

फोटो~ब्राह्मणी देवी की मूर्तियां, देवी मंदिर के गर्भगृह का द्वार

जसवंतनगर(इटावा)। इटावा जिले की आराध्य देवी स्थलों में देवकली औरैया ,कालका देवी लखना ,काली वाहन इटावा, और ब्रह्माणी देवी जसवंत नगर में !
.. ब्रह्माणी मैया की महिमा और चमत्कार की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई है। इसी कारण हजारों भक्त यमुना के बीहड़ों में विराजित इन देवी के दर्शन करने के लिए झंडे घंटे और प्रसादी लेकर पहुंचते हैं।

अष्टमी और नवमी के दिन नवरात्रियों पर भारी भीड़ भक्तजनों को जमा होती है। हजारों घंटे और झंडे चढ़ने से यमुना के जंगल में मंगल जैसा माहौल उत्पन्न होता है ।ब्रह्माणी मैया का विहंगम मंदिर उत्तर रेलवे के बलरई स्टेशन से 6 किलोमीटर दूर यमुना की तलहटी और ऊंचे ऊंचे खारों में स्थित है

यह जसवंत नगर कस्बे से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थितहै। देवी मैया के इस मंदिर तक पहुंचने के लिए मुलायम सिंह यादव ने अपने शासन काल मे पक्की सड़क का निर्माण कराया था ,अन्यथा लोग पैदल और साइकिलों से लंगुरिया गाते ,जमीन पर दंडवत करते, मनौती मांगने वहां पहुंचते थे ।

देवी ब्रह्माणी मंदिर का कोई अधिकृत इतिहास नहीं है ,मगर मूर्ति देखने से यह सैकड़ों वर्ष पुरानी लगती है। मंदिर की स्थापना के बारे में किंबदंती है कि मध्य प्रांत के कोई राजा गंगा स्नान व दर्शन करने गए हुए थे। वहां उन्हें स्वप्न में दिखाई दिया कि वह जहां पर स्नान कर रहे ,वहां गंगा में खुदाई करें और तलाशने पर ब्रह्माणी मैया की मूर्ति मिलने को कहा गया था। स्वप्नानुसार ब्रह्माणी मैया की मूर्ति राजा को प्राप्त हुई। स्वप्न में उन राजा से यह भी कहा गया था कि वह हाथी पर इस मूर्ति को अपने राज्य की सीमा की ओर लेकर चले और जहां भी हाथी बैठ जाए ,वही देवी का मंदिर बनवा कर उन्हें विराजित करवा देना।

तदनुसार राजा जब यमुना के किनारे स्थित जाखन शहर के पास पहुंचा तो वहां उसका हाथी बैठ गया। राजा ने तभी वहां इन प्राप्त देवी ब्रह्माणी देवी का मंदिर बनवा दिया। ब्रह्माणी का मंदिर यमुना के बीहड़ में मौजूद है। मगर जाखन शहर के अवशेष ही आसपास में अब शेष हैं। जाखन अब बीहड़ी क्षेत्र का बड़ा गांव है। कालांतर में मंदिर खंडहर की स्थिति में पहुंच गया था,मगर सन 18सौ के आसपास भिंड ,मध्य प्रदेश के एक मुद्गल पंडित कमलापति ,जो जमीदार थे और प्रायः देवी दर्शन को आते थे ,उन्होंने देवी मंदिर का जीर्णोद्धार आरंभ कराया । फिर वहां स्वयं पुजारी हो गए। उनकी नौ पीढ़ियों से उनके परिवारी ही मंदिर के पुजारी के रूप में हैं। इन पुजारी के वंशज मध्यप्रदेश के भिंड से आकर नगला तौर में बस गए थे ।उन्होंने मंदिर की आमदनी और जीर्णोद्धार के लिए राजा भदावर से सहयोग लेकर काम कराया। बाउंड्री और कमरे आदि बनवाये।

