Thursday , April 25 2024

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ओडिशा के विधायक मोहम्मद मुकीम की सजा निलंबित, कोर्ट ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में ओडिशा के कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकीम की सजा निलंबित कर दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चुनोती देने वाली विधायक की याचिका पर ओडिशा सरकार को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ वकील को सुनने और सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की सजा निलंबित करने का आदेश दिया जाता है।

विजिलेंस कोर्ट ने सुनाई थी सजा
विधायक मोहम्मद मुकीम को विजिलेंस कोर्ट द्वारा 29 सितंबर 2022 को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया था। विजिलेंस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मुकीम ने मेट्रो बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर रहते हुए एक आईएएस अफसर के साथ मिलकर एक रियल एस्टेट फर्म को फायदा पहुंचाया था। उस दौरान कोर्ट ने विधायक को तीन साल की कैद और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद मोहम्मद मुकीम ने हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी लेकिन दस अप्रैल को कोर्ट ने यह अपील खारिज की थी।

‘जहां हिंसा हुई, वहां चुनाव की अनुमति नहीं’, मुर्शिदाबाद मामले में हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को कहा। दरअसल, मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। अब अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सख्त निर्देश दिए कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा, जहां रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। अदालत ने कहा, ‘अगर लोग 8 घंटे शांति से किसी भी पर्व का आनंद और जश्न नहीं मना सकते, तो हम चुनाव आयोग को ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव नहीं कराने की सिफारिश करेंगे।’ अदालत ने सख्त लहजे में कहा, ‘यदि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो समूहों के लोग लड़ रहे हैं तो एक-दूसरे को अपने प्रतिनिधि को वोट देने का कोई हक नहीं है।’

भड़काऊ भाषण मामले में नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ दर्ज किया मामला, पुलिस ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसने भाजपा विधायकों नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने जांच में पाया कि दोनों ने जनवरी में ठाणे जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आपत्तिजनक भाषण दिए थे। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते संबंधित पुलिस आयुक्तों से निजी रूप से इस बात का सत्यापन करने को कहा था कि क्या दोनों नेताओं ने आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण दिया था।

लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने आज अदालत को बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस साल जनवरी में मीरा भायंदर (ठाणे जिले में) हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरा राणे और जैन द्वारा दिए गए भाषण अपमानजनक थे। वेनेगांवकर ने कहा कि राणे पर मुंबई के मलवानी, मानखुर्द और घाटकोपर इलाकों रैलियों में नफरती भाषण देने का आरोप है। उन्होंने बताया कि जैन पर मीरा भायंदर में एक रैली में नफरती भाषण देने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (उकसाने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने आगे कहा कि 22 से 26 जनवरी के बीच मीरा भायंदर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 13 अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वेनेगांवकर ने बताया कि सभी मामलों की जांच जारी है।

तीन से चार दशकों में हिमालय क्षेत्र में मौजूद ग्लेशियर झीलों का आकार बढ़ा, इसरो ने किया दावा

नई दिल्ली:   हिमालय क्षेत्र में खासतौर पर भारतीय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने से बनी झीलों के आकार में पिछले तीन से चार दशकों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को 1984 से 2023 तक उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है। इसरो के अनुसार पिछले 3 से 4 दशकों में लिए गए उपग्रह डेटा हिमालय के हिमाच्छादित वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

इसरो के अनुसार वर्ष 1984 से वर्ष 2023 के बीच उपग्रह से ली गई इन दीर्घकालिक तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय क्षेत्र में इन हिमनद झीलों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। इसरो के अनुसार 2016-17 के दौरान पहचाने गए 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। विशेष रूप से, इनमें से 130 झीलें भारत के भीतर स्थित हैं, जिनमें से 65, 7 और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं।

हिमालय के पर्वतों को अक्सर उनके व्यापक ग्लेशियरों और बर्फ के आवरण के कारण तीसरे ध्रुव के रूप में जाना जाता है। इन्हें वैश्विक जलवायु में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। दुनिया भर में किए गए शोधों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि दुनिया में मौजूद ग्लेशियर अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से पिघलने और घटने की अभूतपूर्व दर का अनुभव कर रहे हैं।
हिमालय क्षेत्र में खासतौर पर भारतीय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने से बनी झीलों के आकार में पिछले तीन से चार दशकों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को 1984 से 2023 तक उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है। इसरो के अनुसार पिछले 3 से 4 दशकों में लिए गए उपग्रह डेटा हिमालय के हिमाच्छादित वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

