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हेल्थ

चाय या कॉफी में न मिलाएं ये चीज अथवा आपको भी हो सकती हैं बड़ी बीमारियाँ

रात में सोने के बाद जब भी लोग प्रातः काल उठते हैं तो वे नाश्ता करते हैं. प्रातः काल हेल्दी नाश्ता करने के कई फायदे होते हैं. लेकिन प्रातः काल नाश्ता करने से पहले यह जरूर ध्यान देना चाहिए कि जो आप नाश्ता कर रहे हैं वो हेल्दी ही हो.

कई लोग नाश्ते में कुछ ऐसी चीजों का प्रयोग करते हैं जो उनकी स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होती है. यहां हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका प्रयोग नाश्ते में नहीं करना चाहिए:

चाय या कॉफी में न मिलाएं ये चीज

कई लोग चाय या कॉफी में फैटी क्रीम मिला लेते हैं. इससे उसकी चाय या कॉफी बहुत ज्यादा स्वादिष्ट हो जाती है. लेकिन लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि फैटी क्रीम को न मिलाएं.इससे उनके वजन के बढ़ने का खतरा बना रहता है.

सुबह न खाएं पिज्जा  केक

सुबह-सुबह ऐसी चीजों का नाश्ता करना चाहिए जो आपको सारे दिन एक्टिव बनाए रखे. कई लोग प्रातः काल उठते ही पिज्जा या केक का सेवन करने लगते हैं.

नाश्ता करने के समय न करें ये काम 

जब भी आप नाश्ता कर रहे हों तो याद रखें कि आपका ध्यान सिर्फ नाश्ते पर ही हो. नाश्ते के साथ टीवी या फिल्में नहीं देखनी चाहिए. इससे आपका ध्यान नाश्ते पर नहीं होगा. ऐसे में आप अच्छी तरह से नाश्ता नहीं कर पाएंगे.

बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने के लिए कुछ इस तरह करे इलायची का इस्तेमाल

आमतौर पर मिठाई का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाली सफेद इलायची सेहत के बहुत फायदेमंद है. अधिकतर लोग इलायची को स्वादिष्ट मसाले के रूप में ही प्रयोग करते हैं और इसके सेवन से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में अनजान रहते हैं.  हर दिन दो इलायची खाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. आगे पढ़िए सफेद इलायची खाने से होने वाले फायदों के बारे में.

#बॉडी डिटॉक्‍स करता है- इलायची का पानी बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने का एक बेहतर तरीका है। रोजाना इसके सेवन से आपके शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ फ्लश आउट हो जाते हैं और आप काफी बेहतर महसूस करते हैं।

# मुंह की दुर्गंध- भोजन के बाद एक इलायची जरूर चबाना चाहिए। इससे मुंह की दुर्गंध को दूर तो करता ही है, साथ ही आपके पेट से जुड़ी कई समस्यों को दूर करने में भी कारगर साबित हो सकता है।

#एसिडिटी में फायदेमंद- खाने के बाद नियमित रूप से इलायची चबाने से एसिडिटी दूर होती है। खाने के एकदम बाद बैठने के बजाय इलायची चबाते हुए कुछ देर सैर करें।

Corona की नई Study में सामने आया बड़ा सच, गंभीर मरीजों में एक साल बाद भी मिले ये लक्षण

कोरोना महामारी शुरू होने के हाद दुनिया भर में करोड़ो लोग इस बीमारी संक्रमित हुए हैं और लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इस संक्रमण पर कोई शोध किए जा रहे हैं.

इस शोध में यह भी पाया गया है कि हर तीन में से एक लोग में सांस लेने की समस्या बनी रह रही है. वहीं कोरोना के कारण अस्पताल में एडमिट होने वाले लोगों में फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं देखी जा रही है.

इस शोध को करने वाले टीम के मेंबर और चीन-जापान फ्रेंडशिप हॉस्पिटल के प्रोफेसर बिन काओ ने रिपोर्ट पर कहा है है कि हमारा अध्ययन अस्पतालों में भर्ती हुए संक्रमित लोगों के, 12 महीने बाद बीमार होने के संबंध में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है.

इस रिपोर्ट के अनुसार कुछ मरीजों को कोरोना के लक्षणों से एक साल बाद भी मुक्ति नहीं मिली है. इस शोध को 7 जनवरी से 29 मई के बीच किया गया है.