बताते हैं की मंदिर से लगी लगभग 6 एकड़ जमीन भी है ।बारी बारी से एक एक साल सर्वकारी इसी पुजारी परिवार के सदस्यगण संभालते रहे हैं। इन पुजारियों में मंदिर की सर्वकारी को लेकर कोर्ट में मुकदमा भी चलता रहा है, मगर दोनों गुट आपस में 1-1 वर्ष मेला व्यवस्था को लेकर समझौता किए हैं।इन दिनों मंदिर के पुजारी सुभाष।मिश्रा हैं।

ब्रह्माणी मंदिर घने बीहड़ में होने के कारण वर्ष भर रोज आसपास के भक्त व इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचते हैं। चैत्र नवरात्रि, आषाढ़ पूर्णिमा तथा क्वार की शारदीय नवरात्रि में मेला लगता है।
नवरात्रि में अष्टमी-नवमी पर लाखों की भीड़ पहुंचती है ।आषाढ़ पूर्णिमा पर ध्वजा वंदिनीय पूर्णिमा होने के कारण भीड़ कुछ ज्यादा ही एकत्रित होती है। आषाढ़ पूर्णिमा का मेला भी 3- 4दिन चलता है। ब्रह्माणी देवी मंदिर पुराने राजे रजवाड़ों के लिए आराध्य स्थल रहा है ।राजा मानसिंह राजा नरसिंह राव, राजा मलाजनी, राजा प्रताप नेर जूदेव के वंशज यहां मनौती मनाने और अपने अस्त्र शस्त्र पूजने के लिए प्रायः आते थे।
बताते हैं कि भदावर स्टेट के राजा मानसिंह के लंबे समय तक जब कोई संतान नहीं जन्मी, तो उन्होंने देवी ब्रह्माणी की आराधना की। तभी उन्हें राजा रिपुदमन सिंह पुत्र के रूप में देवी वरदान से प्राप्त हुए। इसके बाद उनकी राजमाता शिरोमणि देवी ने संवत 2012 में मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। ब्राह्मणी मैया का नाम दस्युओं और बागियों के कारण काफी चर्चित रहा है नवदुर्गा में मंदिर पर झंडा चढ़ाने और देवी आराधना के लिए पूर्व बागी डाकू मानसिंह ,माधो सिंह, तहसीलदार सिंह, मोहर सिंह, मलखान सिंह ,फूलन देवी, छविराम अवश्य ही आते थे। पुलिस नाकेबंदी के बावजूद वह वेष बदलकर मैया के द्वार पर माथा अवश्य टेक जाते थे। ब्रह्माणी का बीहड़ सदैव से वैसे ही बागियों के लिए सबसे सुरक्षित शरण स्थली रही हैं ।

नवरात्रि पर अष्टमी नवमी पर लगने वाले मेले में इटावा ,भिंड ,ग्वालियर, मुरैना ,वाह, फिरोजाबाद, मैनपुरी, फरुखाबाद, आदि जिलों के देवी भक्त तो पधारते ही हैं,एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, बंगाल से भी भक्त मनौती मांगने आते है।

इस वजह से मंदिर के सकरे भवन में विराजमान देवी ब्रह्माणी की मूर्ति के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं मंदिर परिसर में जलने वाली धूप और दीपको के कारण दर्शन और भी दुर्लभ होजाते हैं। मगर दसियों किलोमीटर दूर से आए भक्तगण दर्शन पाकर ही हटते हैं ।झंडे चढ़ाने वालों की लाइन भी देखते ही बनती हैं ।लांगुरिया गाती महिलाएं नंगी पीठ पर चाबुक बरसाते लांगुर वीर और अपने शरीर को तीरों,भालों, चाकुओं से गोदते भक्त अलग ही रोमांच पैदा करते हैं ।झंडों की संख्या हजारों में होने के कारण, उन्हें एक कुंड में डालकर लहराया जाता है ।देवी गीतों और लगुरिया का स्वाद यहां इतना रस भरा सुनने को मिलता है कि उड़ती धूल, तेज धूप के बीच भी भक्त धक्के खाते हटाये नहीं हटते -‘मैया नौ बच्चन का बाप खिलौना मांगे लांगुरिया, देवी गीत सुनकर आखिर कौन व्यक्ति हंसता- हंसाता मन्त्र मुग्ध नहीं होगा? देवी ब्राह्मणी तक अब सड़क बन गई है मगर पेयजल तथा बिजली की व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं है ,जितनी इस क्षेत्र में होनी चाहिए। मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में लक्खी भीड़ के कारण व्यवस्थाएं प्रायः चरमरा जाती हैं। पुलिस व्यवस्था ढीली पड़ जाती है। इसी वजह कुछ वर्षों पूर्व झंडा चढ़ाते समय पीएसी ने गोलियां चला दी थी और कईं लोग मारे गए थे