इसरो के अनुसार वर्ष 1984 से वर्ष 2023 के बीच उपग्रह से ली गई इन दीर्घकालिक तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय क्षेत्र में इन हिमनद झीलों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। इसरो के अनुसार 2016-17 के दौरान पहचाने गए 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। विशेष रूप से, इनमें से 130 झीलें भारत के भीतर स्थित हैं, जिनमें से 65, 7 और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं।

हिमालय के पर्वतों को अक्सर उनके व्यापक ग्लेशियरों और बर्फ के आवरण के कारण तीसरे ध्रुव के रूप में जाना जाता है। इन्हें वैश्विक जलवायु में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। दुनिया भर में किए गए शोधों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि दुनिया में मौजूद ग्लेशियर अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से पिघलने और घटने की अभूतपूर्व दर का अनुभव कर रहे हैं।

सेना और हथियार पर खर्च करने वाला भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश, 2023 में खर्च किए 83.6 अरब डॉलर

नई दिल्ली: दुनिया में सेनाओं और हथियारों पर खर्च करने के मामले में भारत चौथा बड़ा देश है। कुल 10 देशों ने सैन्य हथियारों पर बेतहाशा खर्च किया है। इसमें अमेरिका शीर्ष पर है। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में इस वक्त हथियारों, गोला-बारूद और दूसरे सैन्य साजो-सामान पर विभिन्न देश जितना धन खर्च कर रहे हैं, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में सैन्य खर्च 2022 के मुकाबले 6.8 फीसदी बढ़कर 24.4 खरब डॉलर पर पहुंच गया। जबकि, 2022 में यह 22.4 खरब डॉलर था। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 के बाद यह एक साल में सबसे बड़ी वृद्धि और लगातार नौवां साल है जब खर्च बढ़ा है। इस वृद्धि में जिन दस देशों का योगदान सबसे ज्यादा है, उनके सैन्य खर्च में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

अमेरिका शीर्ष पर तो चीन दूसरे स्थान पर
सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले देशों में अमेरिका अब भी शीर्ष पर है। 2023 में अमेरिका ने 916 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च किए जो दुनियाभर के कुल खर्च का 37% से भी ज्यादा है। दूसरे नंबर पर चीन है, जिसका खर्च अमेरिका से लगभग एक तिहाई है। उसने 296 अरब डॉलर खर्च किए, जो कुल खर्च का 12% है। यह 2022 से 6% ज्यादा है। इन दोनों देशों ने ही कुल खर्च में आधे का योगदान दिया।

2023 में भारत ने 83.6 अरब डॉलर खर्च किए
सैन्य खर्च के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश भारत है जिसने 83.6 अरब डॉलर खर्च किए। 2022 के मुकाबले यह 4.2 फीसदी ज्यादा था। 2022 में जो सबसे ज्यादा खर्च करने वाले पांच देश थे, वे सभी 2023 में वैसी ही स्थिति में बने हुए हैं। इसमें तीसरे नंबर पर रूस है। इसके बाद भारत और सऊदी अरब का नंबर है। 2023 में रूस का खर्च 2022 के मुकाबले 24 फीसदी बढ़कर 109 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2014 में जब रूस ने क्रीमिया को यूक्रेन से अलग किया था, उसके बाद से यह 57 फीसदी की वृद्धि है। रूस अपनी जीडीपी का 5.9 फीसदी सेना पर खर्च कर रहा है।

लोकसभा चुनाव से करीब नौ लाख अस्थायी नौकरियां, इन अहम क्षेत्रों में हुई भर्तियां

मुंबई: उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि देश में आम चुनावों के दौरान विभिन्न भूमिकाओं में करीब नौ लाख अस्थायी नौकरियों का सृजन हुआ है। इन नौकरियों की शुरुआत चुनावों के ऐलान से दो सप्ताह पहले हुई और चुनाव खत्म होने तक जारी रहेंगी। आम चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को संपन्न हो चुका है। अभी छह चरण का चुनाव बाकी है।

