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हेल्थ

मीठा खाते समय इन 4 बातों का रखें ध्यान, मधुमेह के रोगियों को मिलेगा फायदा

धुमेह के रोगियों को कभी-कभी कुछ हद तक मिठाई खा सकते हैं जनता का खून चीनी नियंत्रण होता है, वही लोग ऐसा कर सकते हैं। जिनको हाई ब्लड शुगर है उन्हें मीठा नहीं खाना चाहिए।

मीठा खाने से पहले फाइबर और प्रोटीन से भरपूर कुछ खाएं। इस बात का ध्यान रखेंगे तो ब्लड शुगर जल्दी नहीं बढ़ेगाडायटीशियन के मुताबिक डायबिटीज के मरीज को थोड़ी मात्रा में मीठा खाना चाहिए, ब्लड शुगर ज्यादा प्रभावित न हो। ज्यादा मीठा खाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

मधुमेह के रोगी को खाली पेट मीठा नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ेगा। ऐसे लोगों को नाश्ते या लंच के बाद ही मीठा खाना चाहिए।

रात के समय मीठा खाना डायबिटीज के मरीज को काफी परेशान कर सकता है। पेशाब आने की समस्या हो सकती है। सुबह उल्टी हो सकती है। ऐसे रोगी रात्रि में कोई भी मीठा न खाएं।

मधुमेह रोगियों को सूखी मिठाई ही खानी चाहिए। कोल्ड ड्रिंक्स और मीठे जूस से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। टाइप 1 मधुमेह रोगी और इन्सुलिन लेने वालों को किसी भी प्रकार की मिठाई नहीं खानी चाहिए।

मसूड़ों के लिए संजीवनी की तरह काम करता है ये आयल, मिलेगा हर समस्या से निजात

 मसूड़ों का रंग हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. काले मसूड़े और उनके रंग में परिवर्तन चिकित्सा स्थिति, दवा, धूम्रपान या अन्य लाइफस्टाइल फैक्टर के कारण हो सकते हैं.

इनका रंग लाल या गुलाबी से लेकर भूरा या काला तक हो सकता है. मसूड़ों के रंग में परिवर्तन एक अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, इसलिए इस समस्या को गंभीरता से लेनी चाहिए. हम आज आपको कुछ घरेलू तरीके बताएंगे.

दांतों और मसूड़ों के लिए ग्रीन टी काफी फायदेमंद होता है. रोज ग्रीन टी पीने से मसूड़ों का कालापन दूर किया जा सकता है.नीलगिरी का तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो मसूड़ों के लिए संजीवनी की तरह काम करता है. नीलगिरी का तेल से मसूड़ों का कालापन दूर किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल रुई की मदद से मसूड़ों पर लगाकर करें.

शरीर में विटामिन डी की कमी से भी मसूड़े काले हो जाते हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए अपनी डाइट में विटामिन डी रिच फूड को शामिल करें. आप चाहें तो डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं.लौंग का तेल मसूड़ों का काल्पन दूर करने के लिए कारगर है. इसका इस्तेमाल रुई की मदद से मसूड़ों पर लगाकर किया जा सकता है.

घर की चीजों से हाजमा को सुधारने के लिए फॉलो करे ये स्टेप्स

अगर आपके पेट बहुत ज्यादा खराब रहती है आपको खानपान में बदलाव करने की जरूरत आजकल लोगों का हाजमा इतना कमजोर हो गया है कि वो जरा सी भी तेल मसाले वाली चीजें खा लेते हैं तो पेट गड़बड़ हो जाता है।

 आराम पाने के लिए अब इससे राहत पाने के लिए आपको बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप घर के किचन में मौजूद मसालों के इस्तेमाल से अपने घर की चीजों से हाजमा को सुधार सकते हैं।

मेथी दाना

मेथी दाना हमारे पेट को साफ करने में मदद करता है साथ ही हमारी स्किन के लिए बहुत अच्छा है एक गिलास गुनगुने पानी से पी लीजिए आपको राहत मिलेगी।

इलायची

इलायची के सेवन से आपकी सेहत को दुरुस्त रख सकते हैं। सीने में होने वाली जलन को कम करने में मदद करता है।

मसाला जीरा

यह मसाला जीरे के सेवन से भी आप अपनी सेहत को सुधार सकते हैं हैं।

सोंफ

सौंफ भी आपके पेट की हालत को सुधारने में मदद करता है यहां तक कि बड़े-बड़े होटलों में भी इसको सर्व किया जाता है।

अलसी के बीज की मदद से आप भी दूर भगा सकते हैं कई बीमारियाँ

लसी के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इस छोटे-छोटे बीज में बड़े-बड़े फायदे छिपे हुए हैं। इसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में भी किया जाता है। इसे ‘तीसी’ के नाम से भी जाना जाता है।