जिला प्रशासन के अधिकारी 200 सालों से मेले में आते रहे हैं ।अंग्रेज कलेक्टर ह्यूम भी ब्राह्मणी आकर मंत्र मुग्ध हुआ था। आजाद भारत के कई कलेक्टर और पुलिस कप्तानों को भी देवी मेले में होने वाली भीड़ ने दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर किया।

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके अनुज शिवपाल सिंह यादव अपना चुनाव अभियान प्रायः देवी ब्रह्माणी के दर्शन करके ही शुरु करते रहे हैं ।खुद मुलायम सिंह का कहना है कि वह बचपन में देवी ब्राह्मणी के दर्शनों को अपने गांव सैफई से साइकिल से आते थे। अब मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह यादव के प्रयासों से देवी ब्रह्माणी मंदिर के चारों ओर काफी कुछ व्यवस्था हुई हैं मगर अभी भी इस क्षेत्र का विकास बहुत ही जरूरी है। इसे सरकार पर्यटक स्थल घोषित करदे,तो इस बीहड़ी इलाके में जंगल मे मंगल जैसा माहौल हो जाएगा।
~वेदव्रत गुप्ता

 

अब क्षय रोगी के परिजनों को भी क्षय रोग से सुरक्षित रखने के लिए खिलाई जायेगी दवा

*इटावा।* देश व जिले को वर्ष 2025 तक क्षयरोग यानि टीबी मुक्त बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास जारी हैं।इसी क्रम में क्षय रोग संक्रमण रोकने के लिए टीबी प्रिवेंशन थेरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम शुरू होना है।इसी विषय पर जिला क्षय रोग विभाग में टीबी सुपरवाइजर,लैब टेक्नीशियन,जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों का उन्मुखीकरण किया जा चुका है।

*ज़िला क्षय रोग अधिकारी डॉ.शिवचरन हैबरम ने बताया* कि अभी तक पांच वर्ष तक की आयु के उन बच्चों का उपचार इसके तहत किया जाता था।इनमें एक्टिव टीबी बीमारी नहीं थी और उनको इस बीमारी से बचाव के लिए यह दवा दी जा रही थी।अब यही थेरेपी क्षय रोग से संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सभी लोगों को भी दी जाएगी।

*डॉ.शिवचरन ने बताया* कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह थेरेपी दी जा रही है।इसके तहत टीबी संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को चाहे वह बच्चा हो या वयस्क आयु के हिसाब से छह माह तक क्षयरोग प्रतिरोधक दवाएं दी जाती हैं।संक्रमित परिवार के सदस्यों की टीबी की जांच की जाती है और यदि वह संक्रमित नहीं होता है तो उसे टीपीटी दी जाती है।परिवार के सदस्यों की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर जांच और इलाज किया जाता है।

कम आयु के बच्चों में अक्सर बलगम नहीं बनता है। इसलिए बच्चे की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के अनुसार उसका पेट से सैंपल (गेस्ट्रिक लवाज) जांच के आधार पर ही टीबी का पता लगाया जाता है।

*डॉ.हैबरम ने बताया* कि नाखून और बालों को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है।विशेष ध्यान देने वाली बात है कि फेफड़ों की टीबी यानि पल्मोनरी टीबी ही संक्रामक होता है।इसलिए जो व्यक्ति फेफड़ों की टीबी से ग्रसित है उनके परिवार के सदस्यों को थोड़ा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