चेहरे के दाग-धब्बों को जड़ से मिटाने के लिए आप भी लगा सकते हैं अंडे का ये फेस मास्क

त्वचा में अत्यधिक तेल उत्पादन और मृत त्वचा कोशिकाओं आदि के कारण त्वचा संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आप घर में आसानी से उपलब्ध सामग्री का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

अंडे का सफेद हिस्सा – अंडे के सफेद भाग में मौजूद प्राकृतिक एंजाइम त्वचा को टोन करने और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद कर सकते हैं. फेस पैक ब्रश का इस्तेमाल करके चेहरे पर एक अंडे का सफेद भाग लगाएं. इसे 10 मिनट तक लगा रहने दें और इसे धो लें. इसके बाद मॉइस्चराइजर लगाएं.

नीम – नीम में एंटीबैटीरियल गुण होते हैं. ये दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करते हैं और त्वचा पर निशान से छुटकारा पाने में मदद करते हैं. नीम के नियमित इस्तेमाल से दाग धब्बे से छुटकारा पा सकते हैं. एक कटोरी में मुट्ठी भर सूखे नीम के पत्ते और 2 चम्मच शहद मिलाएं. इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं और 10-15 मिनट तक लगा रहने दें.

हल्दी – हल्दी में करक्यूमिन होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और उपचार गुण होते हैं. इसके लिए एक बाउल में आधा चम्मच हल्दी पाउडर, एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं.

कोरोना की तीसरी लहर से पहले आप भी हो जाए सावधान अथवा हो सकता हैं ये…

कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। अक्टूबर-नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है और यह भी बताया जा रहा है कि पीक के दौरान रोजाना एक लाख से ज्यादा नए मामले देखने को मिल सकते हैं।

वायरस के खिलाफ एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने के लिए टीके की दोनों खुराक की आवश्यकता होती है और बूस्टर शॉट्स की आवश्यकता पर भी ध्यान दिया जाता है।

इसका मतलब यह हो सकता है कि जिन लोगों को पहले टीका लगाया गया था, यानी प्राथमिकता वाले समूह जिन्हें मई तक पूरी तरह से टीका लगा दिया गया था, अब उनकी प्रतिरक्षा स्तर में गिरावट आ सकती है।

जिसे वैक्सीन से पैदा हुई प्रतिरक्षा को कम करने के लिए भी जाना जाता है। यह आपके सुरक्षा स्तर को और सीमित कर सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का सुझाव इससे निपटने के लिए एक बैकअप सिस्टम किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली ही है।

डाइट में यदि आप भी शमिल करते हैं ये चीज़ तो हो सकते हैं Bad Breath का शिकार

खाने के चक्कर में हम भूल जाते हैं कि उससे सांस की बदबू भी हो सकती है.  की बदबू आपके पूरे दिन को खराब कर सकती है. अगर आप ऐसी कठिन स्थिति से निकलना चाहते हैं, तो हमेशा खाने प ध्यान दें अगर ऐसा फूड से होता है, तो सांस की बदबू को कम करना सुनिश्चित करें. कुछ फूड्स के बारे में बताया जा रहा है जो आपके मुंह की बदबू का कारण बन सकते हैं.

लहसुन- लहसुन में सल्फर बड़ी मात्रा में पाया जाता है. उसकी गंध बहुत मजबूत होती है. लहसुन चबाने के बाद तेज गंध मुंह से आने लगती है. लहसुन के निगलने या लहसुन वाले फूड खाने से भी मुंह में सांस की बदबू होती है, जो पेट के अंदर से आती है.

प्याज- प्याज और लहसुन एलियम पौधे के परिवार से संबंध रखते हैं. लहसुन की तरह, प्याज में भी सल्फ्यूरिक यौगिक की बड़ी मात्रा होती है. कच्चा प्याज खाने के कारण मजबूत गंध मुंह से आना शुरू हो जाती है. उसकी बदबू और स्वाद कम हो जाती है.

कॉफी- पेशेवर काम के दौरान खुद को तरोताजा और सक्रिय रखने के लिए कई कप कॉफी पी जाते हैं. कॉफी के बीज से सांस की बदबू होती है. कॉफी में एक सल्फर यौगिक पाया जाता है. उसमें मौजूद कैफीन हमारे मुंह में लार को सुखा देता है.