इसके सेवन से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। अलसी के बीज दिल के लिए काफी फायदेमंद हैं, लेकिन किसी भी समस्या में इन बीजों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अलसी के बीज में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड पाचन संबंधी समस्याओं के लिए कारगर है। फाइबर कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में कारगर है। आप पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए आहार में अलसी के बीज को शामिल कर सकते हैं।

अलसी के बीज कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक है। दरअसल, अलसी का तेल और इसके बीज का पाउडर ओमेगा-3 फैटी एसिड और अल्फा-लिनोलेनिक से भरपूर होता है, जो कैंसर में लाभदायक माना जाता है।

अगर आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो नियमित रूप से अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं। जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

चाय पीने के बाद इस वजह से नहीं करना चाहिए ठंडे पानी का सेवन

चाय पीने के बाद एसिडिटी और अन्य समस्याएं आम हो जाती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि चाय पीने से कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। चाय पीते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।  अगर आप गर्म चाय के साथ ठंडे तरल पदार्थों का सेवन करते हैं तो समस्या और बढ़ सकती है। चाय के साथ ठंडा पानी पीने से भी दस्त हो सकते हैं।

अगर आप गर्म पानी के तुरंत बाद पानी पीते हैं तो इससे पेट खराब हो जाता है। लूज मोशन की समस्या हो सकती है। गैस बनने लगती है। इसलिए चाय के तुरंत बाद पानी पीने से बचना चाहिए।

चाय के तुरंत बाद पानी पीने से आप सर्दी और फ्लू की समस्या से परेशान हो सकते हैं। अगर आप अक्सर चाय के साथ पानी पीते हैं तो समस्या और गंभीर हो सकती है।

डॉक्टर्स का कहना है कि जो लोग चाय के तुरंत बाद पानी पीते हैं. उसकी नाक से खून आ सकता है। अगर यही समस्या बनी रही तो समस्या बढ़ सकती हैचाय के तुरंत बाद पानी पीने से दांत खराब हो जाते हैं। इससे दांतों में सड़न, पीलापन, संवेदनशीलता भी हो सकती है। थोड़ा ठंडा और गर्म पानी दांतों को प्रभावित कर सकता है।

Vitamin B-12 से भरपूर ये चीजें आपको दिला सकती हैं कई हेल्थ बेनिफिट्स

 सभी पोषक तत्वों में से हमारे शरीर के लिए विटामिन बी 12 सबसे जरूरी माना जाता है. दरअसल, ये दिमाग और दिल के लिए भी जरूरी होता है. विटामिन बी 12 तंत्रिका कोशिकाओं और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए जरूरी होता है.

शरीर में इसकी कमी होने पर कई सारी बीमारियों के होने का खतरा रहता है. विटामिन बी 12 की कमी खून और दिमाग की कमजोरी की वजह बन सकती है.

दूध और दूध से बनी चीजों में विटामिन बी 12 की भरपूर मात्रा मौजूद होती है. आप दही, पनीर जैसे डेयरी प्रॉडक्ट्स को अपनी डाइट में शामिल कर विटामिन बी 12 की कमी को दूर कर सकते हैं. ये प्रोटीन और कैल्शियम से भी भरपूर होते हैं और सेहत को फायदा पहुंचाते हैं.

ज्यादातर लोग वेट लॉस के लिए ओट्स खाते हैं. लेकिन ये और भी कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. ओट्स में विटामिन बी 12 मौजूद होता है. इसे खाना सेहत के लिए फायदेमंद है.

सोयाबीन पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इससे बनी चीजों को डाइट में शामिल कर विटामिन बी 12 की कमी को पूरा कर सकते हैं. सोया चंक्स, सोया मिल्क और सोयाबीन को स्प्राउट्स के रूप में शामिल कर विटामिन बी 12 ले सकते हैं

डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद हैं पनीर का सेवन

डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है जो तब होती है जब पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है.

 डायबिटीज के मरीजों में अपनी डाइट में वो चीजें शामिल करनी चाहिए जिसमें कार्ब्स की मात्रा कम हो. ऐसा ही एक फूड है पनीर. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और कार्ब्स कम होता है. यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है.

पनीर खाने के फायदे

1. कम जीआई के कारण पनीर डायबिटीज के मरीजों के लिए एक हेल्दी फूड है.
2. पनीर में कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं, जिससे शरीर में अचानक से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता.
3. पनीर के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है.
4. डायबिटीज के मरीज किसी भी वक्त पनीर का सेवन कर सकते हैं. शुगर के मरीजों के लिए टोंड मिल्क से तैयार पनीर
5. फायदेमंद होता है. एक दिन में डायबिटीज के मरीज 80 से 100 ग्राम तक पनीर का सेवन कर सकते हैं.

कैसे खाएं पनीर
डायबिटीज के मरीज पनीर को पकाकर या कच्चा ही खा सकते हैं. कच्चा पनीर में फैट कम होता है और यह डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा फायदेमंद होता है. इसके अलावा, आप चाहे तो पनीर को अलग-अलग डिश के रूप में तैयार कर सकते हैं. पनीर को सब्जी व स्नैक्स के रूप में खाया जा सकता है.