*जिला समन्वयक कंचन तिवारी ने बताया* कि जिले में इस समय लगभग 3249 क्षय रोगी हैं।जिनका ईलाज चल रहा है साथ ही कहा कि टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं।

टीबी की जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है।

*क्या हैं टीबी के लक्षण ?*

दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी आना

वजन में पिछले तीन माह से लगातार कमी आना

रात में पसीना आना

शाम के समय बुखार आना

*इस दौरान* डीपीपीएम निर्मल,डीपीसी कंचन,एसटीएलएस अनिल पाल, एसटीएस योगेन्द्र सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहे।

बिना नक्शे की खड़ी बिल्डिंग आरडीए के द्वारा की गयी सीज

माधव संदेश /ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव रायबरेली 

रायबरेली। मानक विहीन बन रही बिल्डिंग को विकास प्राधिकरण की टीम ने किया सील वही सील हुई बिल्डिंग के बगल बिना नक्शे की खड़ी बिल्डिंग अधिकारियों को चिढ़ा रहा मुंह विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से मानक विहीन अन्य बिल्डिंगों पर नहीं हो रही कार्यवाही सुविधा शुल्क जमा कर बिल्डर कर रहे मौज शासन के आदेश के बाद भी अभी तक एक भी बिल्डिंग के गिराने कि नहीं शुरु कई की प्रक्रिया रायबरेली का विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन को है किसी बड़े हादसे का इंतजार।

सेटिंग करके नोटिस थमा कर की जा रही खानापूर्ति रायबरेली विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का चल रहा बड़ा खेल पांच बिल्डिंग सील कर की गई खानापूर्ति।

पेड़ में उतरे बिजली करंट की चपेट में आने से युवक की मौत हुई, परिजनों में कोहराम मचा

फ़ोटो।मृतक अनिरुद्ध की फ़ाइल फ़ोटो

भरथना।मोहल्ला श्रेष्ठ नगर निवासी शिशुपाल यादव का पुत्र अनिरुद्ध उर्फ निक्की 25 वर्ष मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे घर के सामने बिजली के खम्भे के पास लगे जामुन के पेड़ से बार बार घर की बिजली खराब होने पर पेड़ पर चढ़कर टहनी को काटने लगा, उसी दौरान पेड़ की ऊपरी हिस्से की टहनी बिजली खंभे के ऊपर से गुजरी एचटी लाइन से छू जाने से  और पेड़ में करंट दौड़ गया,करंट लगने से अनिरुद्ध पेड़ से नीचे गिरकर गम्भीर रूप से घायल हो गया, घटना देखकर परिजन व आसपास के लोग घायल अनिरुद्ध को आनन-फानन में इटावा स्थित प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहाँ चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।

अनिरुद्ध की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया।

जानकारी के अनुसार, मृतक खेती बाड़ी का कार्य करता था,वह अपने पीछे पत्नी ज्योति एक पुत्री मनु 3 वर्ष व डेढ़ वर्षीय पुत्र युग को रोता बिलखता छोड़ गया। घटना की सूचना पुलिस को नही दी गई।

घूसखोर लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार 

माधव संदेश /ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव रायबरेली 

रायबरेली/सरेनी। शिकायत करता राजेश यादव निवासी पूरे नवल थाना सरेनी जनपद रायबरेली की जमीन की पैमाईश करने के नाम पर लालगंज तहशील के भोजपुर मे तैनात घूसखोर लेखपाल मनीष कुमार निवासी जगत पर भिजकौरा थाना लालगंज जनपद रायबरेली को रंगे हाथो एंटी करप्शन टीम लखनऊ ने किया गिरफ्तार। गुरबक्श गंज थाने में दर्ज हुआ मुकदमा।

गिरफ्तार करने वाली टीम

नूरुल हुदा खान ,राकेश सिंह, नंदकिशोर मृतुंज्य कुमार मिश्र।

हेड कांस्टेबल अभिषेक त्रिपाठी राजेश प्रताप सिंह,विश्वनाथ सिंह।