दुनियाभर में अबतक कोरोना केस की संख्या पहुंची 21 करोड़ 70 लाख के पार, इन देशों में मचा हाहाकार

दुनिया में कोरोना महामारी को आए दो साल होने वाले हैं और आज भी कई देशों में इसका कहर देखने को मिल रहा है।  वैश्विक कोरोना वायरस केसलोड अब 217 मिलियन से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि मौतें 4.50 मिलियन से अधिक हो गई हैं और अब तक दुनिया में टीकाकरण 5.23 बिलियन से अधिक हो गया है।

अमेरिका दुनिया के सबसे अधिक मामलों और मौतों की संख्या क्रमशः 39,048,678 और 638,676 दर्ज करने के बाद सबसे प्रभावित देश बना हुआ है। संक्रमण के मामले में भारत 3 करोड़ 27 लाख 37 हजार 939 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है।

3 मिलियन (30 लाख) से अधिक मामलों वाले अन्य सबसे खराब देश ब्राजील (20,752,281), फ्रांस (6,834,834), रूस (6,803,323), यूके (6,789,189), तुर्की (6,366,408), अर्जेंटीना (5,178,889), कोलंबिया (4,907,264), ईरान (4,960,744), स्पेन (4,847,298), इटली (4,534,499) , इंडोनेशिया (4,079,267), जर्मनी (3,947,035) और मेक्सिको (3,335,700) हैं।

सोते समय यदि आपको भी होती हैं साँस लेने में तकलीफ तो जरुर पढ़े ये खबर…

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है.

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. सोते समय कंटिनुअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नामक एक मास्क लगाकर भी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

विटामिन A, K और B12 से भरपूर दूध आपको दिलाएगा ये सभी फायदे

आयुर्वेद के अनुसार दूध शरीर के लिये सबसे जरुरी चीज़ है जिसका हमारे आहार में शामिल होना महत्‍वपूर्ण है। आयुर्वेद, सभी को नियमित रूप से हल्‍का गर्म दूध पीने की सलाह देता है। दूध में विटामिन (A, K और B12), थायमाइन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल्‍स जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं।

दूध पीने का सही समय क्या है इस बात को लेकर कई लोगों के मन में दुविधा होती है। दूध पीने का सही समय क्या है। कई लोग कहते हैं दूध पीना सुबह में अच्छा होता है। तो कभी कुछ लोग नाश्ते के साथ दूध पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद समझते है। अगर रात में लिया जाए तो यह दिमाग को शांत करके नींद लाने में काफी मददगार साबित होता है।

सुबह में दूध पीना बच्चों के लिए फायदेमंद है। और बुजुर्गों के लिए दोपहर में दूध पीना आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और यही दुध हम रात में पी ले तो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। ऐसे मे दिन भर का थकान दूर होता है। और हमें नींद भी काफी अच्छे आती है। दूध में कैल्शियम का स्रोत होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में साबित होता है। शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए दूध आपके लिए बहुत जरूरी है

वजन को कम करने के साथ एनीमिया की शिकायत को दूर करेगा नारियल का दूध

नारियल का दूध प्रकृति का एक ऐसा वरदान है जो त्वचा और बाल दोनों के सौन्दर्य को निखारने में पूरी तरह से मदद करता है। इसमें एन्टीऑक्सिडेंट, एन्टीसेप्टिक और ठंडक प्रदान करने वाले गुणों के साथ बहुत सारी पौष्टिकताओं का खजाना होता है जो सौन्दर्य संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाने में तो मदद करता ही है त्वचा को निखारने में भी सहायता करता है।

एनीमिया रोकता है

आज कल ज्यादातर महिलाओं को एनीमिया की शिकायत है और नारियल दूध इसके लिए शानदार उपाय है. नारियल दूध आयरन की पर्याप्त मात्रा से शरीर को ईंधन मुहैया करा सकता है. नारियल दूध में मौजूद आयरन की अच्छी मात्रा स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की बनावट के लिए जरूरी है. पाबंदी से इस्तेमाल एनीमिया को रोक सकता है.

सेहतमंद दिल

स्वस्थ जिंदगी के लिए हमें स्वस्थ दिल की जरूरत होती है. दिल के स्वास्थ्य को बढ़ाने का एक तरीका नारियल दूध का सेवन है. नारियल दूध में लॉरेक एसिड पाया जाता है. माना जाता है कि शरीर के कोलेस्ट्रोल लेवल पर उसका सकारात्मक असर होता है. नियमत तौर पर इसका इस्तेमाल शरीर में खराब कोलेस्ट्रोल को घटा सकता है और अच्छा कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है.

वजन में कमी

नारियल दूध में मौजूद कीटोन पूर्णता का एहसास कराता है. ये ज्यादा खाने से आपको रोकता है और कैलोरी की संख्या में कमी लाता है. अगर आप वजन घटाने की यात्रा पर हैं, तो आपके सफर में नारियल दूध अत्यधिक मददगार है.