दिल की बीमारी से ग्रसित मरीजों को नही करना चाहिए अंडे का सेवन

अंडे में प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारी पूरी सेहत ख्याल रखता है और साथ में वजन कम करने में मदद करता है.डॉक्टर भी कई लोगों को अंडा खाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये कई विटामिन और मिनरल्स का नेचुरल सोर्स है.

दिल की बीमारी
अगर आपको दिल से जुड़ी कोई भी समस्या है तो अंडे का सेवन ना करें. अंडे की जर्दी (पीला वाला हिस्सा) में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है  समस्या ज्यादा बढ़ जाती है

अपच
खाना खाने के बाद बहुत से लोगों में अपच की समस्या पैदा हो जाती है. आपके पेट में दर्द हो सकता है. इसलिए अपच की समस्या में अंडा खाने से बचें.

कोलेस्ट्रॉल
अंडे की जर्दी  में कोलेस्ट्रॉल होता है जो आपको बीमार कर सकता है. जिन लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उन्हें तो भूलकर भी अंडा नहीं खाना चाहिए.

दस्त
दस्त की समस्या में तो भूलकर भी अंडे का सेवन ना करें. अंडा गर्म होता है और पेट खराब होने पर गर्म चीजें नहीं खानी चाहिए, वरना परेशानियां और बढ़ सकती हैं. दस्त में अंडे खाने से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.

उच्च रक्तचाप को कंट्रोल के लिए फॉलो करें ये सिम्प्ल स्टेप्स

आज के समय में गड़बड़ लाइफस्टाइल और खराब खानपान के चलते ज्यादातर लोग हाई बीपी का शिकार हो रहे हैं. इसे कंट्रोल करने के लिए लोग ना जाने क्या-क्या करते हैं.

 उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता जाता है. वहीं रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है.

ब्लड प्रेशर को सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दो तरह से मापा जाता है. बीपी मापने के बाद, यह पता चलता है कि व्यक्ति की धड़कनों के बीच तनाव या संकुचन है. ऐसे में अगर आप भी हाई के मरीज हैं

आयुर्वेद में त्रिफला को औषधि कहा जाता है. इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी बैक्‍टीरियल के गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों के साथ ही हाई बीपी में भी असरदार है.

अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं, तो इसे कंट्रोल करने के लिए अर्जुन की छाल का सेवन करें.  आसानी से अर्जुन की छाल का पाउडर मार्केट में मिल जाएगा. रोजाना सुबह पानी के साथ इसका सेवन करें.

उच्च रक्तचाप को कंट्रोल के लिए आपने कई चीजों के नाम सुने होंगे, लेकिन खरबूज के बीज में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में फायदेमंद होते हैं. साथ ही ये हाई बीपी को कंट्रोल करने में रामबाण है.  रोजाना खरबूजे के बीज का सेवन कर सकते हैं.

एंटी एजिंग फूड्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बीमारी को रोकने में हैं कारगर

एजिंग का असर सबसे पहले चेहरे पर दिखने लगता है। रिंकल्स, ड्राय स्किन , पिगमेंटेशन , ब्लेमिशेस जैसी स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ती उम्र के साथ दिखना लाजमी है।

आजकल ये समस्याएं ऐज स्पेसिफिक न होकर बहुत कॉमन हो गई हैं। एक हेल्दी लाइफस्टाइल न फॉलो करना और केमिकल्सयुक्त चीजों का इस्तेमाल इसका मुख्य कारण है।

फ्री रेडिकल्स केमिकल अनस्टेबल कंपाउंड्स हैं जो बॉडी में सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। सेल डैमेज एजिंग के कई लक्षणों का कारण है, जिसमें रिंकल्स, फाइन लाइन्स और सैगिंग स्किन शामिल है।

पपीता को अक्सर डाइजेशन के लिए अच्छा माना जाता है  इसमें कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनिरल्स पाए जाते हैं स्किन से रिंकल को हटाते हैं और स्किन में चमक लाते हैं। स्किन को हेल्दी रखने के लिए इसमें विटामिन ए, सी, के और ई मौजूद रहता है। पपीता में एक एंजाइम पेपेन पाया जाता है जिसमें एंटी एजिंग गुण होता है।

पालक के फायदे के बारे में हम सब जानते हैं। पालक स्वास्थ्य के लिए तो बेहतर होता ही है, इसमें एंटी एजिंग गुण भी पाया जाता है। इसमें विटामिन, ए, सी, ई और के पाया जाता है। इसके अलावा इसमें प्लांट बेस्ड आयरन भी पाया जाता है.

शिमला मिर्च जिस तरह खुद देखने में सुंदर लगती है उसी तरह इसका सेवन करने वालों के चेहरे पर भी हमेशा चमक रहती है। शिमला मिर्च में कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन सी और कॅरोटीनोइड्स भी पाए जाते हैं।