वर्कइंडिया के सीईओ और सह-संस्थापक नीलेश डूंगरवाल के मुताबिक लोकसभा चुनावों के दौरान देशभर में पैदा होने वाली अस्थायी नौकरियों की सही संख्या चुनाव के पैमाने, मतदान केंद्रों की संख्या और चुनाव संबंधी गतिविधियों की जरूरत जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। हालांकि, मोटा अनुमान है कि चुनावों के दौरान नौ लाख नौकरियों का सृजन हुआ है।

उन्होंने बताया कि 2019 के आम चुनावों के दौरान उनके पोर्टल पर अकाउंटिंग (80 फीसदी), डाटा एंट्री (64 फीसदी), सुरक्षा कर्मी (86 फीसदी), बैक ऑफिस (70 फीसदी), डिलीवरी, ड्राइवर, फील्ड बिक्री एवं खुदरा (65 फीसदी), लेखन (67 फीसदी) जैसी नौकरियां की मांग बढ़ी थी। वहीं, सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि पिछले छह महीनों में यह अनुमान लगाया गया है कि आगामी चुनावों की तैयारी के दौरान लगभग दो लाख अस्थायी पद तैयार हुए हैं। एजेंसी

अहम क्षेत्रों में हुई भर्ती…चुनाव की तैयारी के लिए अहम क्षेत्रों में भर्ती हुई। इनमें आंकड़ा विश्लेषण, योजना, जनसंपर्क, बाजार सर्वेक्षण, मीडिया संबंध, सामग्री डिजाइन, सामग्री विपणन, सोशल मीडिया विपणन, एआई रणनीति और परियोजना प्रबंधन आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि ये नौकरियां केवल चुनावों के लिए हैं, इसलिए अस्थायी रोजगार में यह उछाल मौजूदा नौकरी बाजार की गतिशीलता को प्रभावित नहीं करेगा।

मतदान न हो लू से प्रभावित, टास्क फोर्स रखेगी नजर, रोज जारी होगा पूर्वानुमान

नई दिल्ली:  देश के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और लू चलने के पूर्वानुमान के चलते चुनाव आयोग ने सोमवार को मौसम विभाग के अधिकारियों समेत विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक की। इसमें चुनाव के बचे छह चरणों के दौरान गर्मी और लू की स्थिति तथा इनके खतरे से बचने के उपायों पर चर्चा की गई।

मौसम विभाग ने आयोग को बताया कि 26 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए गर्मी और लू बड़ी चिंता नहीं है। इस चरण में जिन 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदान होना है, उनके लिए मौसम का पूर्वानुमान सामान्य है। आयोग ने ईसीआई, आईएमडी, एनडीएमए और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की एक टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया है, जो चुनाव के हर चरण के मतदान से पांच दिन पहले गर्मी और उमस के प्रभाव की समीक्षा करेगी। आवश्यकतानुसार जरूरी उपाय किए जाएंगे। आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को राज्यों में स्वास्थ्य अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली लू की स्थिति के लिए तैयारी करने और सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है।

कहा- अब तक टिकट न मिलना पार्टी की रणनीति का हिस्सा, हम भाजपा से बड़े नहीं

गोंडा: कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने टिकट न मिलने का ठीकरा मीडिया पर फोड़ा है। उनका कहना है कि मीडिया की वजह से उन्हें अब तक टिकट नहीं मिला। उन्होंने कहा- हम भाजपा से बड़े नहीं हैं। टिकट के सवाल पर बोले- हो सकता है कि इसके पीछे भाजपा की कोई रणनीति हो।

वह सोमवार को मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह के निधन पर शोक जताने मंगल भवन पहुंचे थे। सांसद ने कुंवर विक्रम के परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए। कहा कि टिकट मिलना न मिलना हमारी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी मजहब के आधार पर राजनीति नहीं की। सन 1989 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। मुलायम सिंह उस वक्त मुख्यमंत्री थे।

अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस होने पर सबसे पहले मुझे गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने भी सबसे पहले अरेस्ट किया था। लेकिन इन सबके बावजूद जब तक मुलायम सिंह यादव जिंदा रहे उनसे अच्छे संबंध रहे। हर बात राजनीति से जोड़कर नहीं देखनी चाहिए। टिकट के सवाल पर कहा कि यह हमारी चिंता है, आपकी नहीं। राहुल गांधी व अखिलेश यादव पर बोलने से सांसद बचते नजर आए।

मेरठ में आज राजनीति के तीन दिग्गज, मायावती-अखिलेश करेंगे जनसभा, सीएम योगी शाम को करेंगे रोड शो

मेरठ:  आज दो पूर्व और एक वर्तमान मुख्यमंत्री मंगलवार को मेरठ में होंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती सुबह 11 बजे हापुड़ रोड पर जनसभा करेंगी तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दोपहर दो बजे सिवालखास विधानसभा के गांव हर्रा में बागपत लोकसभा सीट के प्रत्याशी के समर्थन में रैली करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शाम चार बजे शहर में रोड शो होगा।

मुख्यमंत्री का रोड शो पुरानी दिल्ली चुंगी से दोपहर चार बजे शुरू होगा। रोड शो यहां से शारदा रोड, देहली गेट चौराहा, कबाड़ी बाजार, अनाज मंडी, वैली बाजार होते हुए लाला बाजार चौराहा पर समाप्त होगा। जिले में योगी आदित्यनाथ का यह चौथा चुनावी दौरा होगा। इससे पहले मोदीपुरम में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ आ चुके हैं। सरधना के चौबीसी क्षेत्र में आयोजित जनसभा में भी योगी आदित्यनाथ आए थे। किठौर के सिसौली में आयोजित जनसभा में भी योगी आदित्यनाथ आ चुके हैं। रोड शो के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

जगह-जगह मकानों की छतों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री हेलिकाॅप्टर से भैसाली ग्राउंड में बने हेलीपैड पर पहुंचेंगे। यहां से कार द्वारा दिल्ली चुंगी तक आएंगे। वहीं, बसपा मुखिया एवं पूर्व सीएम मायावती हापुड रोड पर अल्लीपुर में बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी की चुनावी सभा को संबोधित करके वोट मांगेंगी। यह मेरठ में उनकी पहली जनसभा है। मायावती कई साल बाद मेरठ में जनसभा करने आ रही हैं।

जिले के हर्रा नगर पंचायत में पूर्व सीएम अखिलेश यादव बागपत लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी अमरपाल शर्मा की चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। अखिलेश यादव शनिवार को भी मेरठ आए थे। उन्होंने हापुड़ रोड पर मेरठ-हापुड़ लोकसभा की प्रत्याशी पूर्व महापौर सुनीता वर्मा के समर्थन में रैली की थी।

गर्मियों में कैसे रखें सेहत का ख्याल, क्या करें-क्या नहीं? स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए सुझाव

देश के ज्यादातर हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी-लू की चपेट में हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती गर्मी को लेकर भी लोगों को अलर्ट किया गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने से हीटस्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है। इसके अलावा पहले से ही क्रोनिक बीमारियों जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट की समस्या और डायबिटीज रोगियों के लिए गर्मी का ये मौसम कई तरह की जटिलताओं को बढ़ाने वाला हो सकता है। डॉक्टर्स का सुझाव है कि गर्मी के दिनों में शरीर को हाइड्रेट और ठंडा बनाए रखने के लिए निरंतर उपाय करते रहना जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसके लिए सुझाव दिए हैं जिनका सभी को पालन करना चाहिए।

11 राज्यों में हीटवेव का बना हुआ है खतरा

रिपोर्ट के अनुसार देश के 11 राज्यों में हीटवेव का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के 19 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार बना हुआ है। गर्मा और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या करें-क्या नहीं? इसकी जानकारी साझा की है। भले ही आप स्वस्थ हों फिर भी निरंतर इन सुझावों का गंभीरता से पालन करते रहना चाहिए।

गर्मी के कारण हो सकती है कई प्रकार की दिक्कतें

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया गर्मी और हीटवेव के कारण त्वचा की दिक्कतें बढ़ने के साथ शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाने, उल्टी-दस्त, मांसपेशियों में कमजोरी-ऐंठन की समस्या के साथ लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। क्रोनिक बीमारी के शिकार लोगों को गर्मी के कारण जटिलताएं बढ़ सकती हैं। गर्मी के दिनों में पाचन स्वास्थ्य की गड़बड़ी, दस्त की दिक्कतें और अधिक हो सकती हैं इसलिए जरूरी है कि आप पहले से ही सुरक्षात्मक उपाय करते रहें।

गर्मी से बचाव के लिए क्या करें-क्या नहीं?

गर्मी और इसके कारण होने वाली समस्याओं से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है इसके लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझाव जारी किए हैं।